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उत्तरकाशी जिला अस्पताल बना रेफरल सेंटर, एंबुलेंस में गूंज रही किलकारी, हलक में आ रही जान! - Uttarkashi District Hospital

Uttarkashi District Hospital उत्तरकाशी जिला अस्पताल महज रेफरल सेंटर बन गया है. आलम ये है कि हर रोज कई मरीज रेफर किए जा रहे हैं. बीते दिनों भी जिला अस्पताल से रेफर महिला की एंबुलेंस में ही नॉर्मल डिलीवरी हो गई. महिला ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया. ऐसे में रेफर-रेफर के खेल में मरीजों की जान हलक में आ रही है. जानिए क्या कहते हैं सीएमएस और डॉक्टर.

Uttarkashi District Hospital
एंबुलेंस में डिलीवरी (फोटो सोर्स- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 3, 2024, 1:50 PM IST

Updated : Oct 3, 2024, 5:29 PM IST

उत्तरकाशी: पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं के क्या हाल हैं, इसका अनुमान उत्तरकाशी के जिला अस्पताल को देखकर लगाया जा सकता है. ये अस्पताल पिछले कुछ महीने से रेफरल सेंटर बनकर रह गया है. यहां पर मुख्य अस्पताल से लेकर महिला अस्पताल तक में सुविधाएं न होने के कारण हर रोज आम बीमारी से ग्रसित मरीज को भी हायर सेंटर रेफर करना पड़ रहा है.

आलम ये है कि हर रोज अस्पताल से प्रसव पीड़िता समेत अन्य मरीजों को 108 और अस्पताल की करीब 7 से 8 एंबुलेंस के जरिए देहरादून के लिए भेजा जा रहा है. इसी कड़ी में बीती मंगलवार देर रात को जिला महिला अस्पताल से आनन-फानन में एक गर्भवती महिला को देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया. चौंकाने वाली बात है कि करीब 7 किमी आगे जाते ही एंबुलेंस में डिलीवरी हो गई. वहीं, 108 कर्मियों ने महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया. फिलहाल, जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

एंबुलेंस में प्रसव (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

उत्तरकाशी जिला अस्पताल से रेफर महिला का 7 किमी आगे एंबुलेंस में प्रसव: जानकारी के मुताबिक, भटवाड़ी विकासखंड के गोरशाली गांव की 21 वर्षीय गर्भवती सुषमा को उनके परिजन बुधवार शाम को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल लाए थे. तेज दर्द के कारण उन्हें करीब पौने 9 बजे अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने बताया कि यहां पर प्रसव नहीं हो सकता, इसलिए उन्हें हायर सेंटर भेजना पड़ेगा.

रेफर होने के बाद 108 के माध्यम से महिला को देहरादून भेजा गया. जैसे ही एंबुलेंस करीब 7 किमी की दूरी पर बंदरकोट में रतूड़ीसेरा के पास पहुंची, वैसे ही प्रसव पीड़ा तेज हो गई. ऐसे में 108 कर्मियों ने उनका एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करवाया. उनके दूसरे प्रसव में बेटी ने जन्म लिया है.

रोजाना हायर सेंटर रेफर हो रहे कई मरीज: बीते दिनों जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट की ओर से जिला समेत महिला अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया था कि किसी भी मरीज को गंभीर परिस्थिति से पहले रेफर न किया जाए, लेकिन बीते एक दो महीने से हर दिन करीब 7 से 8 मरीज हायर सेंटर भेजे जा रहे हैं. जिला अस्पताल के कर्मचारियों से मिली सूचना के अनुसार, आम बीमारी से ग्रसित मरीज हर रोज 6 से 7 रेफर किए जा रहे हैं.

Uttarkashi District Hospital
उत्तरकाशी जिला अस्पताल (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

इसके साथ ही प्रसव से संबंधित 3 से 4 महिलाओं को हायर सेंटर भेजा जा रहा है. स्थानीय निवासी रमेश चौहान, दिनेश सेमवाल समेत अन्य लोगों का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों से लोग अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के होने के बावजूद भी उन्हें समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही महिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के साथ ही प्लेटलेट टेस्ट की सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं.

रेफर-रेफर के खेल में हलक में आ जाती है मरीजों की जान: बता दें कि जिला महिला अस्पताल से हर दिन दो से तीन गर्भवती महिलाओं को रेफर किया जा रहा है. दो दिन पहले भी डुंडा विकासखंड की एक प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को पहले परिजन सीएचसी डुंडा ले गए. जहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया. वहां से शाम को पांच बजे उसे हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया, लेकिन उसे हायर सेंटर जाने के लिए रात करीब 10 बजे एंबुलेंस मिल पाई.

