पटनाः बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की हत्या पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है. हत्या इतनी क्रूरता से की गयी है कि उनके पिता जीतन सहनी का शव कमरे में क्षत-विक्षत हालत में पड़ा हुआ था. एक बड़े नेता के पिता की हत्या हत्या हो जाती और किसी को कोई खबर नहीं होती है. ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं जो पुलिस के लिए चुनौती बन गयी है. हालांकि पुलिस इसे चोरी के एंगल से देख रही है लेकिन अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रही है.
जीतन सहनी की हत्या किसने की? पूर्व मंत्री के पिता की हत्या से बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उठने लगे हैं. सबसे पहला सवाल तो यह कि इस घटना को किसने अंजाम दिया और क्यों? कहीं मुकेश सहनी या उनके पिता की किसी से दुश्मनी तो नहीं थी? आखिर इतने बड़े नेता के घर में घुसकर कौन इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता? इन तमाम सवालों का जवाब तलाशना पुलिस के लिए चुनौती है.
हत्या को लेकर क्या कहती है पुलिस? घटना के बाद दरभंगा पुलिस के वरीय पदाधिकारी लगातार घटनास्थल जमे हुए हैं. प्रथम दृश्यता पुलिस इसे चोरी के एंगल से देख रही है. बिरौल के एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी हत्या की पुष्टि करते हुए इसे चोरी के एंगल से देख रहा है. उन्होंने आशंका जताते हुए कहा है कि चोरी की नीयत से अपराधी घर में घुसकर घटना को अंजाम दिया हो हालांकि पुलिस अन्य एंगल से भी जांच कर रही है.
''मृतक जीतन सहनी अपने घर मे सो रहे थे, इस दौरान चोरी की नीयत से घर में घुसे अपराधियों ने विरोध करने पर धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी है.'' - मनीष चंद्र चौधरी, एसडीपीओ
धारदार हथियार से पेट और सीने पर वारः बता दें कि मंगलवार की सुबह जीतन सहनी(70) का शव दरभंगा स्थित उनके घर से बरामद किया गया. सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस जब घर के अंदर दीवार फांदकर गयी तो दृश्य देखकर कुछ देर के लिए हैरान रह गयी. जीतन सहनी का शव बिछावन पर क्षति-विक्षत अवस्था में पड़ा था. देखने से प्रतीत होता है कि किसी धारदार हथियार से वार किया गया है. आंत तक बाहर निकल गया है. सीने पर भी घातक हथियार से वार किया गया है. पूरे कमरे का सामान बिखरा पड़ा हुआ है.
घर में अकेले क्यों रहते थे जीतन सहनी? जानकारी के अनुसार मुकेश सहनी के पिता दरभंगा के बिरौली स्थित आवास में रहते थे. पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है. एक नौकर उनके घर में काम करता है. बताया जा रहा है कि नौकर समय से अपना काम खत्म कर चला जाता था. जिस समय घटना को अंजाम दिया गया शायद जीतन सहनी घर में अकेले थे. इसी दौरान किसी ने घर में घुसकर हत्या कर दी. जीतन सहनी के अकेले घर में होने को लेकर भी सवाल उठ रहा है. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है. एफएसएल की टीम मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटा रही है.
क्या मुकेश सहनी का घर सेफ नहीं था? जिस घर में मुकेश सहनी के पिता रहते थे वह दो मंजिल की है लेकिन ऊपर से खुला हुआ है. शायद ऊपर के रास्ते से अपराधी घर में घुसा होगा हालांकि स्थानीय लोगों का मानना है कि अपराधी पीछे के रास्ते से घर में घुसा होगा. घर की हालात देखकर लगता है कि यह जगह किसी तरह सेफ नहीं होगा. ऐसा भी हो सकता है कि कोई घर में पहले से मौजूद होगा. सवाल यह भी उठ रहा है कि जीतन सहनी की उम्र 70 के करीब थी फिर भी अकेले क्यों रहते थे? एक नौकर के अलावा कोई नहीं रहता था?
कौन हैं मुकेश सहनी? मुकेस सहनी सन ऑफ मल्लाह के नाम से भी जाने जाते हैं. दलित और शोषितों के समर्थन में हमेशा आवाज उठाते रहते हैं. राजनीति में आने से पहले मुकेश सहनी फिल्मों में सेट डिजाइन का काम करते थे. 'मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड के मालिक भी हैं. फिल्मी दुनियां से राजनीति में आने के बाद कई मुकाम हासिल किए. 19 साल की उम्र में बिहार छोड़कर मुंबई के लिए निकले मुकेश सहनी साल 2010 से समाज के लिए काम करना शुरू किया.
बिहार सरकार में रह चुके हैं मंत्री: 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार किया था. बाद में इन्होंने अपनी पार्टी वीआईपी का गठन किया. फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में महागठबंधन का हिस्सा बन गए. इनकी पार्टी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन सफलता नहीं मिली. बिहार सरकार में पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में भी काम किया. वर्तमान में मुकेश सहनी राजद के साथ गठबंधन में हैं. लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़े थे लेकिन कामयाबी नहीं मिली. फिलहाल मुकेश सहनी वीआईपी के पार्टी अध्यक्ष हैं.
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