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महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पुलिसकर्मी ने दर्ज कराए बयान - wrestlers sexual harassment case

female wrestlers sexual harassment case: राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले की जांच में शामिल एक महिला सब इंस्पेक्टर का बयान दर्ज किया है. अदालत ने पीड़िता से SAI सेंटर लखनऊ और सर छोटू राम स्टेडियम रोहतक की तस्वीरें ली थीं. एक अन्य अभियोजन पक्ष की गवाह मेडिकल आधार पर पेश नहीं हुई. कोर्ट ने पीड़िता को 23 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है.

23 अगस्त को पीड़िता का दर्ज होगा बयान.
23 अगस्त को पीड़िता का दर्ज होगा बयान. (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 6, 2024, 8:14 PM IST

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले की जांच में शामिल एक महिला सब इंस्पेक्टर का बयान दर्ज किया है, उसने पीड़ितों में से एक से साई सेंटर लखनऊ और सर छोटू राम स्टेडियम रोहतक की तस्वीरें ली थीं. अभियोजन पक्ष की एक अन्य गवाह (जो पीड़िता है) मेडिकल आधार पर पेश नहीं हुई. कोर्ट ने पीड़िता को 23 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) प्रियंका राजपूत की अदालत अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज कर रही है.

कोर्ट ने सब इंस्पेक्टर रश्मि का बयान दर्ज किया. बचाव पक्ष के वकील राजीव मोहन ने गवाह से जिरह की. जिरह के दौरान गवाह ने कहा कि जांच उसे नहीं सौंपी गई थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर उसने जांच में भाग लिया. इसके बाद इंस्पेक्टर रवि ने साइट प्लान तैयार किया. अब कोर्ट ने पीड़िता एसएम को साक्ष्य दर्ज करने के लिए बुलाया है. पिछली तारीख पर कोर्ट ने कांस्टेबल मुकेश कुमार का बयान दर्ज किया था.

11 जुलाई को पूर्व सांसद और पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण और विनोद तोमर के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने और मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया था. 21 मई को कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए. उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया और मुकदमे की मांग की. अदालत ने 10 मई को उनके खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था. अदालत ने 10 मई को पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा नेता बृज भूषण सिंह और तोमर के खिलाफ कई महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर 'आरोप तय' करने का आदेश दिया था.

आदेश पारित करते हुए अदालत ने कहा था कि बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पांच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और एक महिला की विनम्रता को ठेस पहुंचाने के अपराध के साथ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री थी. अदालत ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354 और 354 ए (आईपीसी) के तहत आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई. उनके खिलाफ दो महिलाओं के आरोपों पर धारा 506 (भाग 1) के तहत भी आरोप तय किए गए हैं. हालांकि, अदालत ने छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बृज भूषण को मुक्त कर दिया.

बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ आरोपपत्र तयः अदालत ने मामले को आधिकारिक तौर पर आरोप तय करने के लिए 21 मई की तारीख तय की थी. बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में कहा गया है कि दोनों आरोपियों को 'गिरफ्तारी के बिना' मुकदमे के लिए आरोपित किया जाता है. क्योंकि उन्होंने जांच में शामिल होकर सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत निर्देशों का पालन किया है. आरोप पत्र में आगे कहा गया है कि अब तक की जांच के आधार पर बृज भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के "अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है.

1599 पन्नों की चार्जशीट में 44 गवाहों के बयान और सीआरपीसी 164 के तहत छह बयान दर्ज

इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट में 44 गवाहों के बयान और सीआरपीसी 164 के तहत छह बयान दर्ज किए गए. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में घटनाओं के दौरान क्लिक की गई तस्वीर सहित कई तस्वीरें भी जमा कीं. दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि छह शीर्ष पहलवानों की शिकायतों की "अब तक की जांच" के आधार पर, सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के "अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें : बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज पॉक्सो मामले पर फैसला फिर टला

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने 354/354ए/506 के तहत एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल

आरोपपत्र में कहा गया है कि मामले में गवाहों ने उल्लेख किया है कि उन्होंने शारीरिक रूप से गलत व्यवहार होते भी देखा. दिल्ली पुलिस के पीआरओ सुमन नलवा ने बताया कि दोनों मामलों में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा था कि पहलवानों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में जांच पूरी होने के बाद हम आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354डी और आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 354/354ए/506 के तहत राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : Land for Job केस में ईडी ने पहली पूरक चार्जशीट दाखिल की, 11 आरोपी बनाए गए

