बोकारो: दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे बोकारो के मजदूरों के परिजन काफी परेशान हैं. परिजनों ने फंसे अपनों को वतन वापसी कराने के लिए सरकार से गुहार लगाई है. इस दौरान परिजनों ने अपनी पीड़ा भी साझा की है. कैमरून में फंसे मजदूरों के परिजनों ने बताया कि पैसा मिलना भी बंद हो गया है. इस कारण घर चलाने में काफी परेशानी हो रही है. न तो बच्चों की स्कूल फी भर पा रहे हैं और न ही घर में खाने के लिए राशन है.परिजनों ने कहा कि उनके अपने अच्छा पैसा और रोजगार के लिए विदेश गए थे, लेकिन अब न पैसा आ रहा है और न ही उनके अपने.
परिजनों ने फंसे अपनों की वतन वापसी कराने की सरकार से लगाई गुहार
बताते चलें कि बोकारो के उपरघाट इलाके के पोखरिया निवासी मजदूर जगदीश महतो भी दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में फंसे हैं. उनकी पत्नी उर्मिला ने बताया कि पैसा नहीं आने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है.बच्चों की स्कूल फी भी नहीं भर पा रही हैं. वहीं घर का खर्च भी चलाना काफी मुश्किल हो गया है.उन्होंने सरकार से जगदीश की वतन वापसी कराने की गुहार लगाई है.
मजदूरों के परिजनों के समक्ष आर्थिक परेशानी खड़ी हुई
वहीं बोकारो के नावाडीह प्रखंड के गोनियाटो निवासी रामचंद्र महतो भी कैमरून में फंसे हैं. रामचंद्र की पत्नी यशोदा देवी बताती हैं कि घर बढ़िया तरीके से चले इसलिए उनके पति कमाने के लिए विदेश गए थे. घर में कमाई करने वाले एकमात्र शख्स रामचंद्र ही हैं.अब वही मुसीबत में हैं.घर को स्थिति भी सही नहीं है.उन्होंने कहा कि पैसे मिले या न मिले, लेकिन वह सकुशल घर लौट जाएं.उन्होंने सरकार से सभी भारतीय मजदूरों की वतन वापसी कराने की मांग की है.
झारखंड के 27 मजदूर दक्षिण अफ्रीका में फंसे हैं
बताते चलें कि बेहतर रोजी-रोटी की तलाश में बोकारो,गिरिडीह और हजारीबाग के कुल 27 मजदूर दक्षिण अफ्रीका के कैमरून गए थे, जहां सभी फंस गए हैं. कैमरूम में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वतन वापसी के लिए सरकार से गुहार लगाई है.उन्होंने यह भी बताया कि नियोक्ता द्वारा उन्हें मजदूरी का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है.वहीं भोजन आदि की भी परेशानी बताई गई थी.
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