ETV Bharat / state

'कौन बनेगा बिहार का अगला डीजीपी'? आरएस भट्टी के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी के बाद सरकार की कवायद शुरू - DGP RS Bhatti - DGP RS BHATTI

DGP of Bihar राज्य में गिरती विधि व्यवस्था को लेकर सुशासनी सरकार कटघरे में है. विपक्ष आपराधिक घटनाओं को लेकर हमलावर है. पुलिस के मुखिया पर भी उंगली उठने शुरू हो गए हैं. बिहार में बढ़ रही अपराध की घटनाओं ने सरकार की चिंता बढ़ाई है. इन सबके बीच बिहार में नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई है. पढ़ें, विस्तार से.

बिहार के अगले डीजीपी कौन होंगे.
बिहार के अगले डीजीपी कौन होंगे. (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 19, 2024, 8:35 PM IST

Updated : Aug 20, 2024, 8:06 AM IST

पटना: आईपीएस अधिकारी आरएस भट्टी 18 दिसंबर 2022 को बिहार के डीजीपी बने थे. डीजीपी के तौर पर राजविंदर सिंह भट्टी का कार्यकाल 30 सितंबर 2025 तक का था. राजविंदर सिंह भट्टी के समक्ष बिहार को अपराध मुक्त करने की चुनौती थी. लेकिन, डीजीपी के कार्यकाल को 2 साल भी नहीं बीते कि बिहार में नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई. वर्तमान डीजीपी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए बिहार सरकार से अनुमति मांगी और बिहार सरकार ने अनुमति देने में देरी नहीं की.

DGP RS Bhatti
डीजीपी आरएस भट्टी. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

नए डीजीपी की तलाश शुरूः सूची में सबसे ऊपर डीजी विनय कुमार का नाम है. विनय कुमार इमानदार ऑफिसर में गिने जाते हैं. विनय कुमार 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी के पद पर तैनात हैं. इमानदार छवि के अधिकारी होने के चलते विनय कुमार सबसे आगे चल रहे हैं. इसके अलावा 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी शोभा अहोतकर भी कतार में हैं. शोभा अहोतकर फिलहाल होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी हैं.

शोभा अहोतकर.
शोभा अहोतकर. (ETV Bharat)

इनके नाम पर भी चर्चाः तीसरा नाम आईपीएस ऑफिसर आलोक राज का है. आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. फिलहाल विजिलेंस ब्यूरो के डीजी हैं. आलोक राज भी डीजीपी बनने की कतार में हैं. मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारियों में शुमार हैं. एडीजी स्तर के एक और अधिकारी डीजीपी बनने की दौड़ में हैं, लेकिन वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में है. वहीं, आर्थिक अपराधी इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की एनओसी बिहार सरकार ने दे दी है. केंद्र से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. ऐसे में उनकी जगह किसी दूसरे अधिकारी को आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी की जिम्मेदारी दी जाएगी.

आलोक राज.
आलोक राज. (ETV Bharat)

कैसे होती है नियुक्तिः पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने बताया कि डीजीपी पद के लिए बिहार सरकार 3 सीनियर आईपीएस ऑफिसर की सूची तैयार करती है. उसे संघ लोक सेवा आयोग के पास भेजा जाता है. अनुरोध पत्र में बिहार सरकार किसी खास अधिकारी के बारे में अपना मंतव्य देती है और किसी खास व्यक्ति को डीजीपी बनाने की सिफारिश की जाती है. आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग बिहार सरकार के प्रस्ताव को मान लेता है और सरकार जिसका नाम भेजती है वह डीजीपी के पद पर नियुक्त हो जाता है.

नैयर हसनैन खान.
नैयर हसनैन खान. (ETV Bharat)

शहाबुद्दीन को किया था गिरफ्तारः आपको बता दें कि राजविंदर सिंह भट्टी पहले भी बिहार में रह चुके थे और डीजीपी बनने से पहले सीमा सुरक्षा बल में अपर महानिदेशक पद पर तैनात थे. राजविंदर सिंह भट्टी पटना में भी सीटी एसपी के तौर पर काम कर चुके हैं. उस दौर में राजविंदर सिंह भट्टी को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता था.राजविंदर सिंह भट्टी ने 2005 में बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को दिल्ली में गिरफ्तार कर पटना लाने का काम किया था.

