LPG Gas Safety Tips : आज देशभर में करोड़ों लोग घरेलू एलपीजी गैस का इस्तेमाल करते हैं. रसोई में इस्तेमाल होने वाला ये सिलेंडर किचन के बजट पर भी असर डालता है इसलिये ज्यादातर लोग सिलेंडर की डिलीवरी के वक्त इसका वजन जरूर करवाते हैं. ताकि सिलेंडर में गैस कम ना हो और उन्हें नुकसान ना हो जाए. ऐसे मामले अमूमन ज्यादातर शहरों में आते ही रहते हैं और कभी ना कभी आपको भी कम गैस वाला सिलेंडर मिला ही होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा भी सिलेंडर लेते वक्त कई चीजें ध्यान में रखने वाली होती हैं जो सीधे-सीधे आपकी सेफ्टी से जुड़ी हुई हैं. ये जानकारी बहुत जरूरी होती है लेकिन ज्यादातर का ध्यान सिर्फ सिलेंडर के वजन पर ही रहता है.
LPG सिलेंडर की डिलीवरी के वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- डिलीवरी लेते समय कंज्यूमर सिलेंडर के वजन पर ही नजर डालते हैं. उससे भी जरूरी है सिलेंडर की सील चेक करना. सिलेंडर में गैस कम है तो आप उसे वापस लौटा देते हैं लेकिन अगर सिलेंडर की सील टूटी हुई है तो भी ये ध्यान देने वाली बात है. अगर सील टूटी हुई है तो या तो सिलेंडर से गैस निकाली गई है या फिर तय मानकों के आधार पर नहीं भरी गई है. इसलिये वजन चेक करने के साथ ही गैस पर सील है या नहीं, ये भी जरूर चेक करें.
- घरेलू LPG सिलेंडर में 14.2 किलोग्राम गैस होती है, जबकि खाली सिलेंडर का वजन 15.3 किलोग्राम होता है, जब आप सिलेंडर खरीदते हैं तो उसका वजन 29.5 किलोग्राम होना चाहिए. इसकी जानकारी सिलेंडर पर भी लिखी होती है लेकिन कई लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं होती.
- अगर गैस का वजन 150 ग्राम से कहीं भी ऊपर नीचे है, तो आप सील लगे सिलेंडर को भी लेने से इनकार कर सकते हैं. ग्राहक सेवा केंद्र में संपर्क करने के साथ ही संबंधित गैस कंपनी के टोल फ्री नंबर पर कॉल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं. साथ ही आपको मंत्रालय और गैस कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट या एजेंसी पर इसकी शिकायत दर्ज करवाने का अधिकार है.
- गैस सिलेंडर लेते वक्त ज्यादातर लोगों का ध्यान सिर्फ उसके वजन पर होता है लेकिन इससे ज्यादा ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि सिलेंडर लीक तो नहीं हो रहा. आप सिलेंडर डिलीवरी के लिए आए कर्मचारी से इसे चेक भी करवा सकते हैं. लीक हो रहे सिलेंडर को लेने से आप इनकार भी कर सकते हैं या फिर डिलीवरी करने आया कर्मचारी उसे मौके पर ही ठीक भी कर सकता है.
- इंडेन गैस सर्विस के मुताबिक सिलेंडर के वॉल्व के अंदर लगे O RING को चेक करना ना भूलें. वॉल्व के अंदर लगा ये रबड़ का रिंग गैस लीकेज को रोकता है. इसके टूटने या खराब होने पर इसे तुरंत बदले. सिलेंडर खरीदते समय इसे चेक करें. इसे ओ रिंग लीक डिटेक्टर नाम के उपकरण की मदद से चेक किया जा सकता है. इस उपकरण को गैस सप्लाई एजेंसी के कर्मचारी साथ में लेकर चलते हैं. इस उपकरण को वॉल्व के ऊपर दबाने पर प्रेशर के कारण अगर सूई ऊपर की तरफ जाती है तो इसका मतलब O RING खराब है. ऐसा होने पर तुरंत गैस एजेंसी से सिलेंडर या O RING को बदलने के लिए कहें.
- वॉल्व लीकेज को भी ऐसे ही चेक करें. वॉल्व के ऊपर वॉल्व लीक डिटेक्टर लगा कर चेक करें. डिटेक्टर के डायल में लगी सुई अगर प्रेशर के कारण ऊपर की ओर जाती है तो इसका मतलब वॉल्व में लीकेज है. सिलेंडर लीकेज को चेक करना आपका अधिकार और जिम्मेदारी है. लीकेज से संबंधित किसी भी शिकायत के लिए आप 1906 पर कॉल कर सकते हैं.
सिलेंडर की टेस्टिंग डेट देखना जरूरी
घरों में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी गैस सिलेंडर BIS 3196 मानक को ध्यान में रखकर बनाया जाता है. एक सिलेंडर का लाइफ स्पेम 15 साल तक होता है उसे इन सालों में दो बार टेस्ट किया जाता है. जब भी एजेंसी से गैस सिलेंडर की डिलीवरी मिले तो उसकी टेस्टिंग डेट जरूर चेक करें. ये टेस्टिंग डेट सिलेंडर की होती है उसके अंदर भरी गैस की नहीं. कुछ लोग इसे सिलेंडर की एक्पायरी डेट भी समझ लेते हैं. टेस्टिंग डेट के बाद सिलेडर में ब्लास्ट होने का खतरा बना रहता है.
हालांकि BIS सिलेंडर कई लेयर्स से बने होते हैं और इनमे ब्लास्ट का खतरा कम रहता है. नए सिलेंडर को हर 10 साल बाद और पुराने सिलेंडर को 5 साल बाद एलपीजी बोटलिंग प्लांट में टेस्ट किया जाता है. टेस्टिंग के दौरान इनमें पांच गुना प्रेशर डाला जाता है. मानकों पर खरा उतरने वाले सिलेंडर को पेंट और अगली टेस्टिंग डेट डालकर रिफिलिंग के लिए भेज दिया जाता है. सिलेंडर की एक्सपायरी डेट जानने का आसान तरीका है. सिलेंडर के ऊपरी हिस्से में वॉल्व के पास एक कोड के रूप में इसकी टेस्टिंग डेट लिखी होती है. आपको वॉल्व के पास A 23, B 24, C 25, D 26. रूप में कोड लिखा मिलेगा. A का इस्तेमाल जनवरी, फरवरी और मार्च के लिए किया जाता है. B का मतलब अप्रैल, मई और जून होता है. C जुलाई, अगस्त और सितंबर के लिए , D का प्रयोग अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के लिए होता है. अगर आपके सिलेंडर पर बी-26 लिखा गया है तो इसका मतलब आपका सिलेंडर साल 2026 के अप्रैल से जून तक के लिए उपयोगी है.
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