अनूपगढ़. राजस्थान के अनूपगढ़ पंचायत समिति में शुक्रवार को आमसभा की बैठक आयोजित की गई. यह बैठक काफी हंगामेदार रही. जनप्रतिनिधियों ने जलदाय विभाग के प्रति रोष प्रकट करते हुए विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों पर घोटाला करने का आरोप लगाया और विधायक की मौजूदगी में धरना दिया. बैठक में मौजूद पंचायत समिति सदस्य राजेन्द्र बिश्नोई ने बताया कि पिछली बैठक में जलदाय विभाग के अधिकारियों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन उस प्रस्ताव को आगे नहीं भिजवाया गया. इस पर गुस्साए जनप्रतिनिधयों ने बीच बैठक में ही धरना लगा दिया.
विधायक शिमला नायक और विकास अधिकारी राजेंद्र जोईया के आश्वासन के बाद जनप्रतिनिधियों ने धरना समाप्त कर बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के दौरान सरपंच पति जगदीश सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन के तहत करीब ढाई करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ है, लेकिन अधिकारियों द्वारा एक पाइपलाइन ही डाली गई है. सरपंच ने विभाग के अधिकारियों से खर्च किए गए ढाई करोड़ रुपए का हिसाब मांगा, लेकिन अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था.
निर्माण कार्यों में पुरानी ईंटों का प्रयोग : पंचायत समिति के अन्य सदस्यों ने कहा कि जलदाय विभाग द्वारा जहां-जहां जल जीवन मिशन के तहत कार्य किया गया है, वहां विभाग और ठेकेदारों ने जमकर घोटाला किया है. उन्होंने बताया कि पेयजल पाइपलाइन डालने में अपनी मनमर्जी की गई है. उन्होंने विभाग पर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए जांच कमेटी गठित कर जांच की मांग की है.
ग्राम पंचायत 12 एच के सरपंच पति जगदीश सिंह और ग्राम पंचायत 22ए के सरपंच दिनेश शर्मा ने दूषित पेयजल सप्लाई करने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सरपंचों ने आरोप लगाया है कि गांव में जलदाय विभाग के द्वारा जो निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं, उन निर्माण कार्यों में पुरानी ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है.