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बहुत हुआ "अपमान"...अब मिलेगा "सम्मान"...क्या है किरण और श्रुति चौधरी के कांग्रेस छोड़ने की इनसाइड स्टोरी ? क्या मोदी ने दिया था हिंट ? - Inside Story of leaving Congress

Inside Story of Kiran chaudhary Shruti Chaudhary leaving Congress : हरियाणा के चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधु और तोशाम से कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने आज अपनी बेटी श्रुति चौधरी के साथ कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़कर भगवा रंग में रंगते हुए बीजेपी जॉइन कर लिया. ऐसे में सबके मन में सवाल है कि आखिरकार किरण चौधरी को इतना बड़ा कदम क्यों उठाना पड़ा. क्या है किरण चौधरी और श्रुति चौधरी के कांग्रेस को छोड़ने की इनसाइड स्टोरी

What is the inside story of Kiran Chaudhary and Shruti Chaudhary leaving Congress and joining BJP
कांग्रेस छोड़ने की इनसाइड स्टोरी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 19, 2024, 7:22 PM IST

चंडीगढ़ : किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने आज दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय जाकर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में बीजेपी जॉइन कर लिया है. लेकिन किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ने का ये कदम क्यों उठाया, ये सवाल सबके मन में है. क्या किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को धोखा दिया, जैसा कि इस वक्त कांग्रेस पार्टी के नेता उन पर आरोप लगा रहै है, या फिर उनको पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया गया. आइए जानते हैं.

हरियाणा की सियासत में मंगलवार को उस समय सियासत में हलचल मच गई जब कांग्रेस नेता किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया और ईटीवी भारत की ख़बर पर मुहर लगाते हुए दोनों ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया. "हाथ" को छोड़ किरण ने "कमल" का साथ देने का फैसला क्यों किया, इसके पीछे कई वजहें बताई जा रही है.

1) श्रुति चौधरी को लोकसभा का टिकट ना देने से नाराज़गी : किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से टिकट ना देने को बताई जा रही है.

2) हुड्डा के चहेते राव दान सिंह को टिकट : हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाज़ी जगजाहिर है. हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कैंप बनाम एसआरके (SRK) गुट यानि कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी की लड़ाई के बारे में सब जानते हैं. दोनों गुट एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाज़ी करते रहे हैं. ऐसे में टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चलने और उनकी बेटी का टिकट काटकर हुड्डा के चहेते राव दान सिंह को टिकट देने से वे काफी ज्यादा गुस्से में थी. यहां तक कि हरियाणा में रैली करने आए राहुल गांधी के सामने भी राव दान सिंह और किरण चौधरी के बीच तू-तू...मैं-मैं वाली तस्वीरें सबने देखी.

3) कांग्रेस में भविष्य ना देखना : हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट को हावी होते देख और पार्टी आलाकमान को कई शिकायतें करने के बावजूद कांग्रेस में लगातार उनकी अनदेखी की जा रही थी, ऐसे में उन्हें लगा कि कांग्रेस में उनका राजनीतिक कैरियर चौपट होने वाला है. ऐसे में कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में जाना उन्होंने बेहतर समझा.

4) विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने की आशंका : सूत्रों के मुताबिक कहा तो ये भी जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट को हावी होते देख उन्हें ये लग रहा था कि आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी उन्हें गच्चा दे सकती है और विधानसभा का टिकट भी काट सकती है, ऐसे में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का मन बना लिया.

5)बीजेपी से राज्यसभा सीट की डील ! : सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने उन्हें हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाने की भरोसा दिया है और श्रुति चौधरी को तोशाम से विधानसभा का टिकट देने की बात भी कही है जिसके चलते उन्होंने ये कदम उठाया.

6) क्या मोदी ने चुनाव से पहले दिया था हिंट ? : पीएम मोदी ने 23 मई 2024 को महेंद्रगढ़ में रैली करने के दौरान खुलकर चौधरी बंसीलाल की तारीफ की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि बंसीलाल के साथ मिलकर सरकार चलाई थी. बंसीलाल भिवानी-महेंद्रगढ़ और हरियाणा के विकास के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि चौधरी बंसीलाल से उनकी बहुत निकटता थी और उनके साथ रात 1 बजे के बाद भी वे मीटिंग किया करते थे, जो सुबह तक चला करती थी. उस वक्त किरण चौधरी की कांग्रेस में उपेक्षा की जा रही थी और तब कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम मोदी ने अचानक से बंसीलाल की तारीफ क्यों की. क्या किरण चौधरी से बीजेपी अंदरखाने कोई बातचीत कर रही है और क्या किरण चौधरी पाला बदलने वाली है.

7)बीजेपी को मिला बड़ा जाट चेहरा : किरण चौधरी के बीजेपी में आने से पार्टी को भी कई फायदे हैं. बीजेपी को हरियाणा में एक बड़ा जाट चेहरा मिल गया है. वहीं चौधरी बंसीलाल का आज भी हरियाणा की कई सीटों पर अच्छा खासा असर है. उनके कोर वोटर आज भी उनके नाम पर वोट डालते हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि विधानसभा में उसे इसका बड़ा फायदा मिलेगा. साथ ही लोकसभा चुनाव में 5 सीटें गंवाने के बाद बीजेपी अब विधानसभा चुनाव के लिए अपने गढ़ को मजबूत करना चाहती है क्योंकि पिछली बार भी बीजेपी को जेजेपी को साधकर अपनी सरकार चलानी पड़ी थी.

