चरखी दादरी/फतेहाबाद/जींद/भिवानीः हरियाणा में भ्रष्ट पटवारियों की सूची पर बवाल मचा हुआ है. सीएम नायब सिंह सैनी इस मुद्दे पर कह चुके हैं कि सूची कहां से आई है. इसकी जांच हो रही है. वहीं पटवारियों के समर्थन में राज्य के कर्मचारी संगठनों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. इसके तहत पंचायत से लेकर राज्य मुख्यालय तक कर्मचारी संगठन से जुड़े लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर और कार्यालयों के बाहर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. कुछ जगहों पर कार्यालयों में कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे. कर्मचारी संगठनों ने ऐलान किया है कि सोमवार से 3 दिवसीय आंदोलन का निर्णय कर्मचारी यूनियन की ओर से लिया गया है. इस दौरान अगर सरकार की ओर से भ्रष्ट पटवारियों की सूची पर माफी नहीं मांगी जाती तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. बता दें पटवारियों के आंदोलन को दूसरे कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन दिया है.
"बिना विभागीय जांच के पटवारियों को भ्रष्ट करार देना अन्यायपूर्ण" : चरखी दादरी में सरकार द्वारा रुपये लेकर काम करने वाले 370 पटवारियों की सूची में दादरी जिले के 6 पटवारी शामिल हैं. वहीं भ्रष्ट पटवारियों की सूची पर राज्यव्यापी विरोध-प्रदर्शन के तहत चरखी दादरी के पटवारखाना में बैठक कर सरकार के रवैये के खिलाफ कर्मचारियों ने विरोध दर्ज किया. इसके बाद विभिन्न कार्यालयों से प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचकर राजस्व मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान कर्मचारियों ने पटवारियों की सूची को वापस लेने और सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की मांग की. पटवारी कुलबीर सिंह और एसकेएस प्रधान कृष्ण ऊण ने संयुक्त रूप से कहा कि बिना विभागीय जांच के केवल सीआईडी रिपोर्ट के आधार पर पटवारियों को भ्रष्ट करार देना अन्यायपूर्ण है.
"प्राकृतिक और संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ है वायरल लिस्ट" : भ्रष्ट पटवारी की वायरल लिस्ट पर फतेहाबाद के कर्मचारी भी भड़के हुए हैं. पटवारियों के द्वारा फतेहाबाद में विरोध-प्रदर्शन किया गया. नारेबाजी करते हुए पटवारी फतेहाबाद के लघु सचिवालय पहुंचे और फतेहाबाद डीसी मनदीप कौर को राजस्व मंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा. फतेहाबाद पटवारी संगठन के जिला प्रधान सुरेश चंद्र ने बताया कि सरकार के द्वारा बिना किसी जांच की यह लिस्ट वायरल की गई है. इसे पटवारी अपनी मानहानि समझ रहे हैं और कोर्ट का रुख भी कर सकते हैं. दी रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन, हरियाणा ने राजस्व मंत्री के नाम दिए ज्ञापन में कहा कि 15 जनवरी को बिना किसी विभागीय जांच के अज्ञात एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर पटवारियों को भ्रष्ट करार देने का कार्य किया जा रहा है, जो कि न्यायसंगत नहीं है और प्राकृतिक और संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है.
"बिना जांच के पटवारियों पर लगाए गए निराधार आरोप" : हरियाणा सरकार की ओर से जारी भ्रष्ट पटवारी की लिस्ट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जींद में दी रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो संगठन जिला प्रधान की अगुवाई में करनाल में सभी पटवारी और कानूनगो ने जिला सचिवालय पहुंचकर रोष प्रदर्शन किया और तीन दिन तक काले बिल्ले लगाकर काम करने का आह्वान किया. रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के जिला प्रधान पदम ने सरकार द्वारा बिना किसी जांच के पटवारियों पर लगाए गए आरोप को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सीएम हाउस से जारी लिस्ट में हरियाणा के 370 पटवारी को भ्रष्ट करार दे दिया गया है. उन्होंने ये डाटा किस एजेंसी से उठाया है, नहीं मालूम है.
"सूची रद्द कर सोशल मीडिया पर वायरल करे सरकार" : 370 पटवारियों की लिस्ट सार्वजनिक किए जाने को लेकर पटवारी और कानूनगो एसोसिएशन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. दोनों संगठनों ने इस पत्र को वापिस किए जाने की मांग की है. सोमवार को भिवानी स्थित सुरेंद्र सिंह मेमोरियल पार्क में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया. इसके बाद कर्मचारियों की ओर से भिवानी उपायुक्त को राज्य सरकार के नाम एक ज्ञापन सौंपा. पटवारी-कानूनगो एसोसिएशन ने मांग की है कि जिस प्रकार से पटवारियों को भ्रष्ट बताकर पत्र को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है, उसे वापिस लिया जाए. साथ ही वापस लिए जाने का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया जाए. ताकि पटवारियों की छवि पर पड़े विपरीत प्रभाव को कम किया जा सके.
"अतिरिक्त सर्किल का कार्य नहीं करेंगे कर्मचारी" : भिवानी पटवारी-कानूनगो एसोसिएशन के जिला प्रधान सुनील, उप प्रधान विकास राठी और पटवारी विक्रांत ने बताया कि पटवारियों को भ्रष्ट बताए जाने का पत्र जारी होने के बाद कल जींद में राज्य स्तरीय बैठक हुई थी. बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब से पटवारी उनको दिए गए अतिरिक्त सर्किल का कार्य नहीं करेंगे. तीन दिन में ये पत्र वापिस नहीं लिया गया तो वे बड़े पैमाने पर हड़ताल करेंगे.
"वायरल सूची की हो रही है जांच " : बता दें कि सीएम नायब सिंह सैनी ने भ्रष्ट कर्मचारियों की वायरल सूची कहा था कि "वायरल सूची की जांच की जा रही है. हमारी सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टोलरेंस पर काम कर रही है. कर्मचारी भी अपना रवैया सुधारें. दोषी पाये जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी."