नाहन: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार की ओर से चलाई गई इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों और यहां तक कि क्लास फोर कर्मियों के पसीने छुड़वा रही है. इसका एक बड़ा कारण योजना के तहत सरकार से हर माह 1500 रुपये लेने के लिए तहसील कल्याण कार्यालयों में लगने वाला महिलाओं का जमावड़ा है. प्रतिदिन काफी संख्या में 1500 रुपये के फॉर्म लेकर न केवल महिलाएं बल्कि अपनी पत्नियों और बहनों के फॉर्म लेकर पुरुष भी पहुंच रहे हैं.
सिरमौर में 60 हजार फॉर्म जमा
जिला सिरमौर की बात करें तो यहां योजना को लेकर महिलाओं में खासा क्रेज देखा जा रहा है. अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 60 हजार फॉर्म संबंधित विभाग को प्राप्त हो चुके हैं. यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. बता दें कि जिला सिरमौर में 9 तहसीलें है, लेकिन तहसील कल्याण अधिकारी के 6 ही कार्यालय हैं. इसमें नाहन, पांवटा साहिब, पच्छाद, शिलाई, श्री रेणुका जी व राजगढ़ शामिल हैं जबकि ददाहू, नौहराधार व कमरऊ तहसीलों से ताल्लुक रखने वाली महिलाओं को उनके क्षेत्र में संबंधित कार्यालय न होने के कारण फॉर्म जमा करवाने के लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्र की अन्य तहसीलों के धक्के खाने पड़ रहे हैं.
4128 महिलाओं के खाते में ₹4500 जमा
फॉर्म भरने को लेकर महिलाओं के बीच इतनी होड़ मची है कि तहसील कल्याण अधिकारी से लेकर चपड़ासी व चालक इसी काम में लगे हैं. यही वजह है कि फॉर्मों की बढ़ती संख्या ने सरकारी कर्मियों के पसीने छुड़वाकर रखे हैं. वहीं, जिला सिरमौर में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पूर्व 16 मार्च से पहले मिले आवेदनों की मंजूरी के बाद जिले में 4128 महिलाओं के खाते में तीन माह अप्रैल, मई व जून माह की एकमुश्त किश्त दी जा चुकी है, यानी 1500-1500 रुपये के हिसाब से प्रत्येक महिला के खाते में 4500 रुपये आए हैं. इस योजना को लेकर जिले में अब तक 1 करोड़ 85 लाख 76 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं.
जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा ने बताया कि उक्त योजना को लेकर जिला सिरमौर की महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. अब तक जिले में करीब 60 हजार आवेदन जिले के विभिन्न तहसील कल्याण कार्यालयों से जमा हो चुके हैं. 4128 पात्र महिलाओं को अप्रैल, मई व जून की एकमुश्त 4500 रुपये की राशि बचत खातों के माध्यम से दी जा चुकी है. उन्होंने कहा सरकार की ये एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका हर तहसील में उत्साह देखने को मिल रहा है. अरोड़ा ने कहा कि भले ही विभाग के पास मैनपॉवर सीमित है, लेकिन कार्यालयों में आने वाली महिलाओं के फॉर्म को लेकर अकारण किसी भी तरह की देरी नहीं की जा रही है. फॉर्म में छोटी-मोटी कमियों को मौके पर ही निपटाया जा रहा है.
"योजना को लेकर कई अफवाहें भी चल रही हैं. योजना को लेकर कोई भी अंतिम तिथि निर्धारित नहीं है. सरकार की तरफ से ये स्पष्ट आदेश हैं कि ये फॉर्म जमा होते रहेंगे. लिहाजा सभी पात्र महिलाओं से अनुरोध है कि महिलाएं इस योजना का लाभ उठाएं और किसी भी तरह की अफवाह में न आएं. प्रतिदिन का डाटा सरकार के साथ शेयर किया जा रहा है, ताकि सरकार को भी बजट प्रावधान में आसानी रहे और जहां तक पात्रता का सवाल है, तो सभी पात्र महिलाओं को यह राशि उपलब्ध होगी." - विवेक अरोड़ा, जिला कल्याण अधिकारी सिरमौर
बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए शुरू की गई इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना हिमाचल की महिलाओं के लिए लाभदायक साबित हो रही है. इस योजना के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं. जिला कल्याण कार्यालय के जरिए इस योजना को लागू किया गया है. बरहाल यह योजना महिलाओं के लिए लाभदायक साबित हो रही है, लेकिन योजना को सिरे चढ़ाने वाले 1500 रुपये के फॉर्मों की छंटनी ने अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के पसीने जरूर छुड़वा रखे हैं.