अलवर. जिले में पानी की समस्या इतनी बढ़ चुकी है कि विभाग के अधिकारी भी आश्वासन देने से बच रहे हैं. लोगों ने कहा कि अब जलदाय विभाग के अधिकारी फोन तक उठाने से बच रहे हैं. शुक्रवार को भी जलदाय विभाग के कार्यालय में शहर के सूर्य नगर डी ब्लॉक व वार्ड 48 के लोग पहुंचे.
शहर के वार्ड नंबर 48 के मनोहर सैनी ने कहा कि 2 महीने से पानी की समस्या है. पहले हमारे क्षेत्र में थोड़ा बहुत पानी आता था, लेकिन अब वह भी बंद हो गया है. हमारी इसी समस्या को अवगत कराने के बाद हमें यह बताया गया कि हमारी कॉलोनी में जो बोरिंग की गई थी, वह सूख गई. मौके पर जलदाय विभाग के अधिकारियों के साथ जाकर क्षेत्र की तीनों बोरिंग को चेक किया गया, तो सभी बोरिंग में पानी आ रहा था.
विभाग के अधिकारियों ने मौका मुआयना करते हुए पाया कि क्षेत्र में कुछ जगह अवैध कनेक्शन भी पाए गए जिसके चलते 50 घरों में पानी की समस्या बनी हुई है. अवैध कनेक्शन को हटाने के लिए भी समय दिया गया था, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. विभाग के अधिकारियों ने अब फोन उठाना तक बंद कर दिया. पानी की समस्या के निवारण के लिए अब घरों में प्राइवेट टैंकरों के माध्यम से पानी डलवाया जा रहा है.
जलदाय विभाग की टंकी पर चढ़कर दिया धरना: सूर्य नगर डी ब्लॉक की महिला रेखा ने बताया कि पानी की समस्या से त्रस्त महिलाएं जलदाय विभाग के अधिकारियों से मिलने से पहले विभाग में बनी टंकी पर पहुंची और धरना दिया. इसके बाद समस्या से अवगत कराने के लिए अधिकारियों के पास पहुंचे. महिलाओं ने बताया कि महिलाओं के पहुंचने पर अधिकारी ऑफिस में नहीं मिले.
रेखा ने बताया कि मध्यम वर्ग के लोग 500 रुपए का टैंकर भी ज्यादा समय तक नहीं मंगवा सकते. जलदाय विभाग के अधिकारियों से निवेदन है कि जल्द से जल्द पानी की समस्या का निवारण किया जाए. जलदाय विभाग में एकत्रित लोगों ने कहा कि अधिकारी पानी की बात करने से अब बच रहे हैं. वहीं पानी की कमी के चलते जनता त्रस्त हो रही है. इस शहर में जनता की आवाज को सुनने वाला अब कोई नहीं है.
जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता ललित करोल ने कहा कि शहर में पेयजल सुचारु व्यवस्था बनाए रखने के लिए टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है. रोजाना अलवर शहर में 300 टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है. पिछले दो दिनों में किसी कमी के चलते ठेकेदार के माध्यम से टैंकर की सप्लाई पूरी नहीं हो पाई.