ETV Bharat / state

जवानी में ही कमजोर हो रहा हिमाचली युवाओं का दिल, विश्व विख्यात हार्ट सर्जन डॉ. महंत ने बताई ये वजह - HEART DISEASE IN HIMACHALI YOUTH

हिमाचल के युवाओं में दिल की बीमारी का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने इसकी मुख्य वजह बताई.

हिमाचली युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा
हिमाचली युवाओं में हार्ट अटैक का खतरा (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 28, 2024, 12:38 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के युवाओं में दिल की बीमारी के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. प्रदेश के 30 से 50 साल के व्यक्तियों में हृदय संबंधित बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इसको लेकर विश्व विख्यात हार्ट सर्जन डॉ. टीएस महंत और डॉ. हरेंद्र बाली ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने युवाओं में बढ़ रहे हार्ट डिजीज की वजह बढ़ते नशे का चलन, अनहेल्दी खानपान और गलत लाइफस्टाइल को बताया.

हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे दिल की बीमारियों को लेकर मंडी में दो दिवसीय हिम मेडिकॉन कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें देश-प्रदेश के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में मंडी जिला के पंडोह के रहने वाले और विश्व भर के स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. टीएस महंत और चंडीगढ़ से आए डॉ. हरेंद्र बाली भी शामिल हुए.

हिमाचल के युवाओं में बढ़ रही दिल की बीमारी (ETV Bharat)

युवाओं में बढ़ रहे हार्ट डिजीज के खतरे को लेकर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. टीएस महंत ने कहा, "उनके पास ऐसे युवा आ रहे हैं दिल की बीमारी के कारण आ रहे हैं, जिनकी उम्र 30 से 50 के बीच में है. यह सब बदलती जीवनशैली के कारण हो रहा है. युवा नशे की लत में जा रहे हैं, जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और शारीरिक कार्यों की तरफ कम ध्यान देते हुए मशीनों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. यहां तक की लोगों ने पैदल चलना भी छोड़ दिया है. हिमाचल प्रदेश की आबोहवा और यहां का खानपान सबसे ज्यादा शुद्ध है. इसलिए यहां पर ऐसी बीमारी का पनपना बदलते माहौल का ही नतीजा है".

वहीं, हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. हरेंद्र बाली ने कहा, "आज तकनीक के इस दौर में ऐसे-ऐसे आविष्कार हो गए हैं, जिससे बेहतरीन उपचार में मदद मिलती है. ऐसे बुजुर्ग जिनके हॉर्ट वॉल्ब रिप्लेस करने की जरूरत होती है, उनके लिए अब कोई भी बड़ा चीर-फाड़ वाला आपरेशन नहीं किया जाता. अब इस उपचार के लिए मरीज को बेहोश तक करने की जरूरत भी नहीं पड़ती और उसे तुरंत प्रभाव से कर दिया जाता है. इस तकनीक में रिकवरी भी जल्दी होती है और मरीज को दो दिनों के बाद छुट्टी देकर घर भी भेज दिया जाता है".

बता दें कि मंडी में आयोजित किए गए दो दिवसीय हिम मेडिकॉन 2024 में हिमाचल प्रदेश के 70 और दूसरे राज्यों से आए 75 विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया. इस दौरान इन डॉक्टरों ने जहां नई तकनीकों की जानकारी दी. वहीं अपने-अपने अनुभवों को भी साझा किया.

ये भी पढ़ें: सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, इन लक्षणों को न करें अनदेखा

मंडी: हिमाचल प्रदेश के युवाओं में दिल की बीमारी के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. प्रदेश के 30 से 50 साल के व्यक्तियों में हृदय संबंधित बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इसको लेकर विश्व विख्यात हार्ट सर्जन डॉ. टीएस महंत और डॉ. हरेंद्र बाली ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने युवाओं में बढ़ रहे हार्ट डिजीज की वजह बढ़ते नशे का चलन, अनहेल्दी खानपान और गलत लाइफस्टाइल को बताया.

हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे दिल की बीमारियों को लेकर मंडी में दो दिवसीय हिम मेडिकॉन कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें देश-प्रदेश के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में मंडी जिला के पंडोह के रहने वाले और विश्व भर के स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं देने वाले हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. टीएस महंत और चंडीगढ़ से आए डॉ. हरेंद्र बाली भी शामिल हुए.

हिमाचल के युवाओं में बढ़ रही दिल की बीमारी (ETV Bharat)

युवाओं में बढ़ रहे हार्ट डिजीज के खतरे को लेकर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. टीएस महंत ने कहा, "उनके पास ऐसे युवा आ रहे हैं दिल की बीमारी के कारण आ रहे हैं, जिनकी उम्र 30 से 50 के बीच में है. यह सब बदलती जीवनशैली के कारण हो रहा है. युवा नशे की लत में जा रहे हैं, जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं और शारीरिक कार्यों की तरफ कम ध्यान देते हुए मशीनों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. यहां तक की लोगों ने पैदल चलना भी छोड़ दिया है. हिमाचल प्रदेश की आबोहवा और यहां का खानपान सबसे ज्यादा शुद्ध है. इसलिए यहां पर ऐसी बीमारी का पनपना बदलते माहौल का ही नतीजा है".

वहीं, हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. हरेंद्र बाली ने कहा, "आज तकनीक के इस दौर में ऐसे-ऐसे आविष्कार हो गए हैं, जिससे बेहतरीन उपचार में मदद मिलती है. ऐसे बुजुर्ग जिनके हॉर्ट वॉल्ब रिप्लेस करने की जरूरत होती है, उनके लिए अब कोई भी बड़ा चीर-फाड़ वाला आपरेशन नहीं किया जाता. अब इस उपचार के लिए मरीज को बेहोश तक करने की जरूरत भी नहीं पड़ती और उसे तुरंत प्रभाव से कर दिया जाता है. इस तकनीक में रिकवरी भी जल्दी होती है और मरीज को दो दिनों के बाद छुट्टी देकर घर भी भेज दिया जाता है".

बता दें कि मंडी में आयोजित किए गए दो दिवसीय हिम मेडिकॉन 2024 में हिमाचल प्रदेश के 70 और दूसरे राज्यों से आए 75 विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया. इस दौरान इन डॉक्टरों ने जहां नई तकनीकों की जानकारी दी. वहीं अपने-अपने अनुभवों को भी साझा किया.

ये भी पढ़ें: सर्दियों में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा, इन लक्षणों को न करें अनदेखा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.