रांची: लैंड स्कैम मामले में सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर ईडी टीम के पहुंचने से सियासी खेमे में खलबली मची हुई है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा है कि ईडी की टीम दिल्ली स्थित शांति निकेतन आवास पर गई है, लेकिन सीएम उस आवास पर नहीं है. उन्होंने कहा कि सीएम हमारे टच में हैं. उनसे पूछा गया कि सीएम आखिर कहां हैं और रांची कब लौटेंगे. जवाब में उन्होंने कहा कि ईडी को 10वें समन का जवाब ईमेल से भेज दिया गया है. सीएम ने 31 जनवरी को उनके रांची आवास पर दोपहर 1 बजे आने को कहा है.
ऐसे में जाहिर है कि सीएम 31 जनवरी को यहां मौजूद रहेंगे. हालांकि वह यह नहीं बता पाए कि सीएम आखिर किस दिन रांची लौट रहे हैं और दिल्ली में आखिर हैं कहां. उनसे पूछा गया कि सीएम ट्रेसलेस बताए जा रहे हैं. बाबूलाल मरांडी ने भी सवाल खड़े किए हैं. जवाब में सुप्रीयो भट्टाचार्य पहले मुस्कुराए. उन्होंने कहा कि गोद में बच्चा शहर में ढिंढोरा. सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को अगर उनसे मिलना है तो सीएम के नाम पत्र दें. उनसे मुलाकात करवा दिया जाएगा.
दिल्ली आवास पर क्यों पहुंची ईडी की टीम: अब सवाल है कि जब ईडी ने 29 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए 10वां समन दे रखा था तो सीएम के दिल्ली आवास पर अचानक टीम क्यों पहुंच गई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किसी विशेष इनपुट पर ईडी की टीम वहां पहुंची थी. लेकिन इससे पहले ही सीएम अपने आवास से निकल चुके थे. हालांकि झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि सीएम अपने व्यक्तिगत काम से दिल्ली गये हैं. वह रांची भी लौटेंगे. झामुमो का कहना है कि 28 जनवरी को रविवार था, इसलिए ईडी को 10वें समन का जवाब नहीं दिया जा सका.
राजनीतिक इशारे पर काम रहा है ईडी: सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि 20 जनवरी को सहायक आयुक्त के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम सीएम आवास पहुंची थी. उस दिन उनसे 17-18 सवाल किए गये थे. ज्यादातर सवाल उनके चुनावी हलफनामे से जुड़े थे. इसके बाद बड़गाईं के जमीन की चर्चा हुई. यह सभी जानते हैं कि बड़गाई के जिस जमीन की बात हो रही है, वह जमीन भुईंहरी है. उसकी खरीद बिक्री नहीं हो सकती. फिर कोई केस बनता ही नहीं. फिर भी उसकी तफ्तीश की जा रही है. जहां तक सोहराय भवन की बात है तो 2018 से 2022 तक हुए ट्रांजेक्शन का ब्यौरा मांगा गया.
ईडी को बताया गया कि सोहराय भवन से जुड़ा व्यवसाय उनकी धर्मपत्नी के नाम है. इससे साफ है कि सब कुछ राजनीतिक इशारे पर किया जा रहा है. सीएम का शिड्यूल एक माह से तीन माह तक पहले से तय रहता है. 2 फरवरी और 4 फरवरी को दुमका और धनबाद में पार्टी का कार्यक्रम है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 9 फरवरी से बजट सत्र है. इस बीच ईडी की कार्रवाई असंवैधानिक है. एक हौवा क्रिएट किया जा रहा है. सीएम व्यक्तिगत काम से दिल्ली गये हैं. उन्होंने कहा कि डराने की कोशिश हो रही है, जो संभव नहीं है.
गवर्नर के बयान पर झामुमो की प्रतिक्रिया: झामुमो के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि गवर्नर साहब का रुलिंग किसी पार्टी पर नहीं चलता. उनको समझना चाहिए. वो किसी पॉलिटिकल पार्टी के प्रवक्ता हैं ना किसी पॉलिटिकल पार्टी को डायरेक्ट कर सकते हैं. उनकी चौहदी बनी हुई है. राजनीतिक दलों को भी अपनी चौहदी पार नहीं करना चाहिए.
उन्होंने भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि अगर आपसे राजनीतिक मतभेद है तो आप लोगों के बीच जाएं. जो आपके लिए संभव नहीं है. इसलिए एजेंसी को आगे किया जा रहा है. झामुमो महासचिव ने कहा कि सूत्रों के हवाले से खबरें चलाई जा रही हैं. आखिर सोर्स है कौन. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी को 1 बजे के बाद पूछताछ के दौरान राज्य का माहौल का अनुमान लगाएं. अगर आप आधारहीन खबरें प्रसारित करेंगे तो कहीं न कहीं स्थिति गड़बड़ होंगी.
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