कुरुक्षेत्रः हरियाणा के कई हिस्सों में भीषण सर्दी पड़ रही है. मौसम विभाग के अनुसार बरसात के बाद अब कड़ाके की ठंड जनवरी के महीने में पड़ सकती है. ऐसी स्थिति में सर्दी से बचने के लिए आम लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. कुछ लोग दिन के अलावा रात में भी सोने के समय रूम हीटर, ब्लोअर, अंगीठी, कोयले की आग जलाते हैं. इनका उपयोग सावधानी के साथ करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या के साथ-साथ दम घुटने से मौत भी हो सकती है.
रूम हीटर का प्रयोग बंद कमरे में पूरी रात कभी न करें. लकड़ी या कोयले की अंगीठी के धुएं की वजह से इंसान की मौत तक हो जाती है. सावधानी के साथ इन साधनों का खुले में प्रयोग करें. इसमें लापरवाही ना करें. लापरवाही का खामियाजा पूरे परिवार को उठाना पड़ सकता है. सर्दियों से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनना बेहतर है. अगर कहीं बाहर जा रहे हैं तो हाथों में दस्ताने, माथे पर ढंकने के लिए टोपी या मफलर डालें. -डॉ कृष्ण कुमार, एलएनजेपी हॉस्पिटल कुरुक्षेत्र
डॉक्टर की इन सलाह को नजरअंदाज न करेंः
एलएनजेपी हॉस्पिटल कुरुक्षेत्र के डॉ कृष्ण कुमार ने बताया कि सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है. लोग सर्दी से बचाव करने के लिए अलाव या हीट के अन्य माध्यम का सहारा लेते हैं लेकिन कई बार ये खतरनाक और घातक सिद्ध होता है. उन्होंने बताया कि अगर रूम में रूम हीटर का प्रयोग करते हैं तो उसमें प्रयोग करने के लिए कुछ सावधानी रखनी जरूरी होती है.
- हीटर को पूरी रात कमरे में ना जलाएं. सोने से पहले एक-दो घंटे तक हीटर चला सकते हैं या फिर जब तक परिवार के लोग जग रहे हैं तब तक ही हीटर जलाएं.
- हीटर उपयोग के दौरान कमरे की खिड़की और दरवाजे को खुला रखें ताकि उसमें से ऑक्सीजन का संचार अंदर होता रहे. ऐसा नहीं करने पर खांसी की समस्या भी हो सकती है.
- सर्दियों के मौसम में अंगीठी जलाना बहुत ही ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. अंगीठी से निकलने वाला धुआं हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. इस कारण सांस संबंधी समस्या हो सकती है. अगर कोई व्यक्ति पहले से ही सांस की समस्या से जूझ रहा है तो उसके लिए ज्यादा समस्या खड़ी हो सकती है.
- बंद कमरे में अंगीठी रखते हैं तो उससे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा होती है. कार्बन मोनोऑक्साइड गैस गंधहीन होने के कारण आसपास के लोगों को पता भी नहीं चलता है. इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की शरीर में कमी हो जाती है. कार्बन मोनोऑक्साइड गैस सीधे इंसान के दिमाग पर असर करती है. कई मामले में इससे इंसान की मौत भी हो जाती है.
- सर्दी के लिए अन्य प्रबंध करें लेकिन अंगीठी और कोयला बिल्कुल ना जलाएं. अगर कहीं बाहर बैठे हैं तो वहां पर आग के अलाव का सहारा ले सकते हैं. लेकिन बंद कमरे में इसका प्रयोग जानलेवा सिद्ध हो सकता है.
- हीटर, ब्लोअर और अंगीठी जब भी प्रयोग करें, कमरे में या आसपास ज्वलनशील पदार्थ न रखें.
- हीटर, ब्लोअर और अंगीठी का इस्तेमाल जिस भी कमरे में कर रहे हैं, उसमें कागज, लकड़ी, पॉलीथीन आदि न रखें. इससे अचानक से कमरे में आग लग सकती है.
- अस्थमा या किसी अन्य सांस संबंधी समस्याओं वाले लोग कमरे में हीट के लिए हीटर, अंगीठी या ब्लोअर का उपयोग न करें
बीते साल हो चुका है हादसाः घर के कमरे में रूम हीटर, अंगीठी या कोयले की आग से कई बार हादसे हो चुके हैं. हरियाणा सहित भारत में ऐसे काफी मामले आते हैं. बीते साल सर्दियों में करनाल के तरावड़ी में एक परिवार ऐसे ही अंगीठी जलाकर सो रहा था. परिवार में शामिल माता-पिता के साथ दो बच्चे एक ही कमरे में सो रहे थे. सुबह तक उनमें से दोनों बच्चों की अंगीठी के धुएं से मौत हुई थी. भविष्य में ऐसे हादसे ना हो इसके लिए जागरूकता जरूरी है.