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खुद की आर्थिकी मजबूत कर दूसरों को भी रोजगार देना चाहती हैं देवभूमि की युवतियां, रिसर्च जारी - UTTARAKHAND WOMEN EMPOWERMENT

उत्तराखंड में महिलाओं को रोजगार से जोड़ने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही महिलाएं भी उद्यमिता को बढ़ावा देना चाहती हैं.

Women Employment in Uttarakhand
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सौंपी रिसर्च की जिम्मेदारी (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 17, 2025, 7:20 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने पर जोर दे रही है. इसके लिए तमाम योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं. वहीं, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के निर्देश पर प्रदेश में मौजूद सभी विश्वविद्यालय "एक विश्वविद्यालय एक शोध" योजना पर काम रहे हैं. इसी क्रम में दून यूनिवर्सिटी महिलाओं की आजीविका में सुधार किए जाने को लेकर शोध कर रहा है.

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने जनवरी 2024 में प्रदेश में मौजूद सभी विश्वविद्यालयों को रिसर्च करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. जिसके तहत "एक विश्वविद्यालय एक शोध" शुरू किया गया. हालांकि इस दौरान राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस बाबत निर्देश दिए थे कि उत्तराखंड के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सेंट्रल विषयों पर रिसर्च करें. जिसके क्रम में दून विश्वविद्यालय ने "इंप्रूविंग लाइफ्स एंड लाइवलीहुड ऑफ उत्तराखंड वूमेन" सब्जेक्ट चयनित किया था. ऐसे में पिछले एक साल के भीतर प्राइमरी और सेकेंडरी डाटा का अध्ययन किया है. सेकेंडरी डाटा में भारत और उत्तराखंड सरकार के आंकड़े, भारत और राज्य सरकार का इकोनॉमिक समेत अन्य जानकारियां शामिल हैं.

आर्थिकी मजबूत कर दूसरों को भी रोजगार देना चाहती हैं युवतियां (Video-ETV Bharat)

साथ ही बताया कि, कई जिलों के 992 हाउस होल्ड का सर्वे किया है. जिसमें पिथौरागढ़, चमोली, अल्मोड़ा, पौड़ी, उधमसिंह नगर और देहरादून जिला शामिल है. रिसर्च में फोकस किया गया है कि अगर महिलाएं पलायन करती है और मैदानी जिलों में आती हैं तो उनके लाइवलीहुड में क्या परिवर्तन आया है, क्या ऐसी योजनाएं जो सरकारें चला रही है. लेकिन उसमें कोलैबोरेटिव एफर्ट्स (Collaborative Efforts) की जरूरत है. साथ ही कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 45 योजनाएं संचालित की जा रही है. सर्वे में ये बात सामने आई है कि तमाम योजनाओं का लाभ सीधे महिलाओं को मिल रहा है.

साथ ही बताया कि महिलाओं की आजीविका बढ़ाए जाने को लेकर किए गए रिसर्च में तमाम चीजें सामने आई हैं. जिसके तहत, प्रदेश की युवतियों की पहली च्वाइस सरकारी नौकरी तो है ही लेकिन इसके साथ ही उनकी दूसरी चॉइस एंटरप्रेन्योरशिप की है, ताकि वो अपना एंटरप्राइज खोलकर रोजगार देने वाली लीडरशिप के रूप में आगे आना चाहती हैं. फिलहाल रिसर्च जारी है ऐसे में अगले दो-तीन महीने में रिसर्च से सामने आने वाले तथ्यों को भी सरकार से साझा किया जाएगा, ताकि कोई बजटीय प्रावधान करना है तो वो किया जा सके. इसके अलावा, सरकार की जो योजनाएं चल रही है उसको महिलाओं की जरूरत के अनुरूप करना होगा.

अध्ययन में इन बिंदुओं पर किया गया फोकस

  • उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन और आजीविका से संबंधित डेटा एकत्र किया गया
  • स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुंच की स्थिति
  • महिलाओं को मिलने वाले शिक्षा के अवसर
  • महिलाओं को मिलने वाले वित्तीय सेवाओं का लाभ
  • सुरक्षा एवं संरक्षण और जीवन की गुणवत्ता जैसे इंपॉर्टेंट विषयों पर अध्ययन
  • शोध में महिलाओं के उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर

इसके अलावा, आजीविका विविधीकरण, रिवर्स माइग्रेशन, सरकारी योजनाओं के प्रभाव और आजीविका में सुधार के तमाम पहलुओं का भी विश्लेषण किया गया है
पढ़ें-वन स्टॉप सेंटर दिला रहा 'न्याय', इंसाफ के लिए नहीं भटक रही ये महिलाएं, जानिए कैसे ले सकती हैं मदद

देहरादून: उत्तराखंड सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने पर जोर दे रही है. इसके लिए तमाम योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं. वहीं, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) के निर्देश पर प्रदेश में मौजूद सभी विश्वविद्यालय "एक विश्वविद्यालय एक शोध" योजना पर काम रहे हैं. इसी क्रम में दून यूनिवर्सिटी महिलाओं की आजीविका में सुधार किए जाने को लेकर शोध कर रहा है.

