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यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बने पहेली, क्या है दिल्ली से नजदीकी और यूपी की सियासत से किनारा की गुत्थी? - UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya - UP DEPUTY CM KESHAV PRASAD MAURYA

केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ सकारात्मक हो सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी खाली होने वाला है. इसकी भी चर्चा की जा रही है. कई अन्य बिंदुओं पर भी बात हो रही है. मगर, भविष्य के गर्त में क्या छिपा हुआ है, यह नहीं कहा जा सकता. निश्चित तौर पर केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ बड़ी खबर सामने आने वाली है.

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यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 9, 2024, 11:03 AM IST

Updated : Jul 9, 2024, 2:19 PM IST

राजनीतिक विश्लेष्कों ने बताई यूपी की सियासत. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम चार जून को आया. इसमें उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन खराब साबित हुआ. इसके बाद से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य यूपी की राजनीति में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. मंत्रिमंडल की दो महत्वपूर्ण बैठक, मंत्रिपरिषद की एक सामान्य बैठक और उत्तर प्रदेश सरकार के कई कार्यक्रमों से केशव प्रसाद मौर्य नदारद रहे.

हां, यह बात अलग है जब दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे तो वह उनकी बैठक में जरूर मौजूद रहे. केशव प्रसाद मौर्य इससे पहले भी दिल्ली में बड़े नेताओं से मुलाकात करते रहे हैं. मगर उत्तर प्रदेश की बैठकों में मौजूद नहीं रहे. वे दिल्ली को तो हां कर रहे हैं मगर यूपी को ना करते जा रहे हैं.

इसके बाद से उनके भविष्य को लेकर संगठन और सरकार से जुड़े लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं. मगर गुत्थी सुलझा नहीं रही. मौर्य के भविष्य को लेकर कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि उनके क्षेत्र में बीजेपी को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसलिए उनका भविष्य असुरक्षित है. जबकि कुछ लोग मानते हैं कि उनको संगठन कोई नई और बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है. मगर दोनों ही पक्ष इस बात को तय मान रहे हैं कि केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ ना कुछ तो चल रहा है.

यूपी की दो कैबिनेट बैठक से गायब रहे केशव प्रसाद मौर्य: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पिछले दिनों एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नहीं आए. वे लखनऊ में ही नहीं थे. कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होने के बावजूद उनका राजधानी में ना होना सियासी हलको में चर्चा का सबब बना हुआ था. चर्चा इस बात की भी थी कि कैबिनेट मीटिंग के दिन केशव प्रसाद मौर्य आखिर कहां चले गए हैं.

उनका कोई औपचारिक कार्यक्रम किसी शहर में नहीं बताया जा रहा था. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के लिए कैबिनेट मीटिंग से बड़ा आयोजन क्या हो सकता है यह भी सवाल था. बाद में पता चला कि इस दिन वे दिल्ली में थे. इससे पहले की कैबिनेट मीटिंग में भी वे शामिल नहीं थे और मंत्रिमंडल की एक सामान्य बैठक से भी नदारद थे.

बीएल संतोष की बैठक में पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य: इसके विपरीत जब शनिवार को राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे और उन्होंने यहां बैठक ली तो उस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केशव प्रसाद मौर्य ने भी शिरकत की. जिससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में होने वाली बैठक में उनकी कोई रुचि नहीं है. मगर राष्ट्रीय स्तर के नेता के आने पर वह तत्परता से बैठक में आते हैं. यानी कि यूपी को उनकी ना है और दिल्ली को हां है.

सिराथू और कौशांबी में भाजपा को मिली हार से केशव के भविष्य पर संकट: राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र प्रताप सिंह मानते हैं कि केशव प्रसाद मौर्य के भविष्य पर प्रश्नवाचक चिह्न लगा हुआ है. पहले विधानसभा चुनाव के दौरान सिराथू में उनकी हार हुई और इसके बाद लोकसभा चुनाव में कौशांबी सीट भी बीजेपी हार गई. जैसे कि रिपोर्ट सामने आ रही है मौर्य जाति का वोट भी भारतीय जनता पार्टी को काफी कम मिला है. जिससे निकट भविष्य में केशव प्रसाद मौर्य को लेकर संगठन कोई बड़ा फैसला कर सकता है.

केशव मौर्य को लेकर आने वाली है कोई बड़ी खबर: राजनीतिक विश्लेषक विजय मिश्र बताते हैं कि निश्चित तौर पर केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ सकारात्मक हो सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी खाली होने वाला है. इसकी भी चर्चा की जा रही है. कई अन्य बिंदुओं पर भी बात हो रही है. मगर, भविष्य के गर्त में क्या छिपा हुआ है, यह नहीं कहा जा सकता. निश्चित तौर पर केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ बड़ी खबर सामने आने वाली है.

