सोनभद्र : राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज सोनभद्र में औषधीय पौधों पर रिसर्च की जा रही है. इस रिसर्च का उद्देश्य नई एंटीबायोटिक दवाओं की खोज करना है. रिसर्च डीआरडीओ द्वारा कराई जा रही है. राजकीय इंजीनियरिंग काॅलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया कि सोनभद्र में पाए जाने वाले औषधीय पौधे फाफड़ा (गार्डेनिया) पर नई एंटीबायोटिक दवाओं की खोज के उद्देश्य से रिसर्च किया जा रहा है और इसके रिज़ल्ट सकारात्मक मिले हैं. जल्द ही डीआरडीओ को रिपोर्ट सबमिट की जाएगी.
सोनभद्र इंजीनियरिंग कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर हरिश्चंद्र उपाध्याय ने बताया कि पुराने एंटीबायोटिक अपना असर होते जा रहे हैं. इसको लेकर डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन डीआरडीओ ने राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को नई एंटीबायोटिक की खोज करने का दायित्व सौंपा है. इसके तहत सोनभद्र के आदिवासी क्षेत्रों में पाए जाने वाले औषधीय पौधों में पाए जाने वाले एंटीबायोटिक पर रिसर्च करके नई एंटीबायोटिक दवा का विकास किया जा रहा है. इस रिसर्च प्रोजेक्ट का नाम "एक्सप्लोरिंग एथनो मेडिसिनल नॉलेज ऑफ लोकल ट्राइब्स आफ डिस्ट्रिक्ट सोनभद्र, फ़ॉर डिस्कवरी एंड डेवलपमेंट ऑफ एंटीबायोटिक्स" है.
प्रोफेसर हरिश्चंद्र उपाध्याय ने बताया कि बाजार में जो एंटीबायोटिक उपलब्ध हैं वह कुछ ही समय में रेजिस्टेंस (प्रतिरोधक क्षमता) डेवलप कर लेते हैं. इसलिए नई एंटीबायोटिक की जरूरत पड़ती रहती है. सोनभद्र के आदिवासी जिन औषधि पौधों का प्रयोग करते हैं उनमें एंटीबायोटिक तत्व भी होते हैं. डीआरडीओ के ड्रग डेवलपमेंट रिसर्च विंग द्वारा यह शोध करवाया जा रहा है ताकि सैनिकों के लिए नई एंटीबायोटिक डेवलप की जा सकें. डीआरडीओ ही इस प्रोजेक्ट को आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रहा है. फिलवक्त सोनभद्र में पाई जाने वाले औषधीय पौधे फाफड़ा पर रिसर्च हो रहा है.
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