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने जनवरी 2024 में प्रदेश में मौजूद सभी विश्वविद्यालयों को रिसर्च करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. जिसके तहत "एक विश्वविद्यालय एक शोध" शुरू किया गया. हालांकि इस दौरान राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस बाबत निर्देश दिए थे कि उत्तराखंड के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सेंट्रल विषयों पर रिसर्च करें. जिसके क्रम में दून विश्वविद्यालय ने "इंप्रूविंग लाइफ्स एंड लाइवलीहुड ऑफ उत्तराखंड वूमेन" सब्जेक्ट चयनित किया था. ऐसे में पिछले एक साल के भीतर प्राइमरी और सेकेंडरी डाटा का अध्ययन किया है. सेकेंडरी डाटा में भारत और उत्तराखंड सरकार के आंकड़े, भारत और राज्य सरकार का इकोनॉमिक समेत अन्य जानकारियां शामिल हैं.

आर्थिकी मजबूत कर दूसरों को भी रोजगार देना चाहती हैं युवतियां (Video-ETV Bharat)

साथ ही बताया कि, कई जिलों के 992 हाउस होल्ड का सर्वे किया है. जिसमें पिथौरागढ़, चमोली, अल्मोड़ा, पौड़ी, उधमसिंह नगर और देहरादून जिला शामिल है. रिसर्च में फोकस किया गया है कि अगर महिलाएं पलायन करती है और मैदानी जिलों में आती हैं तो उनके लाइवलीहुड में क्या परिवर्तन आया है, क्या ऐसी योजनाएं जो सरकारें चला रही है. लेकिन उसमें कोलैबोरेटिव एफर्ट्स (Collaborative Efforts) की जरूरत है. साथ ही कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 45 योजनाएं संचालित की जा रही है. सर्वे में ये बात सामने आई है कि तमाम योजनाओं का लाभ सीधे महिलाओं को मिल रहा है.

साथ ही बताया कि महिलाओं की आजीविका बढ़ाए जाने को लेकर किए गए रिसर्च में तमाम चीजें सामने आई हैं. जिसके तहत, प्रदेश की युवतियों की पहली च्वाइस सरकारी नौकरी तो है ही लेकिन इसके साथ ही उनकी दूसरी चॉइस एंटरप्रेन्योरशिप की है, ताकि वो अपना एंटरप्राइज खोलकर रोजगार देने वाली लीडरशिप के रूप में आगे आना चाहती हैं. फिलहाल रिसर्च जारी है ऐसे में अगले दो-तीन महीने में रिसर्च से सामने आने वाले तथ्यों को भी सरकार से साझा किया जाएगा, ताकि कोई बजटीय प्रावधान करना है तो वो किया जा सके. इसके अलावा, सरकार की जो योजनाएं चल रही है उसको महिलाओं की जरूरत के अनुरूप करना होगा.

अध्ययन में इन बिंदुओं पर किया गया फोकस

  • उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन और आजीविका से संबंधित डेटा एकत्र किया गया
  • स्वास्थ्य सेवाओं तक महिलाओं की पहुंच की स्थिति
  • महिलाओं को मिलने वाले शिक्षा के अवसर
  • महिलाओं को मिलने वाले वित्तीय सेवाओं का लाभ
  • सुरक्षा एवं संरक्षण और जीवन की गुणवत्ता जैसे इंपॉर्टेंट विषयों पर अध्ययन
  • शोध में महिलाओं के उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर

इसके अलावा, आजीविका विविधीकरण, रिवर्स माइग्रेशन, सरकारी योजनाओं के प्रभाव और आजीविका में सुधार के तमाम पहलुओं का भी विश्लेषण किया गया है
पढ़ें-वन स्टॉप सेंटर दिला रहा 'न्याय', इंसाफ के लिए नहीं भटक रही ये महिलाएं, जानिए कैसे ले सकती हैं मदद

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