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दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए स्कूटर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकले लोहार - scooter trip of disabled man - SCOOTER TRIP OF DISABLED MAN

जोधपुर निवासी दिव्यांग जगदीश लोहार में कुछ कर गुजरने की ललक है. वे अपने दूसरे दिव्यांग भाई बहनों के लिए कुछ करना चाहते हैं. इसी चाहत में उन्होंने जोधपुर से कन्याकुमारी की स्कूटर यात्रा शुरू की है. इस यात्रा के माध्यम से वे दिव्यांगों को प्रोत्साहित करना और आम जनता में उनके प्रति जागरूकता लाने का प्रयास कर रहे हैं.

scooter trip of disabled man
दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए स्कूटर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकले लोहार (photo etv bharat jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 20, 2024, 3:57 PM IST

दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए स्कूटर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकले लोहार. (etv bharat jodhpur)

जोधपुर. शहर के केंद्रीय विद्यालय के अध्यापक जगदीश लोहार दिव्यांग है. वे अपने जैसे लोगों को जागरूक करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ करते रहते हैं. अपने इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने सोमवार को अपनी स्पेशल मोपेड से कन्याकुमारी की यात्रा की शुरुआत की. जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर उनकी यात्रा को रवाना किया.

इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांग लोगों में जागरूकता और इनके प्रति संवेदनशीलता के लोहार का प्रयास सराहनीय है. लोहार ने बताया कि वे इससे पहले भी हर दिशा में यात्रा कर चुके हैं. दक्षिण की यात्रा लंबी थी, जिसे वह इस बार की गर्मियों की छुट्टियों में पूरा करेंगे. जोधपुर से कन्याकुमारी तक आने जाने में करीब 5500 किलोमीटर की दूरी तय होगी. मौसम की अनुकूलता के साथ करीब बीस दिन में पूरा करेंगे.

पढ़ें: दिव्यांग को खराब डीप फ्रिज बेचने पर विक्रेता व निर्माता कंपनी पर 2.15 लाख रुपए हर्जाना

दिव्यांगों के लिए एक दशक से कर रहे काम: लोहार एक दशक से ज्यादा समय से दिव्यांगों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने ही दिव्यांग व्यक्ति द्वारा कार खरीदने पर मिलने वाली छूट का मार्ग प्रशस्त किया था. इसके अलावा वाहन निर्माताओं को दिव्यांगों के अनुकूल कार डिजाइन करने के लिए भी मजबूर किया.

सातवीं यात्रा है यह लोहार की: जगदीश लोहार ने सबसे पहले 2013 में जोधपुर से श्रीनगर की यात्रा की थी. इसके बाद जोधपुर से लद्दाख, जोधपुर से अरुणाचल प्रदेश, जोधपुर से मध्य भारत, जोधपुर से पोरबंदर सहित अन्य जगहों पर वे दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए यात्रा कर चुके हैं. यात्रा के दौरान मिलने वाले सम्मान और राशि सब दिव्यांग कल्याण पर खर्च करते हैं. इतना ही नहीं, जब गायों में लंपी रोग फैला तो उनके लिए भगवान कृष्ण की नगरी द्वारिका भी गए.

यह भी पढ़ें: आईपीएल में दिव्यांग दर्शकों के लिए साइन लैंग्वेज में होगी कमेंट्री

स्पेशल स्कूटर के लिए कर रहे संघर्ष: जगदीश लोहार लगातार सरकार से यह मांग करते रहे हैं कि दिव्यांग लोगों के लिए वाहन निर्माता कंपनियां अलग से स्कूटर बनाएं, क्योंकि बाजार में अभी जितने भी स्पेशल स्कूटर चल रहे हैं, वे दिव्यांग को खुद को मॉडिफाई करवाने पड़ते हैं जो नियम विरुद्ध है और खर्चा भी बढ़ जाता है. इसको लेकर वे केंद्र व राज्य सरकारों के संपर्क में है. परिवहन मंत्रालय ने स्पेशल मोपेड स्कूटर बनाने के लिए वाहन निर्माता को निर्देश भी दे दिए, लेकिन अभी तक एक कंपनी ने ही इसकी शुरुआत की है. जगदीश बताते हैं कि वह चाहते हैं कि हर कंपनी दिव्यांगों के लिए भी व्हीकल बनाएं.

दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए स्कूटर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकले लोहार. (etv bharat jodhpur)

जोधपुर. शहर के केंद्रीय विद्यालय के अध्यापक जगदीश लोहार दिव्यांग है. वे अपने जैसे लोगों को जागरूक करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ करते रहते हैं. अपने इसी उद्देश्य को लेकर उन्होंने सोमवार को अपनी स्पेशल मोपेड से कन्याकुमारी की यात्रा की शुरुआत की. जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर उनकी यात्रा को रवाना किया.

इस मौके पर कलेक्टर ने कहा कि दिव्यांग लोगों में जागरूकता और इनके प्रति संवेदनशीलता के लोहार का प्रयास सराहनीय है. लोहार ने बताया कि वे इससे पहले भी हर दिशा में यात्रा कर चुके हैं. दक्षिण की यात्रा लंबी थी, जिसे वह इस बार की गर्मियों की छुट्टियों में पूरा करेंगे. जोधपुर से कन्याकुमारी तक आने जाने में करीब 5500 किलोमीटर की दूरी तय होगी. मौसम की अनुकूलता के साथ करीब बीस दिन में पूरा करेंगे.

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दिव्यांगों के लिए एक दशक से कर रहे काम: लोहार एक दशक से ज्यादा समय से दिव्यांगों के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने ही दिव्यांग व्यक्ति द्वारा कार खरीदने पर मिलने वाली छूट का मार्ग प्रशस्त किया था. इसके अलावा वाहन निर्माताओं को दिव्यांगों के अनुकूल कार डिजाइन करने के लिए भी मजबूर किया.

सातवीं यात्रा है यह लोहार की: जगदीश लोहार ने सबसे पहले 2013 में जोधपुर से श्रीनगर की यात्रा की थी. इसके बाद जोधपुर से लद्दाख, जोधपुर से अरुणाचल प्रदेश, जोधपुर से मध्य भारत, जोधपुर से पोरबंदर सहित अन्य जगहों पर वे दिव्यांगों को जागरूक करने के लिए यात्रा कर चुके हैं. यात्रा के दौरान मिलने वाले सम्मान और राशि सब दिव्यांग कल्याण पर खर्च करते हैं. इतना ही नहीं, जब गायों में लंपी रोग फैला तो उनके लिए भगवान कृष्ण की नगरी द्वारिका भी गए.

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स्पेशल स्कूटर के लिए कर रहे संघर्ष: जगदीश लोहार लगातार सरकार से यह मांग करते रहे हैं कि दिव्यांग लोगों के लिए वाहन निर्माता कंपनियां अलग से स्कूटर बनाएं, क्योंकि बाजार में अभी जितने भी स्पेशल स्कूटर चल रहे हैं, वे दिव्यांग को खुद को मॉडिफाई करवाने पड़ते हैं जो नियम विरुद्ध है और खर्चा भी बढ़ जाता है. इसको लेकर वे केंद्र व राज्य सरकारों के संपर्क में है. परिवहन मंत्रालय ने स्पेशल मोपेड स्कूटर बनाने के लिए वाहन निर्माता को निर्देश भी दे दिए, लेकिन अभी तक एक कंपनी ने ही इसकी शुरुआत की है. जगदीश बताते हैं कि वह चाहते हैं कि हर कंपनी दिव्यांगों के लिए भी व्हीकल बनाएं.

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