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वैशाख अमावस्या 2024: वैशाख अमावस्या कब ? जाने महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि - Vaishakh Amavasya 2024

Vaishakh Amavasya 2024: वैशाख अमावस्या 8 मई 2024, बुधवार को पड़ रही है. जानिए वैशाख अमावस्या का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि.

वैशाख अमावस्या
वैशाख अमावस्या (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 5, 2024, 3:52 PM IST

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा (Etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख महीने में पढ़ने वाली अमावस्या तिथि को वैशाख अमावस्या कहते हैं. बुधवार, 8 मई 2024 को वैशाख अमावस्या पड़ रही है. वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पितरों की पूजा, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. मान्यता है कि वैशाख अमावस्या पर पितर संबंधित कार्य करने से पितर आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं कि वैशाख अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक वैशाख अमावस्या तिथि पर पितरों के निमित्त दान देना चाहिए. ऐसा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है. अमावस्या तिथि के दिन पितरों के नाम से किए गए काम फलीभूत होते हैं. वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है.

पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए. अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने पर सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

० वैशाख अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 7 मई 2024 को सुबह 11:40 बजे से शुरू.
  • अमावस्या तिथि समाप्त: बुधवार, 8 मई 2024 को सुबह 08:08 बजे समाप्त होगी.
  • उदया तिथि के अनुसार वैशाख अमावस्या 8 मई (बुधवार) को मनाई जाएगी.

० पूजा विधि

वैशाख अमावस्या तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे वस्त्र पहने. यदि आपके घर के आसपास पवित्र नदी है या फिर आप पवित्र नदी में स्नान करने में सक्षम है, तो ऐसा जरूर करें अन्यथा घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. घर के मंदिर की साफ सफाई कर दीप जलाएं. भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. यदि संभव है तो व्रत अवश्य रखें. अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें अमावस्या तिथि पर दान करना भी बेहद फलदाई बताया गया है. इस दिन अपने समर्थ के अनुसार पंखा, मिट्टी का घड़ा, मीठा जल आदि दान कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: 19 अप्रैल को कामदा एकादशी: पापों का नाश और धन-संतान के सुख के लिए रखा जाता है व्रत

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा (Etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है. वैशाख महीने में पढ़ने वाली अमावस्या तिथि को वैशाख अमावस्या कहते हैं. बुधवार, 8 मई 2024 को वैशाख अमावस्या पड़ रही है. वैशाख अमावस्या पर विधि विधान से पितरों की पूजा, तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. मान्यता है कि वैशाख अमावस्या पर पितर संबंधित कार्य करने से पितर आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं कि वैशाख अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि.

आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक वैशाख अमावस्या तिथि पर पितरों के निमित्त दान देना चाहिए. ऐसा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है. अमावस्या तिथि के दिन पितरों के नाम से किए गए काम फलीभूत होते हैं. वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है.

पवित्र नदियों में स्नान के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य देकर पितरों का तर्पण करना चाहिए. अमावस्या तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करने पर सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

० वैशाख अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • अमावस्या तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 7 मई 2024 को सुबह 11:40 बजे से शुरू.
  • अमावस्या तिथि समाप्त: बुधवार, 8 मई 2024 को सुबह 08:08 बजे समाप्त होगी.
  • उदया तिथि के अनुसार वैशाख अमावस्या 8 मई (बुधवार) को मनाई जाएगी.

० पूजा विधि

वैशाख अमावस्या तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें. स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे वस्त्र पहने. यदि आपके घर के आसपास पवित्र नदी है या फिर आप पवित्र नदी में स्नान करने में सक्षम है, तो ऐसा जरूर करें अन्यथा घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. घर के मंदिर की साफ सफाई कर दीप जलाएं. भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. यदि संभव है तो व्रत अवश्य रखें. अमावस्या तिथि पर भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा करें अमावस्या तिथि पर दान करना भी बेहद फलदाई बताया गया है. इस दिन अपने समर्थ के अनुसार पंखा, मिट्टी का घड़ा, मीठा जल आदि दान कर सकते हैं.

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