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दुर्गा अष्टमी कब है, तारीख का कंफ्यूजन दूर करें, छत्तीसगढ़ के इन मंदिरों में कर सकते हैं महाअष्टमी की पूजा

दुर्गाष्टमी व्रत पर पूजा का शुभ समय कब तक है. आप मंदिरों में कैसे पूजा कर सकते हैं. जानिए पूरी जानकारी

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

DURGA ASHTAMI 2024
दुर्गा अष्टमी की तारीख का भ्रम दूर करें (ETV BHARAT)

रायपुर: दुर्गा अष्टमी पर मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा होती है. नवरात्रि की अष्टमी को दुर्गा अष्टमी और महाष्टमी भी कहते हैं.दुर्गा पूजा अश्विन माह में करते हैं. ज्योतिषियों के मुताबिक आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:35 बजे से शुरू होगी. 11 अक्टूबर को दोपहर 12:05 बजे तक अष्टमी रहेगी. सप्तमी व्रत 10 अक्टूबर को है, इसलिए दुर्गाष्टमी व्रत 11 अक्टूबर यानी शुक्रवार को है .

दुर्गा अष्टमी पर महागौरी की पूजा: अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा की जाती है. महागौरी माता पार्वती का दिव्य रूप हैं. माता का रंग पूरी तरह से गौर है. माता के सभी आभूषण और वस्त्र सफेद रंग के होते हैं, इसलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहते हैं. महागौरी की चार भुजाएं हैं. माता का वाहन वृषभ है, इसीलिए उन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां महागौरी के दाएं हाथ में अभय मुद्रा है, नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है. ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू है, नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है.

दुर्षा अष्टमी का महत्व: महागौरी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है. मां महागौरी की पूजा करने से सुख समृद्धि मिलती है. महाष्टमी का व्रत रखने का खास महत्व है. निर्जला व्रत रखने से बच्चे दीर्घायु होते हैं. दुर्गा अष्टमी महागौरी का मंत्र- ॐ देवी महागौर्यै नमः है.

छत्तीसगढ़ के इन मंदिरों में कर सकते हैं महाअष्टमी की पूजा

  1. मां बम्लेश्वरी धाम डोंगरगढ़: राजनांदगांव से सटे डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी माता का मंदिर है. यहां पर आप अष्टमी की पूजा के दौरान माता के दर्शन कर सकते हैं.
  2. महामाया मंदिर बिलासपुर: बिलासपुर के रतनपुर में मां महामाया मंदिर स्थिति है. यह छत्तीसगढ़ के शक्तिपीठों में शामिल है. यहां आप माता के दर्शन कर पूजा कर सकते हैं.
  3. दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा: बस्तर के दंतेवाड़ा में मां दतेश्वरी देवी का मंदिर है. यहां विश्व प्रसिद्ध दशहरा भी लगता है. यह देश के 52 शक्तिपीठों में शामिल प्रमुख मंदिर है.
  4. चंद्रहासिनी देवी मंदिर जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा में माता चंद्रहासिनी देवी का मंदिर है. यहां नवरात्रि पर विशेष पूजा अर्चना होती है. आप यहां पर माता का आशीर्वाद पा सकते हैं.
  5. बंजारी माता मंदिर रायगढ़: रायगढ़ में बंजारी माता मंदिर स्थिति है. इस मंदिर में आप माता रानी की विशेष पूजा कर सकते हैं.
  6. शिवानी माता मंदिर कांकेर: शिवानी माता मंदिर कांकेर में स्थित है. इस मंदिर के मूर्ति की अलग विशेषता है. इसका आधा भाग देवी काली को समर्पित किया गया है. जबकि आधा भाग देवी दुर्गा को समर्पित है.
  7. पाताल भैरवी मंदिर राजनांदगांव: पाताल भैरवी मंदिर राजनांदगांव में स्थित है. इस मंदिर को बर्फानी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है. पातालभैरवी मंदिर तीन स्तरों में फैला हुआ है.
  8. गंगा मइया मंदिर बालोद: बालोद के झलमला में मां गंगा मैया मंदिर स्थित है. यह छत्तीसगढ़ के पवित्र स्थानों में से एक है. यहां साल में दो बार नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा अर्चना होती है.

दुर्गा पूजा में सप्तमी, अष्टमी और महानवमी की पूजा का विशेष महत्व है. इस दौरान देश के सभी शक्तिपीठों और दुर्गा मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होती है.