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले की जांच में शामिल एक महिला सब इंस्पेक्टर का बयान दर्ज किया है, उसने पीड़ितों में से एक से साई सेंटर लखनऊ और सर छोटू राम स्टेडियम रोहतक की तस्वीरें ली थीं. अभियोजन पक्ष की एक अन्य गवाह (जो पीड़िता है) मेडिकल आधार पर पेश नहीं हुई. कोर्ट ने पीड़िता को 23 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) प्रियंका राजपूत की अदालत अभियोजन पक्ष के साक्ष्य दर्ज कर रही है.

कोर्ट ने सब इंस्पेक्टर रश्मि का बयान दर्ज किया. बचाव पक्ष के वकील राजीव मोहन ने गवाह से जिरह की. जिरह के दौरान गवाह ने कहा कि जांच उसे नहीं सौंपी गई थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर उसने जांच में भाग लिया. इसके बाद इंस्पेक्टर रवि ने साइट प्लान तैयार किया. अब कोर्ट ने पीड़िता एसएम को साक्ष्य दर्ज करने के लिए बुलाया है. पिछली तारीख पर कोर्ट ने कांस्टेबल मुकेश कुमार का बयान दर्ज किया था.

11 जुलाई को पूर्व सांसद और पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण और विनोद तोमर के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले में अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान दर्ज करने और मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया था. 21 मई को कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए. उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया और मुकदमे की मांग की. अदालत ने 10 मई को उनके खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश दिया था. अदालत ने 10 मई को पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा नेता बृज भूषण सिंह और तोमर के खिलाफ कई महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर 'आरोप तय' करने का आदेश दिया था.

आदेश पारित करते हुए अदालत ने कहा था कि बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पांच महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और एक महिला की विनम्रता को ठेस पहुंचाने के अपराध के साथ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री थी. अदालत ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ धारा 354 और 354 ए (आईपीसी) के तहत आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सामग्री पाई. उनके खिलाफ दो महिलाओं के आरोपों पर धारा 506 (भाग 1) के तहत भी आरोप तय किए गए हैं. हालांकि, अदालत ने छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बृज भूषण को मुक्त कर दिया.

बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ आरोपपत्र तयः अदालत ने मामले को आधिकारिक तौर पर आरोप तय करने के लिए 21 मई की तारीख तय की थी. बृजभूषण शरण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ दायर दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में कहा गया है कि दोनों आरोपियों को 'गिरफ्तारी के बिना' मुकदमे के लिए आरोपित किया जाता है. क्योंकि उन्होंने जांच में शामिल होकर सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत निर्देशों का पालन किया है. आरोप पत्र में आगे कहा गया है कि अब तक की जांच के आधार पर बृज भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के "अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है.

1599 पन्नों की चार्जशीट में 44 गवाहों के बयान और सीआरपीसी 164 के तहत छह बयान दर्ज

इस मामले में 1599 पन्नों की चार्जशीट में 44 गवाहों के बयान और सीआरपीसी 164 के तहत छह बयान दर्ज किए गए. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में घटनाओं के दौरान क्लिक की गई तस्वीर सहित कई तस्वीरें भी जमा कीं. दिल्ली पुलिस के आरोप पत्र में कहा गया है कि छह शीर्ष पहलवानों की शिकायतों की "अब तक की जांच" के आधार पर, सिंह पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और पीछा करने के "अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है और दंडित किया जा सकता है.

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दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने 354/354ए/506 के तहत एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल

आरोपपत्र में कहा गया है कि मामले में गवाहों ने उल्लेख किया है कि उन्होंने शारीरिक रूप से गलत व्यवहार होते भी देखा. दिल्ली पुलिस के पीआरओ सुमन नलवा ने बताया कि दोनों मामलों में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा था कि पहलवानों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में जांच पूरी होने के बाद हम आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 354, 354ए, 354डी और आरोपी विनोद तोमर के खिलाफ आईपीसी की धारा 354/354ए/506 के तहत राउज एवेन्यू कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर रहे हैं.

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