इसे भी पढ़ेंः

पटना: आईपीएस अधिकारी आरएस भट्टी 18 दिसंबर 2022 को बिहार के डीजीपी बने थे. डीजीपी के तौर पर राजविंदर सिंह भट्टी का कार्यकाल 30 सितंबर 2025 तक का था. राजविंदर सिंह भट्टी के समक्ष बिहार को अपराध मुक्त करने की चुनौती थी. लेकिन, डीजीपी के कार्यकाल को 2 साल भी नहीं बीते कि बिहार में नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई. वर्तमान डीजीपी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए बिहार सरकार से अनुमति मांगी और बिहार सरकार ने अनुमति देने में देरी नहीं की.

DGP RS Bhatti
डीजीपी आरएस भट्टी. (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

नए डीजीपी की तलाश शुरूः सूची में सबसे ऊपर डीजी विनय कुमार का नाम है. विनय कुमार इमानदार ऑफिसर में गिने जाते हैं. विनय कुमार 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के डीजी के पद पर तैनात हैं. इमानदार छवि के अधिकारी होने के चलते विनय कुमार सबसे आगे चल रहे हैं. इसके अलावा 1990 बैच की आईपीएस अधिकारी शोभा अहोतकर भी कतार में हैं. शोभा अहोतकर फिलहाल होमगार्ड और फायर ब्रिगेड की डीजी हैं.

शोभा अहोतकर.
शोभा अहोतकर. (ETV Bharat)

इनके नाम पर भी चर्चाः तीसरा नाम आईपीएस ऑफिसर आलोक राज का है. आलोक राज 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. फिलहाल विजिलेंस ब्यूरो के डीजी हैं. आलोक राज भी डीजीपी बनने की कतार में हैं. मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारियों में शुमार हैं. एडीजी स्तर के एक और अधिकारी डीजीपी बनने की दौड़ में हैं, लेकिन वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की तैयारी में है. वहीं, आर्थिक अपराधी इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की एनओसी बिहार सरकार ने दे दी है. केंद्र से हरी झंडी मिलने का इंतजार है. ऐसे में उनकी जगह किसी दूसरे अधिकारी को आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी की जिम्मेदारी दी जाएगी.

आलोक राज.
आलोक राज. (ETV Bharat)

कैसे होती है नियुक्तिः पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने बताया कि डीजीपी पद के लिए बिहार सरकार 3 सीनियर आईपीएस ऑफिसर की सूची तैयार करती है. उसे संघ लोक सेवा आयोग के पास भेजा जाता है. अनुरोध पत्र में बिहार सरकार किसी खास अधिकारी के बारे में अपना मंतव्य देती है और किसी खास व्यक्ति को डीजीपी बनाने की सिफारिश की जाती है. आमतौर पर संघ लोक सेवा आयोग बिहार सरकार के प्रस्ताव को मान लेता है और सरकार जिसका नाम भेजती है वह डीजीपी के पद पर नियुक्त हो जाता है.

नैयर हसनैन खान.
नैयर हसनैन खान. (ETV Bharat)

शहाबुद्दीन को किया था गिरफ्तारः आपको बता दें कि राजविंदर सिंह भट्टी पहले भी बिहार में रह चुके थे और डीजीपी बनने से पहले सीमा सुरक्षा बल में अपर महानिदेशक पद पर तैनात थे. राजविंदर सिंह भट्टी पटना में भी सीटी एसपी के तौर पर काम कर चुके हैं. उस दौर में राजविंदर सिंह भट्टी को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाना जाता था.राजविंदर सिंह भट्टी ने 2005 में बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन को दिल्ली में गिरफ्तार कर पटना लाने का काम किया था.

इसे भी पढ़ेंः

Last Updated : Aug 20, 2024, 8:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.