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इस साल बढ़ा गेहूं उत्पादन: हरियाणा की मंडियों में 66 लाख टन गेहूं की आवक, 41 लाख टन का उठान, 64 लाख टन खरीद पूरी - wheat purchase in haryana - WHEAT PURCHASE IN HARYANA

Wheat Purchase In Haryana: हरियाणा में इस वर्ष गेहूं उत्पादन बढ़ा है. जहां बीते वर्ष प्रदेश में गेहूं उत्पादन 62 लाख टन था. वहीं इस साल ये करीब 72 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है.

Wheat Purchase In Haryana
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : May 2, 2024, 7:30 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में रबी सीजन 2024-25 की गेहूं और सरसों की खरीद और उठान का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है. प्रदेश की मंडियों में अब तक कुल 66 लाख टन गेहूं की आवक हुई है. इसमें से सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा 64 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. वहीं 41 लाख टन गेहूं के उठान का कार्य पूरा कर लिया गया है.

सरकारी एजेंसियां खरीद रही फसल: प्रदेश में सरकारी खरीद एजेंसियों-हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन समेत अन्य द्वारा अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद जारी है. विभिन्न मंडियों में रोजाना गेहूं खरीद संबंधी जानकारी से विभागीय उच्च पदस्थ अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है.

इस वर्ष बढ़ा गेहूं उत्पादन: हरियाणा में इस वर्ष गेहूं उत्पादन बढ़ा है. जहां बीते वर्ष प्रदेश में गेहूं उत्पादन 62 लाख टन था. वहीं इस साल ये करीब 72 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है. जबकि इससे पहले सरकारी अधिकारियों के अनुसार इस बार करीब 80 लाख टन गेहूं की आवक का अनुमान था. लेकिन प्रदेश में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल खराब होने से आवक अनुमानित लक्ष्य से कम रही है. हालांकि वर्ष 2022-23 में आई बाढ़ के चलते फसल बर्बाद होने से गेहूं उत्पादन करीब 41 लाख टन पर ठहर गया था.

किसानों ने बारिश से खराब फसल के लिए मांगा मुआवजा: प्रदेश में मार्च-अप्रैल 2024 के दौरान तेज बारिश और ओलावृष्टि से काफी फसल खराब हुई. नतीजतन किसानों ने प्रदेश सरकार के पोर्टल पर 12 लाख एकड़ खराब फसल के लिए मुआवजा राशि की मांग की है. जबकि 2-3 मार्च 2024 को हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से करीब 10 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा था. इसके बाद करीब 2 लाख एकड़ और फसल को नुकसान पहुंचा.

अंतिम चरण में फसल उठान और खरीद कार्य: प्रदेश में गेहूं की फसल का उठान व खरीद कार्य लगभग समाप्ति की ओर है. अधिकांश मंडियों में फसल उठान और खरीद कार्य पूरा हो चुका है. जबकि अन्य शेष मंडियों में भी कामकाज अंतिम चरण में जारी है. वहीं मंडियों में सरसों की कुल आवक भी 10 लाख टन से अधिक हो चुकी है.

ये भी पढ़ें- अंबाला अनाज मंडी में फसल उठान की धीमी प्रक्रिया से आढ़ती परेशान, किसानों को नहीं मिल रही पेमेंट - Ambala Grain Market

ये भी पढ़ें- जींद में बारिश और ओलावृष्टि, अनाज मंडियों में खुले में रखी गेहूं की फसल भीगी - Rain In Haryana

चंडीगढ़: हरियाणा में रबी सीजन 2024-25 की गेहूं और सरसों की खरीद और उठान का कार्य अंतिम चरण में पहुंच चुका है. प्रदेश की मंडियों में अब तक कुल 66 लाख टन गेहूं की आवक हुई है. इसमें से सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा 64 लाख टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है. वहीं 41 लाख टन गेहूं के उठान का कार्य पूरा कर लिया गया है.

सरकारी एजेंसियां खरीद रही फसल: प्रदेश में सरकारी खरीद एजेंसियों-हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन समेत अन्य द्वारा अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद जारी है. विभिन्न मंडियों में रोजाना गेहूं खरीद संबंधी जानकारी से विभागीय उच्च पदस्थ अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है.

इस वर्ष बढ़ा गेहूं उत्पादन: हरियाणा में इस वर्ष गेहूं उत्पादन बढ़ा है. जहां बीते वर्ष प्रदेश में गेहूं उत्पादन 62 लाख टन था. वहीं इस साल ये करीब 72 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है. जबकि इससे पहले सरकारी अधिकारियों के अनुसार इस बार करीब 80 लाख टन गेहूं की आवक का अनुमान था. लेकिन प्रदेश में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल खराब होने से आवक अनुमानित लक्ष्य से कम रही है. हालांकि वर्ष 2022-23 में आई बाढ़ के चलते फसल बर्बाद होने से गेहूं उत्पादन करीब 41 लाख टन पर ठहर गया था.

किसानों ने बारिश से खराब फसल के लिए मांगा मुआवजा: प्रदेश में मार्च-अप्रैल 2024 के दौरान तेज बारिश और ओलावृष्टि से काफी फसल खराब हुई. नतीजतन किसानों ने प्रदेश सरकार के पोर्टल पर 12 लाख एकड़ खराब फसल के लिए मुआवजा राशि की मांग की है. जबकि 2-3 मार्च 2024 को हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से करीब 10 लाख एकड़ फसल को नुकसान पहुंचा था. इसके बाद करीब 2 लाख एकड़ और फसल को नुकसान पहुंचा.

अंतिम चरण में फसल उठान और खरीद कार्य: प्रदेश में गेहूं की फसल का उठान व खरीद कार्य लगभग समाप्ति की ओर है. अधिकांश मंडियों में फसल उठान और खरीद कार्य पूरा हो चुका है. जबकि अन्य शेष मंडियों में भी कामकाज अंतिम चरण में जारी है. वहीं मंडियों में सरसों की कुल आवक भी 10 लाख टन से अधिक हो चुकी है.

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