क्या बोले जिला अस्पताल के सीएमएस और महिला रोग विशेषज्ञ? उत्तरकाशी जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर पीएस पोखरियाल का कहना है कि रेफर मरीजों की संख्या की जानकारी नर्सिंग अधिकारी देंगी. वहीं, दूसरी ओर महिला अस्पताल में एकमात्र डॉक्टर शमा का कहना है कि महिला रोग विशेषज्ञ समेत प्लेटलेट टेस्ट और अन्य मशीनें नहीं होने के कारण मरीजों को रेफर करना पड़ता है.

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आलम ये है कि हर रोज अस्पताल से प्रसव पीड़िता समेत अन्य मरीजों को 108 और अस्पताल की करीब 7 से 8 एंबुलेंस के जरिए देहरादून के लिए भेजा जा रहा है. इसी कड़ी में बीती मंगलवार देर रात को जिला महिला अस्पताल से आनन-फानन में एक गर्भवती महिला को देहरादून के लिए रेफर कर दिया गया. चौंकाने वाली बात है कि करीब 7 किमी आगे जाते ही एंबुलेंस में डिलीवरी हो गई. वहीं, 108 कर्मियों ने महिला का सुरक्षित प्रसव करवाया. फिलहाल, जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.

एंबुलेंस में प्रसव (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

उत्तरकाशी जिला अस्पताल से रेफर महिला का 7 किमी आगे एंबुलेंस में प्रसव: जानकारी के मुताबिक, भटवाड़ी विकासखंड के गोरशाली गांव की 21 वर्षीय गर्भवती सुषमा को उनके परिजन बुधवार शाम को प्रसव पीड़ा के चलते जिला महिला अस्पताल लाए थे. तेज दर्द के कारण उन्हें करीब पौने 9 बजे अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने बताया कि यहां पर प्रसव नहीं हो सकता, इसलिए उन्हें हायर सेंटर भेजना पड़ेगा.

रेफर होने के बाद 108 के माध्यम से महिला को देहरादून भेजा गया. जैसे ही एंबुलेंस करीब 7 किमी की दूरी पर बंदरकोट में रतूड़ीसेरा के पास पहुंची, वैसे ही प्रसव पीड़ा तेज हो गई. ऐसे में 108 कर्मियों ने उनका एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव करवाया. उनके दूसरे प्रसव में बेटी ने जन्म लिया है.

रोजाना हायर सेंटर रेफर हो रहे कई मरीज: बीते दिनों जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट की ओर से जिला समेत महिला अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया था कि किसी भी मरीज को गंभीर परिस्थिति से पहले रेफर न किया जाए, लेकिन बीते एक दो महीने से हर दिन करीब 7 से 8 मरीज हायर सेंटर भेजे जा रहे हैं. जिला अस्पताल के कर्मचारियों से मिली सूचना के अनुसार, आम बीमारी से ग्रसित मरीज हर रोज 6 से 7 रेफर किए जा रहे हैं.

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उत्तरकाशी जिला अस्पताल (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

इसके साथ ही प्रसव से संबंधित 3 से 4 महिलाओं को हायर सेंटर भेजा जा रहा है. स्थानीय निवासी रमेश चौहान, दिनेश सेमवाल समेत अन्य लोगों का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों से लोग अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टरों के होने के बावजूद भी उन्हें समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. इसके साथ ही महिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर न होने के साथ ही प्लेटलेट टेस्ट की सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हैं.

रेफर-रेफर के खेल में हलक में आ जाती है मरीजों की जान: बता दें कि जिला महिला अस्पताल से हर दिन दो से तीन गर्भवती महिलाओं को रेफर किया जा रहा है. दो दिन पहले भी डुंडा विकासखंड की एक प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को पहले परिजन सीएचसी डुंडा ले गए. जहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया. वहां से शाम को पांच बजे उसे हायर सेंटर के लिए रेफर किया गया, लेकिन उसे हायर सेंटर जाने के लिए रात करीब 10 बजे एंबुलेंस मिल पाई.

क्या बोले जिला अस्पताल के सीएमएस और महिला रोग विशेषज्ञ? उत्तरकाशी जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर पीएस पोखरियाल का कहना है कि रेफर मरीजों की संख्या की जानकारी नर्सिंग अधिकारी देंगी. वहीं, दूसरी ओर महिला अस्पताल में एकमात्र डॉक्टर शमा का कहना है कि महिला रोग विशेषज्ञ समेत प्लेटलेट टेस्ट और अन्य मशीनें नहीं होने के कारण मरीजों को रेफर करना पड़ता है.

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Last Updated : Oct 3, 2024, 5:29 PM IST
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