भिलाई : देशभर में एक जुलाई से भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रावधान लागू हो गए हैं. भिलाई के सेक्टर 6 स्थित कंट्रोल रूम में नए कानून की जानकारी देने के लिए के लिए कार्यक्रम आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी, दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग, एसपी जितेंद्र शुक्ला, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव और स्कूल के बच्चे सहित कई लोग मौजूद थे.
पुलिस प्रशासन ने आयोजित किया सेमिनार : भिलाई सेक्टर 6 कंट्रोल रूम में नए कानून को लेकर दुर्ग पुलिस ने नवीन भारती आपराधिक कानून उत्सव मनाया.जिले के सभी थानों पर आकर्षक सजावट की गई है. कई थाना परिसरों में रंगोली बनाई गई. भारत सरकार के नए कानून 1 जुलाई लागू हुए हैं. पुलिस प्रशासन का मानना है कि अपराधियों को दंड देने के साथ पीड़ितों को न्याय दिलाना ही सबसे महत्वपूर्ण कदम है.
''1 जुलाई से भारतीय दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 तथा भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 लागू की गई है. इनमें पूर्व में लागू अधिनियम को विलोपित नहीं कर नए अधिनियम को पुनर्स्थापित किया गया है.''- रामगोपाल गर्ग,आईजी
नए कानून में क्या है खास ?: दुर्ग जिले में नए कानून को लेकर एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है. भारतीय दंड संहिता के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता लागू होगी. दंड प्रक्रिया संहिता के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की शुरुआत हुई है. देश में 150 वर्ष पहले के अंग्रेजों के कानून को बदला गया है. नए कानून में जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर का प्रावधान है. जिसमें व्यक्ति कहीं से भी एफआईआर दर्ज करा सकता है. एफआईआर दर्ज कराने के बाद उसे तीन दिनों के अंदर थाने में आना होगा. जिस पीड़ित के साथ घटना घटित हुई है तो उसे 90 दिन में उसकी डिटेल बताना है. उसका केस किस स्थिति में है. पीड़ित का मेडिकल और रिपोर्ट डॉक्टर को 7 दिन में देना जरूरी है.