ये भी पढ़ेंः कहां हैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य; योगी कैबिनेट बैठक से फिर नदारद, दिल्ली में डेरा जमाने की चर्चा

राजनीतिक विश्लेष्कों ने बताई यूपी की सियासत. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम चार जून को आया. इसमें उत्तर प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन खराब साबित हुआ. इसके बाद से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य यूपी की राजनीति में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. मंत्रिमंडल की दो महत्वपूर्ण बैठक, मंत्रिपरिषद की एक सामान्य बैठक और उत्तर प्रदेश सरकार के कई कार्यक्रमों से केशव प्रसाद मौर्य नदारद रहे.

हां, यह बात अलग है जब दिल्ली से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे तो वह उनकी बैठक में जरूर मौजूद रहे. केशव प्रसाद मौर्य इससे पहले भी दिल्ली में बड़े नेताओं से मुलाकात करते रहे हैं. मगर उत्तर प्रदेश की बैठकों में मौजूद नहीं रहे. वे दिल्ली को तो हां कर रहे हैं मगर यूपी को ना करते जा रहे हैं.

इसके बाद से उनके भविष्य को लेकर संगठन और सरकार से जुड़े लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं. मगर गुत्थी सुलझा नहीं रही. मौर्य के भविष्य को लेकर कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि उनके क्षेत्र में बीजेपी को विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. इसलिए उनका भविष्य असुरक्षित है. जबकि कुछ लोग मानते हैं कि उनको संगठन कोई नई और बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है. मगर दोनों ही पक्ष इस बात को तय मान रहे हैं कि केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ ना कुछ तो चल रहा है.

यूपी की दो कैबिनेट बैठक से गायब रहे केशव प्रसाद मौर्य: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पिछले दिनों एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नहीं आए. वे लखनऊ में ही नहीं थे. कैबिनेट मीटिंग की तिथि तय होने के बावजूद उनका राजधानी में ना होना सियासी हलको में चर्चा का सबब बना हुआ था. चर्चा इस बात की भी थी कि कैबिनेट मीटिंग के दिन केशव प्रसाद मौर्य आखिर कहां चले गए हैं.

उनका कोई औपचारिक कार्यक्रम किसी शहर में नहीं बताया जा रहा था. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के लिए कैबिनेट मीटिंग से बड़ा आयोजन क्या हो सकता है यह भी सवाल था. बाद में पता चला कि इस दिन वे दिल्ली में थे. इससे पहले की कैबिनेट मीटिंग में भी वे शामिल नहीं थे और मंत्रिमंडल की एक सामान्य बैठक से भी नदारद थे.

बीएल संतोष की बैठक में पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य: इसके विपरीत जब शनिवार को राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे और उन्होंने यहां बैठक ली तो उस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ केशव प्रसाद मौर्य ने भी शिरकत की. जिससे स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश में होने वाली बैठक में उनकी कोई रुचि नहीं है. मगर राष्ट्रीय स्तर के नेता के आने पर वह तत्परता से बैठक में आते हैं. यानी कि यूपी को उनकी ना है और दिल्ली को हां है.

सिराथू और कौशांबी में भाजपा को मिली हार से केशव के भविष्य पर संकट: राजनीतिक विश्लेषक राघवेंद्र प्रताप सिंह मानते हैं कि केशव प्रसाद मौर्य के भविष्य पर प्रश्नवाचक चिह्न लगा हुआ है. पहले विधानसभा चुनाव के दौरान सिराथू में उनकी हार हुई और इसके बाद लोकसभा चुनाव में कौशांबी सीट भी बीजेपी हार गई. जैसे कि रिपोर्ट सामने आ रही है मौर्य जाति का वोट भी भारतीय जनता पार्टी को काफी कम मिला है. जिससे निकट भविष्य में केशव प्रसाद मौर्य को लेकर संगठन कोई बड़ा फैसला कर सकता है.

केशव मौर्य को लेकर आने वाली है कोई बड़ी खबर: राजनीतिक विश्लेषक विजय मिश्र बताते हैं कि निश्चित तौर पर केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ सकारात्मक हो सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी खाली होने वाला है. इसकी भी चर्चा की जा रही है. कई अन्य बिंदुओं पर भी बात हो रही है. मगर, भविष्य के गर्त में क्या छिपा हुआ है, यह नहीं कहा जा सकता. निश्चित तौर पर केशव प्रसाद मौर्य को लेकर कुछ बड़ी खबर सामने आने वाली है.

ये भी पढ़ेंः कहां हैं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य; योगी कैबिनेट बैठक से फिर नदारद, दिल्ली में डेरा जमाने की चर्चा

Last Updated : Jul 9, 2024, 2:19 PM IST
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