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कौन बनेगा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का प्रधान? इन सदस्यों के हाथ में चाभी - HSGPC PRESIDENT ELECTION

हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रधान पद की रेस अब रोचक हो गई है. सभी बड़े चेहर अब लड़ाई से बाहर हो चुके हैं.

HSGPC PRESIDENT ELECTION
कौन बनेगा हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी का प्रधान? (Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 20, 2025, 5:31 PM IST

कुरुक्षेत्र: लंबे समय के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव हरियाणा में संपन्न हो गए हैं. करीब 22 साल कोर्ट में यह मामला विचाराधीन रहा, जहां हरियाणा के सिख पंजाब से अलग कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे और 2022 में कोर्ट के द्वारा इस मामले का फैसला हरियाणा के सिखों के हक में दिया था. पंजाब से अलग कमेटी बनने के बाद अब पहली बार हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव हुए हैं, इसमें कई पार्टी और आजाद उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे लेकिन किसी भी पार्टी को पूर्ण समर्थन नहीं मिल पाया है क्योंकि उनके मेंबर पूर्ण संख्या में नहीं बन पाए हैं. अब देखने वाली बात होगी कि हरियाणा में हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी का प्रधान कौन बनता है.

आजाद उम्मीदवारों के पास प्रधान पद की चाभी

रविवार के दिन हरियाणा में सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव हुए हैं लेकिन इस चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं हासिल हुआ है. आपको बता दें कि सिख समाज संस्था को 3 सीट पर जीत मिली है. पंथक दल (झिंडा) को 11 सीट पर जीत मिली है और हरियाणा सिख पंथक दल को 4 सीट पर जीत मिली है. इस चुनाव में सबसे ज्यादा आजाद उम्मीदवार सदस्य बने हैं. आजाद उम्मीदवारों को 22 सीट मिली है. इसलिए आजाद सदस्यों के पास प्रधान पद की चाभी है. ऐसे में अब किसी भी पार्टी का पूर्ण बहुमत नहीं दिखाई दे रहा.

प्रधान पद की रेस से बड़े चेहरे हुए बाहर

आपको बता दें कि हरियाणा से गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी में तीन बड़े चेहरे प्रधान पद की रेस में शामिल थे. लेकिन इनमें से भी अब कोई प्रधान बनता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. सबसे पहले पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा प्रधान पद की रेस में सबसे आगे थे लेकिन इनको केवल 40 सीटों में से 11 सीटों पर ही जीत मिली है. बलजीत सिंह दादूवाल भी प्रधान पद की रेस में थे और वो भी पूर्व प्रधान रह चुके हैं. लेकिन वो खुद अपनी सीट पर हार गए हैं. ऐसे में अब बलजीत दादूवाल भी प्रधान पद की रेस से बाहर हो चुके हैं. तीसरा नलवी ग्रुप सबसे बड़ा ग्रुप माना जाता था लेकिन उसके सदस्यों की संख्या भी बहुत कम है. ऐसे में अब ये भी प्रधान पद के उम्मीदवारी से बाहर हो चुके हैं.

झिंडा ने अपने पद से इस्तीफा देने का किया ऐलान

हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव होने के बाद अब हरियाणा के सिख राजनीति में बड़ा उलट पर देखने को मिला है. क्योंकि जगदीश सिंह झिंडा के पास सबसे ज्यादा 11 मेंबर थे लेकिन उन्होंने खुद ही अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है. उन्होंने कुरुक्षेत्र में पत्रकार वार्ता कर अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपने की बात कही है. उन्होंने कहा कि हमने लंबे समय तक हरियाणा के सिखों के लिए लड़ाई लड़ी है लेकिन यहां के सिखों ने उन पर इतना विश्वास नहीं जताया जिसकी वजह से उनके बहुत कम मेंबर बन पाए हैं. ऐसे में वो अब अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं.

आजाद सदस्यों पर टिकी है सभी की नजरें

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी में 22 सीटों पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़े प्रत्याशियों को जीत मिली है. वो अब हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के मेंबर बन गए हैं. अब यह कहना मुश्किल है कि हरियाणा में सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी का अगला प्रधान कौन होगा. लेकिन झिंडा ने आरोप लगाया है कि अकाली बादल आजाद मेंबर के साथ मिलकर अपना प्रधान बना सकते हैं और एक बार फिर हरियाणा की बागडोर उनके हाथों में जा सकती है. अब देखने वाली बात यह होगी कि हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का अगला प्रधान कौन होता है.

