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नायब सैनी की कैबिनेट में अनिल विज को इसलिए नहीं मिली जगह, पूर्व सीएम मनोहर लाल ने बताई वजह

Anil Vij Out Of New Cabinet: हरियाणा में नये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का शपथग्रहण समारोह संपन्न हो गया है. नए सीएम के साथ ही प्रदेश प्रदेश में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज की नाराजगी चर्चा का विषय रही. हर कोई जानना चाहता है कि अनिल विज को शपथ क्यों नहीं दिलाई गई. इस सवाल का जवाब पूर्व सीएम मनोहर लाल ने दिया है.

Anil Vij Out Of New Cabinet
Anil Vij Out Of New Cabinet
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 12, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Mar 12, 2024, 10:06 PM IST

नायब सैनी की कैबिनेट में अनिल विज को इसलिए नहीं मिली जगह

चंडीगढ़: नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के नये मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. उनके साथ 5 मंत्रियों ने भी शपथ ली है. सभी पांचों मंत्री वहीं हैं जो पुरानी कैबिनेट में थे. लेकिन इस शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व गृह मंत्री अनिल विज नजर नहीं आये. ना ही उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. चर्चा है कि अनिल विज पर्यवक्षकों की बैठक के समय ही नाराज होकर चले गये थे.

अनिल विज को हरियाणा की नई कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिली, ये खबर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई. ये सवाल जब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से किया गया तो उन्होंने इसका जवाब दिया. मनोहर लाल ने कहा कि अनिल विज का नाम कैबिनेट के शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट में था लेकिन उन्होंने मना कर दिया, जिसकी वजह से उन पर दबाव नहीं बनाया गया. इसके अलावा कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है.

अनिल विज को मैं 1990 से जानता हूं. जल्दी नाराज हो जाना और फिर जल्दी मान जाना उनके स्वभाव का हिस्सा है. हमें उम्मीद है कि वो इस बार भी मान जाएंगे. उनका नाम कैबिनेट में था. लेकिन उन्होंने शपथ लेने से मना कर दिया और कहा कि अभी उनका मन नहीं है. ऐसे में किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकता. लेकिन मुझे उम्मीद है कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री जरूर उनसे बातचीत करेंगे.

भारतीय जनता पार्टी की परंपरा रही है कि समय-समय पर हम संगठन में नये चेहरों को आगे लाते रहते हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे कहा है कि आपको कोई और जिम्मेदारी देंगे. वो जिम्मेदारी क्या होगी वो आने वाले वक्त में पता लगेगा. मैंने पहले भी कहा था कि अगर कोई नया मुख्यमंत्री आगे लाना है तो उसे अब लाना चाहिए. नायब सिंह सैनी मेरे पुराने साथी हैं.

हरियाणा की सियासत में मंगलवार को बड़ी उठापठक का दिन रहा है. एक तरफ जननायक जनता पार्टी और बीजेपी के गठबंधन को लेकर खींचतान चलती रही तो दूसरी तरफ प्रदेश की पूरी सरकार का चेहरा ही बदल गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया.

12 मार्च को चंडीगढ़ में बीजेपी विधायक दल की इमरजेंसी बैठक बुलाई गई तभी साफ हो गया कि कुछ बड़ा फैसला होने वाला है. सोमवार को जेजेपी की दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक हुई लेकिन सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पाई. उसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि अब गठबंधन नहीं चलेगा. मंगलवार सुबह ये लगभग साफ हो गया. हलांकि गठबंधन तोड़ने का औपचारिक ऐलान दोनो दलों ने नहीं किया है.

बीजेपी विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री चुन लिए गए. इसके साथ ही ये भी साफ हो गया की बीजेपी हरियाणा में एकला चलो की राह पर है, और उसे जेजेपी के गठबंधन की जरूरत नहीं है. पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जेजेपी ज्यादा सीटें मांग रही थी जबकि हरियाणा बीजेपी का 10 सीटों का टारगेट था और हम सभी 10 सीटों पर लड़ने की तैयारी में लगे थे.

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नायब सैनी की कैबिनेट में अनिल विज को इसलिए नहीं मिली जगह

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अनिल विज को हरियाणा की नई कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिली, ये खबर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई. ये सवाल जब पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से किया गया तो उन्होंने इसका जवाब दिया. मनोहर लाल ने कहा कि अनिल विज का नाम कैबिनेट के शपथ लेने वाले मंत्रियों की लिस्ट में था लेकिन उन्होंने मना कर दिया, जिसकी वजह से उन पर दबाव नहीं बनाया गया. इसके अलावा कोई घटनाक्रम नहीं हुआ है.

अनिल विज को मैं 1990 से जानता हूं. जल्दी नाराज हो जाना और फिर जल्दी मान जाना उनके स्वभाव का हिस्सा है. हमें उम्मीद है कि वो इस बार भी मान जाएंगे. उनका नाम कैबिनेट में था. लेकिन उन्होंने शपथ लेने से मना कर दिया और कहा कि अभी उनका मन नहीं है. ऐसे में किसी पर दबाव नहीं बनाया जा सकता. लेकिन मुझे उम्मीद है कि नवनियुक्त मुख्यमंत्री जरूर उनसे बातचीत करेंगे.

भारतीय जनता पार्टी की परंपरा रही है कि समय-समय पर हम संगठन में नये चेहरों को आगे लाते रहते हैं. केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे कहा है कि आपको कोई और जिम्मेदारी देंगे. वो जिम्मेदारी क्या होगी वो आने वाले वक्त में पता लगेगा. मैंने पहले भी कहा था कि अगर कोई नया मुख्यमंत्री आगे लाना है तो उसे अब लाना चाहिए. नायब सिंह सैनी मेरे पुराने साथी हैं.

हरियाणा की सियासत में मंगलवार को बड़ी उठापठक का दिन रहा है. एक तरफ जननायक जनता पार्टी और बीजेपी के गठबंधन को लेकर खींचतान चलती रही तो दूसरी तरफ प्रदेश की पूरी सरकार का चेहरा ही बदल गया. मुख्यमंत्री मनोहर लाल समेत सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया.

12 मार्च को चंडीगढ़ में बीजेपी विधायक दल की इमरजेंसी बैठक बुलाई गई तभी साफ हो गया कि कुछ बड़ा फैसला होने वाला है. सोमवार को जेजेपी की दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक हुई लेकिन सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पाई. उसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि अब गठबंधन नहीं चलेगा. मंगलवार सुबह ये लगभग साफ हो गया. हलांकि गठबंधन तोड़ने का औपचारिक ऐलान दोनो दलों ने नहीं किया है.

बीजेपी विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री चुन लिए गए. इसके साथ ही ये भी साफ हो गया की बीजेपी हरियाणा में एकला चलो की राह पर है, और उसे जेजेपी के गठबंधन की जरूरत नहीं है. पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जेजेपी ज्यादा सीटें मांग रही थी जबकि हरियाणा बीजेपी का 10 सीटों का टारगेट था और हम सभी 10 सीटों पर लड़ने की तैयारी में लगे थे.

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Last Updated : Mar 12, 2024, 10:06 PM IST
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