फतेहपुरः जिले के युवक को 40 दिन में सात बार सांप के काटने के मामले में स्वास्थ्य टीम की जांच पूरी हो गई. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इसके साथ ही युवक को स्नेक फोबिया का शिकार बताकर मनोरोग चिकित्सक से उपचार लेने की सलाह भी है. जांच के दौरान सर्पदंश के हर बार बनने वाले निशानों का मिलान दूसरे सर्पदंश पीड़ित के निशानों से किया गया, जो कि पहली बार छोड़कर शेष छह बार के निशान अलग-अलग पाए गए.
बता दें कि सौंरा गांव में चाय की दुकान चलाने वाले सुरेंद्र द्विवेदी के 24 वर्षीय बेटे विकास दुबे को 2 जून को पहली बार सांप ने काट लिया था. उपचार के लिए उसे राम सनेही मेमोरियल हास्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां पर डॉ. जवाहर लाल ने विकास का उपचार किया. इसके बाद लगभग पांच से सात दिन के अंतराल पर विकास ने छह बार और सांप के डसने की बात बताई. बार-बार सांप काटने और एक ही अस्पताल में इलाज कराने पर स्वास्थ्य विभाग ने शक के आधार पर जांच का फैसला लिया. इसके लिए बाकायदा टीम गठित की गई. वहीं, वन विभाग भी इस अजीबो गरीब किस्से को लेकर जांच करने अस्पाल से लेकर घर तक निरीक्षण किया.
सीएमओ डॉ. राजीव नयन गिरि, एसडीएम प्रदीप रमन, नायब तहसीलदार सिटी विजय प्रकाश तिवारी, एडीशनल सीएमओ डा. इस्तियाक अहमद, डा. राजेंद्र वर्मा, डा. एनके सक्सेना ने सोमवार को रामसनेही नर्सिंग होम पहुंचकर जांच पड़ताल की. बीएचटी (बेड हेड टिकट) में उपचार विधि और लगाई गई दवाओं का ब्योरा देखा. दवाएं सस्पेक्टेड प्वाइजनिंग के आधार पर दी गई थीं. चिकित्सक ने सातों बार पीड़ित को लक्षण के आधार पर एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन भी लगाया था.
टीम ने विकास दुबे और मोहनखेड़ा के एक बार सर्पदंश पीड़ित के सर्पदंश निशानों का मिलान किया गया. एक अन्य मरीज जहां रामसनेही नर्सिंग होम के आइसीयू में मौजूद था. उसके भी विकास के निशानों का मिलान फोटोग्राफ के आधार पर किया गया. विकास के सर्पदंश निशान जो पहली बार पड़े थे, वह दूसरे के सर्पदंश निशान जैसे थे. लेकिन अन्य छह बार के निशान सर्पदंश वाले निशान से अलग थे.
जांच टीम ने बताया कि विकास सात बार सर्पदंश का शिकार हुए हैं, लेकिन एक भी बार किसी ने सांप को नहीं देखा. विकास के बयानों में एक बार उन्होंने पूछ देखी और एक बार उसने पांच मुखी सर्प देखा है, लेकिन अन्य किसी ने सर्प को निकलते, चलते या डसते नहीं देखा है.
डिप्टी सीएमओ डॉक्टर राजेंद्र कुमार ने बताया कि तीन सदस्यीय जांच टीम रामसनेही हॉस्पिटल गई थी औऱ विकास दुबे के इलाज की फाइल बीएसटी देखी. जिससे पता चला कि विकास दुबे को स्नैक फोबिया है, अभी तो विकास दुबे फतेहपुर में नही है. जब विकास फतेहपुर आएगा तो उसका मानसिक रोग विशेषज्ञ इलाज कराएंगे.
बता दें कि विकास दुबे ने बताया था कि शनिवार और रविवार को ही सांप उसे काटता था. इतना ही नहीं, जब विकास ने दावा किया था कि उसने सपना देखा है कि सांप 9 बार काटेगा और आखिरी बार वह नहीं बचेगा.