ये भी पढ़ें- HSGPC अध्यक्ष झींडा बोले, मेरी बीमारी का फायदा उठाकर दादूवाल बन गये थे प्रधान, 33 सदस्य मेरे साथ

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कुरुक्षेत्र: लंबे समय के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव हरियाणा में संपन्न हो गए हैं. करीब 22 साल कोर्ट में यह मामला विचाराधीन रहा, जहां हरियाणा के सिख पंजाब से अलग कमेटी बनाने की मांग कर रहे थे और 2022 में कोर्ट के द्वारा इस मामले का फैसला हरियाणा के सिखों के हक में दिया था. पंजाब से अलग कमेटी बनने के बाद अब पहली बार हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव हुए हैं, इसमें कई पार्टी और आजाद उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे लेकिन किसी भी पार्टी को पूर्ण समर्थन नहीं मिल पाया है क्योंकि उनके मेंबर पूर्ण संख्या में नहीं बन पाए हैं. अब देखने वाली बात होगी कि हरियाणा में हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी का प्रधान कौन बनता है.

आजाद उम्मीदवारों के पास प्रधान पद की चाभी

रविवार के दिन हरियाणा में सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव हुए हैं लेकिन इस चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं हासिल हुआ है. आपको बता दें कि सिख समाज संस्था को 3 सीट पर जीत मिली है. पंथक दल (झिंडा) को 11 सीट पर जीत मिली है और हरियाणा सिख पंथक दल को 4 सीट पर जीत मिली है. इस चुनाव में सबसे ज्यादा आजाद उम्मीदवार सदस्य बने हैं. आजाद उम्मीदवारों को 22 सीट मिली है. इसलिए आजाद सदस्यों के पास प्रधान पद की चाभी है. ऐसे में अब किसी भी पार्टी का पूर्ण बहुमत नहीं दिखाई दे रहा.

प्रधान पद की रेस से बड़े चेहरे हुए बाहर

आपको बता दें कि हरियाणा से गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी में तीन बड़े चेहरे प्रधान पद की रेस में शामिल थे. लेकिन इनमें से भी अब कोई प्रधान बनता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. सबसे पहले पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा प्रधान पद की रेस में सबसे आगे थे लेकिन इनको केवल 40 सीटों में से 11 सीटों पर ही जीत मिली है. बलजीत सिंह दादूवाल भी प्रधान पद की रेस में थे और वो भी पूर्व प्रधान रह चुके हैं. लेकिन वो खुद अपनी सीट पर हार गए हैं. ऐसे में अब बलजीत दादूवाल भी प्रधान पद की रेस से बाहर हो चुके हैं. तीसरा नलवी ग्रुप सबसे बड़ा ग्रुप माना जाता था लेकिन उसके सदस्यों की संख्या भी बहुत कम है. ऐसे में अब ये भी प्रधान पद के उम्मीदवारी से बाहर हो चुके हैं.

झिंडा ने अपने पद से इस्तीफा देने का किया ऐलान

हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के चुनाव होने के बाद अब हरियाणा के सिख राजनीति में बड़ा उलट पर देखने को मिला है. क्योंकि जगदीश सिंह झिंडा के पास सबसे ज्यादा 11 मेंबर थे लेकिन उन्होंने खुद ही अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही है. उन्होंने कुरुक्षेत्र में पत्रकार वार्ता कर अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपने की बात कही है. उन्होंने कहा कि हमने लंबे समय तक हरियाणा के सिखों के लिए लड़ाई लड़ी है लेकिन यहां के सिखों ने उन पर इतना विश्वास नहीं जताया जिसकी वजह से उनके बहुत कम मेंबर बन पाए हैं. ऐसे में वो अब अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं.

आजाद सदस्यों पर टिकी है सभी की नजरें

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी में 22 सीटों पर आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़े प्रत्याशियों को जीत मिली है. वो अब हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी के मेंबर बन गए हैं. अब यह कहना मुश्किल है कि हरियाणा में सिख गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी का अगला प्रधान कौन होगा. लेकिन झिंडा ने आरोप लगाया है कि अकाली बादल आजाद मेंबर के साथ मिलकर अपना प्रधान बना सकते हैं और एक बार फिर हरियाणा की बागडोर उनके हाथों में जा सकती है. अब देखने वाली बात यह होगी कि हरियाणा सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का अगला प्रधान कौन होता है.

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