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लातेहार में जंगली भालुओं ने ग्रामीणों पर किया हमला, युवकों ने लड़कर बचाई जान - Wild bears attack

Wild bears attack youths. लातेहार में जंगली भालुओं का आतंक थम नहीं रहा है. इस बार महुआडांड़ प्रखंड के करकट गांव के पास जंगली भालुओं ने तीन युवकों पर धावा बोल दिया. इस हमले में दो युवक घायल हुए हैं.

wild bear attack two youths injured in Latehar
प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 24, 2024, 9:33 PM IST

लातेहारः जिला के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक काफी बढ़ गया है. जंगली हाथियों के बाद अब भालू के द्वारा लोगों को नुकसान पहुंचा जाने की सूचना लगातार आ रही है. इसी क्रम में मंगलवार को महुआडांड़ प्रखंड के करकट गांव के निकट जंगल में भालुओं ने तीन युवकों पर हमला कर दिया. हालांकि युवकों ने बहादुरी का परिचय देते हुए भालुओं से लड़कर अपनी जान तो बचा ली पर इनमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

दरअसल, महुआडांड़ प्रखंड के करकट गांव निवासी युवक अमरदीप बेक, रोहित मुंडा और सुशील नगेसिया कुछ अन्य लोगों के साथ गांव के निकट स्थित जंगल में मवेशी चराने गए थे. इसी बीच जंगल से लौटने दौरान अचानक तीन जंगली भालूओं ने युवकों पर हमला कर दिया. भालू के हमले से तीनों युवक जमीन पर गिर पड़े परंतु इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और हाथ में लिए हुए डंडे से भालुओं पर आक्रमण कर दिया. इस दौरान युवक मदद के लिए शोर भी मचाने लगे. साथी युवकों के शोर को सुनकर उनके साथ जंगल में गए अन्य लोग भी दौड़कर वहां पहुंचे. अचानक बड़ी संख्या में लोगों को आया हुआ देखकर भालू डर गए और जंगल में भाग गए.

घायल युवकों को पहुंचाया गया अस्पताल

इस घटना के बाद उपस्थित लोगों ने घायल हुए दो युवकों को अस्पताल पहुंचाया. जबकि तीसरे युवक को मामूली चोट लगने के कारण वह अस्पताल नहीं गया. स्थानीय लोगों के द्वारा पूरे मामले की सूचना वन विभाग को भी दी गई. सूचना मिलने के बाद रेंजर तरुण कुमार सिंह के निर्देश पर वन विभाग की टीम घायलों की स्थिति का जायजा लेने अस्पताल पहुंची. वन विभाग के कर्मियों ने घायलों के परिजनों को आश्वासन दिया कि इलाज के लिए विभाग के द्वारा प्रावधान के तहत हरसंभव मदद की जाएगी.

प्रजनन काल में आक्रामक हो जाते हैं जानवर

इन हमलों को लेकर रेंजर तरुण कुमार सिंह ने बताया कि बरसात का मौसम जानवरों के लिए प्रजनन काल माना जाता है. इस दौरान जानवर किसी भी प्रकार के बाहरी दखल से बौखला जाते हैं और आक्रामक हो जाते हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अनावश्यक जंगल में ना जाएं.

इसे भी पढ़ें- प्रजनन काल में खलल पड़ने से आक्रामक हुआ भालू, व्यक्ति पर किया हमला - Bear attacked man

इसे भी पढ़ें- भालू को कटहल खाना पड़ा महंगा, रातभर अंधेरे कुंआ में छटपटता रहा, सुबह वन विभाग ने किया रेस्क्यू - bear rescued in gumla

इसे भी पढ़ें- आखिर क्यों हिंसक हो रहे हैं भालू, तीन महीने में आठ लोगों पर किया हमला

लातेहारः जिला के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों जंगली जानवरों का आतंक काफी बढ़ गया है. जंगली हाथियों के बाद अब भालू के द्वारा लोगों को नुकसान पहुंचा जाने की सूचना लगातार आ रही है. इसी क्रम में मंगलवार को महुआडांड़ प्रखंड के करकट गांव के निकट जंगल में भालुओं ने तीन युवकों पर हमला कर दिया. हालांकि युवकों ने बहादुरी का परिचय देते हुए भालुओं से लड़कर अपनी जान तो बचा ली पर इनमें दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए हैं.

दरअसल, महुआडांड़ प्रखंड के करकट गांव निवासी युवक अमरदीप बेक, रोहित मुंडा और सुशील नगेसिया कुछ अन्य लोगों के साथ गांव के निकट स्थित जंगल में मवेशी चराने गए थे. इसी बीच जंगल से लौटने दौरान अचानक तीन जंगली भालूओं ने युवकों पर हमला कर दिया. भालू के हमले से तीनों युवक जमीन पर गिर पड़े परंतु इन्होंने हिम्मत नहीं हारी और हाथ में लिए हुए डंडे से भालुओं पर आक्रमण कर दिया. इस दौरान युवक मदद के लिए शोर भी मचाने लगे. साथी युवकों के शोर को सुनकर उनके साथ जंगल में गए अन्य लोग भी दौड़कर वहां पहुंचे. अचानक बड़ी संख्या में लोगों को आया हुआ देखकर भालू डर गए और जंगल में भाग गए.

घायल युवकों को पहुंचाया गया अस्पताल

इस घटना के बाद उपस्थित लोगों ने घायल हुए दो युवकों को अस्पताल पहुंचाया. जबकि तीसरे युवक को मामूली चोट लगने के कारण वह अस्पताल नहीं गया. स्थानीय लोगों के द्वारा पूरे मामले की सूचना वन विभाग को भी दी गई. सूचना मिलने के बाद रेंजर तरुण कुमार सिंह के निर्देश पर वन विभाग की टीम घायलों की स्थिति का जायजा लेने अस्पताल पहुंची. वन विभाग के कर्मियों ने घायलों के परिजनों को आश्वासन दिया कि इलाज के लिए विभाग के द्वारा प्रावधान के तहत हरसंभव मदद की जाएगी.

प्रजनन काल में आक्रामक हो जाते हैं जानवर

इन हमलों को लेकर रेंजर तरुण कुमार सिंह ने बताया कि बरसात का मौसम जानवरों के लिए प्रजनन काल माना जाता है. इस दौरान जानवर किसी भी प्रकार के बाहरी दखल से बौखला जाते हैं और आक्रामक हो जाते हैं. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अनावश्यक जंगल में ना जाएं.

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