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रायपुर: दुर्गा अष्टमी पर मां के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा होती है. नवरात्रि की अष्टमी को दुर्गा अष्टमी और महाष्टमी भी कहते हैं.दुर्गा पूजा अश्विन माह में करते हैं. ज्योतिषियों के मुताबिक आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:35 बजे से शुरू होगी. 11 अक्टूबर को दोपहर 12:05 बजे तक अष्टमी रहेगी. सप्तमी व्रत 10 अक्टूबर को है, इसलिए दुर्गाष्टमी व्रत 11 अक्टूबर यानी शुक्रवार को है .

दुर्गा अष्टमी पर महागौरी की पूजा: अष्टमी के दिन महागौरी की पूजा की जाती है. महागौरी माता पार्वती का दिव्य रूप हैं. माता का रंग पूरी तरह से गौर है. माता के सभी आभूषण और वस्त्र सफेद रंग के होते हैं, इसलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा भी कहते हैं. महागौरी की चार भुजाएं हैं. माता का वाहन वृषभ है, इसीलिए उन्हें वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां महागौरी के दाएं हाथ में अभय मुद्रा है, नीचे वाले हाथ में त्रिशूल है. ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू है, नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है.

दुर्षा अष्टमी का महत्व: महागौरी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है. मां महागौरी की पूजा करने से सुख समृद्धि मिलती है. महाष्टमी का व्रत रखने का खास महत्व है. निर्जला व्रत रखने से बच्चे दीर्घायु होते हैं. दुर्गा अष्टमी महागौरी का मंत्र- ॐ देवी महागौर्यै नमः है.

छत्तीसगढ़ के इन मंदिरों में कर सकते हैं महाअष्टमी की पूजा

  1. मां बम्लेश्वरी धाम डोंगरगढ़: राजनांदगांव से सटे डोंगरगढ़ में मां बमलेश्वरी माता का मंदिर है. यहां पर आप अष्टमी की पूजा के दौरान माता के दर्शन कर सकते हैं.
  2. महामाया मंदिर बिलासपुर: बिलासपुर के रतनपुर में मां महामाया मंदिर स्थिति है. यह छत्तीसगढ़ के शक्तिपीठों में शामिल है. यहां आप माता के दर्शन कर पूजा कर सकते हैं.
  3. दंतेश्वरी मंदिर दंतेवाड़ा: बस्तर के दंतेवाड़ा में मां दतेश्वरी देवी का मंदिर है. यहां विश्व प्रसिद्ध दशहरा भी लगता है. यह देश के 52 शक्तिपीठों में शामिल प्रमुख मंदिर है.
  4. चंद्रहासिनी देवी मंदिर जांजगीर चांपा: जांजगीर चांपा में माता चंद्रहासिनी देवी का मंदिर है. यहां नवरात्रि पर विशेष पूजा अर्चना होती है. आप यहां पर माता का आशीर्वाद पा सकते हैं.
  5. बंजारी माता मंदिर रायगढ़: रायगढ़ में बंजारी माता मंदिर स्थिति है. इस मंदिर में आप माता रानी की विशेष पूजा कर सकते हैं.
  6. शिवानी माता मंदिर कांकेर: शिवानी माता मंदिर कांकेर में स्थित है. इस मंदिर के मूर्ति की अलग विशेषता है. इसका आधा भाग देवी काली को समर्पित किया गया है. जबकि आधा भाग देवी दुर्गा को समर्पित है.
  7. पाताल भैरवी मंदिर राजनांदगांव: पाताल भैरवी मंदिर राजनांदगांव में स्थित है. इस मंदिर को बर्फानी आश्रम के नाम से भी जाना जाता है. पातालभैरवी मंदिर तीन स्तरों में फैला हुआ है.
  8. गंगा मइया मंदिर बालोद: बालोद के झलमला में मां गंगा मैया मंदिर स्थित है. यह छत्तीसगढ़ के पवित्र स्थानों में से एक है. यहां साल में दो बार नवरात्रि के दौरान विशेष पूजा अर्चना होती है.

दुर्गा पूजा में सप्तमी, अष्टमी और महानवमी की पूजा का विशेष महत्व है. इस दौरान देश के सभी शक्तिपीठों और दुर्गा मंदिर में विशेष पूजा अर्चना होती है.

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