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ये भी पढ़ें : किरण चौधरी बेटी श्रुति चौधरी संग बीजेपी में शामिल, बोली- तीसरी बार हरियाणा में बनाएंगे बीजेपी सरकार

चंडीगढ़ : किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने आज दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय जाकर हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में बीजेपी जॉइन कर लिया है. लेकिन किरण चौधरी ने कांग्रेस छोड़ने का ये कदम क्यों उठाया, ये सवाल सबके मन में है. क्या किरण चौधरी ने कांग्रेस पार्टी को धोखा दिया, जैसा कि इस वक्त कांग्रेस पार्टी के नेता उन पर आरोप लगा रहै है, या फिर उनको पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया गया. आइए जानते हैं.

हरियाणा की सियासत में मंगलवार को उस समय सियासत में हलचल मच गई जब कांग्रेस नेता किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया और ईटीवी भारत की ख़बर पर मुहर लगाते हुए दोनों ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया. "हाथ" को छोड़ किरण ने "कमल" का साथ देने का फैसला क्यों किया, इसके पीछे कई वजहें बताई जा रही है.

1) श्रुति चौधरी को लोकसभा का टिकट ना देने से नाराज़गी : किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से टिकट ना देने को बताई जा रही है.

2) हुड्डा के चहेते राव दान सिंह को टिकट : हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाज़ी जगजाहिर है. हरियाणा कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कैंप बनाम एसआरके (SRK) गुट यानि कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी की लड़ाई के बारे में सब जानते हैं. दोनों गुट एक दूसरे के खिलाफ जमकर बयानबाज़ी करते रहे हैं. ऐसे में टिकट बंटवारे में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की चलने और उनकी बेटी का टिकट काटकर हुड्डा के चहेते राव दान सिंह को टिकट देने से वे काफी ज्यादा गुस्से में थी. यहां तक कि हरियाणा में रैली करने आए राहुल गांधी के सामने भी राव दान सिंह और किरण चौधरी के बीच तू-तू...मैं-मैं वाली तस्वीरें सबने देखी.

3) कांग्रेस में भविष्य ना देखना : हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट को हावी होते देख और पार्टी आलाकमान को कई शिकायतें करने के बावजूद कांग्रेस में लगातार उनकी अनदेखी की जा रही थी, ऐसे में उन्हें लगा कि कांग्रेस में उनका राजनीतिक कैरियर चौपट होने वाला है. ऐसे में कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में जाना उन्होंने बेहतर समझा.

4) विधानसभा चुनाव में टिकट ना मिलने की आशंका : सूत्रों के मुताबिक कहा तो ये भी जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा गुट को हावी होते देख उन्हें ये लग रहा था कि आने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी उन्हें गच्चा दे सकती है और विधानसभा का टिकट भी काट सकती है, ऐसे में उन्होंने कांग्रेस को छोड़ने का मन बना लिया.

5)बीजेपी से राज्यसभा सीट की डील ! : सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने उन्हें हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाने की भरोसा दिया है और श्रुति चौधरी को तोशाम से विधानसभा का टिकट देने की बात भी कही है जिसके चलते उन्होंने ये कदम उठाया.

6) क्या मोदी ने चुनाव से पहले दिया था हिंट ? : पीएम मोदी ने 23 मई 2024 को महेंद्रगढ़ में रैली करने के दौरान खुलकर चौधरी बंसीलाल की तारीफ की थी. पीएम मोदी ने कहा था कि बंसीलाल के साथ मिलकर सरकार चलाई थी. बंसीलाल भिवानी-महेंद्रगढ़ और हरियाणा के विकास के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे. पीएम मोदी ने ये भी कहा कि चौधरी बंसीलाल से उनकी बहुत निकटता थी और उनके साथ रात 1 बजे के बाद भी वे मीटिंग किया करते थे, जो सुबह तक चला करती थी. उस वक्त किरण चौधरी की कांग्रेस में उपेक्षा की जा रही थी और तब कयास लगाए जा रहे थे कि पीएम मोदी ने अचानक से बंसीलाल की तारीफ क्यों की. क्या किरण चौधरी से बीजेपी अंदरखाने कोई बातचीत कर रही है और क्या किरण चौधरी पाला बदलने वाली है.

7)बीजेपी को मिला बड़ा जाट चेहरा : किरण चौधरी के बीजेपी में आने से पार्टी को भी कई फायदे हैं. बीजेपी को हरियाणा में एक बड़ा जाट चेहरा मिल गया है. वहीं चौधरी बंसीलाल का आज भी हरियाणा की कई सीटों पर अच्छा खासा असर है. उनके कोर वोटर आज भी उनके नाम पर वोट डालते हैं. बीजेपी को उम्मीद है कि विधानसभा में उसे इसका बड़ा फायदा मिलेगा. साथ ही लोकसभा चुनाव में 5 सीटें गंवाने के बाद बीजेपी अब विधानसभा चुनाव के लिए अपने गढ़ को मजबूत करना चाहती है क्योंकि पिछली बार भी बीजेपी को जेजेपी को साधकर अपनी सरकार चलानी पड़ी थी.

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