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भारतीय किसान यूनियन ने शुरू किया अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह, ये रखी मांग - jal Satyagraha of Bhakiyu

भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप इलाहाबाद यमुनापार इकाई ने अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह (Jal Satyagraha of Bhakiyu) शुरू कर दिया है. आंदोलनकारियों का कहना है कि प्रशासन और सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है.

भारतीय किसान यूनियन का जल सत्याग्रह.
भारतीय किसान यूनियन का जल सत्याग्रह. (Photo Credit-Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 24, 2024, 8:47 PM IST

भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह. (Video Credit-Etv Bharat)

प्रयागराज : भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप इलाहाबाद यमुनापार इकाई की ओर से सोमवार से प्रयागराज के यमुनापार में यमुना नदी मदारीपुर (कंजासा गांव) में अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की गई. आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा.

भारतीय किसान यूनियन का जल सत्याग्रह.
भारतीय किसान यूनियन का जल सत्याग्रह. (Photo Credit-Etv Bharat)


बता दें, किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन प्रयागराज के अलग-अलग क्षेत्र में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है. प्रशासन और प्रदेश सरकार के आश्वासन के बाद भी मांगें पूरी न होने पर भारतीय किसान यूनियन के हजारों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यमुना नदी की धारा में बैठकर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. किसान यूनियन ने 26 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह का ऐलान किया है.

भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि पूर्व में प्रशासन द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं किए गए. जिसको लेकर आज हम किसानों के हक के लिए कार्यकर्ताओं के साथ अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह पर बैठे हैं. जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी तब तक कार्यकर्ता जल सत्याग्रह पर बैठे रहेंगे. वहीं सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. वहीं जल सत्याग्रह में किसानों की भीड़ निरंतर बढ़ती जा रही है.



जल सत्याग्रह आंदोलन की मांग

-जमुना नदी के किनारे बसे कंजासा, इमलिया, बिरवल, जगदीशपुर, पालपुर, भीटा, बीकर, नगरवार , बसवार, बक्शी, मोहब्बतगंज, इरादत्तगंज, सैदपुर, तारापुर, जलालपुर, गोहटी, मदारीपुर, बिशौना, फुलवा, खुर्द मैनापुर आदि गांव में बीते 10 वर्षों से बंद पड़े घाटों का पट्टा स्थानीय मल्लाहों/ निशाद बिरादरी के लोगों को दिया जाए.
-नहरों की त्वरित सफाई कर पानी छोड़ने की व्यव्स्था किया जाए.
-सभी तहसीलों में लंबित पड़े किसानों के कार्यों को तत्काल प्रभाव से निपटा कर तत्काल राहत प्रदान किया जाए. भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई हो.
-पूर्व में हुए किसान आंदोलन में अधिकारियों से वार्ता के उपरांत भी समस्याओं का समाधान आज तक नहीं हुआ, उन सभी समस्याओं के समाधान हेतु 24 जून जल सत्याग्रह आंदोलन ताबूत का आखिरी कील साबित होगा.

यह भी पढ़ें : प्री बजट चर्चा में न बुलाए जाने पर सरकार से रूठे राकेश टिकैत, पेपर लीक पर कही ये बात - Farmer Leader Rakesh Tikait

यह भी पढ़ें : भारतीय किसान यूनियन का ऐलान, 24 जून से यमुना नदी में होगा जल सत्याग्रह

भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह. (Video Credit-Etv Bharat)

प्रयागराज : भारतीय किसान यूनियन टिकैत ग्रुप इलाहाबाद यमुनापार इकाई की ओर से सोमवार से प्रयागराज के यमुनापार में यमुना नदी मदारीपुर (कंजासा गांव) में अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की गई. आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा.

भारतीय किसान यूनियन का जल सत्याग्रह.
भारतीय किसान यूनियन का जल सत्याग्रह. (Photo Credit-Etv Bharat)


बता दें, किसानों की समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन प्रयागराज के अलग-अलग क्षेत्र में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है. प्रशासन और प्रदेश सरकार के आश्वासन के बाद भी मांगें पूरी न होने पर भारतीय किसान यूनियन के हजारों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यमुना नदी की धारा में बैठकर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया. किसान यूनियन ने 26 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह का ऐलान किया है.

भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह ने बताया कि पूर्व में प्रशासन द्वारा किए गए वादे पूरे नहीं किए गए. जिसको लेकर आज हम किसानों के हक के लिए कार्यकर्ताओं के साथ अनिश्चितकालीन जल सत्याग्रह पर बैठे हैं. जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी तब तक कार्यकर्ता जल सत्याग्रह पर बैठे रहेंगे. वहीं सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. वहीं जल सत्याग्रह में किसानों की भीड़ निरंतर बढ़ती जा रही है.



जल सत्याग्रह आंदोलन की मांग

-जमुना नदी के किनारे बसे कंजासा, इमलिया, बिरवल, जगदीशपुर, पालपुर, भीटा, बीकर, नगरवार , बसवार, बक्शी, मोहब्बतगंज, इरादत्तगंज, सैदपुर, तारापुर, जलालपुर, गोहटी, मदारीपुर, बिशौना, फुलवा, खुर्द मैनापुर आदि गांव में बीते 10 वर्षों से बंद पड़े घाटों का पट्टा स्थानीय मल्लाहों/ निशाद बिरादरी के लोगों को दिया जाए.
-नहरों की त्वरित सफाई कर पानी छोड़ने की व्यव्स्था किया जाए.
-सभी तहसीलों में लंबित पड़े किसानों के कार्यों को तत्काल प्रभाव से निपटा कर तत्काल राहत प्रदान किया जाए. भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई हो.
-पूर्व में हुए किसान आंदोलन में अधिकारियों से वार्ता के उपरांत भी समस्याओं का समाधान आज तक नहीं हुआ, उन सभी समस्याओं के समाधान हेतु 24 जून जल सत्याग्रह आंदोलन ताबूत का आखिरी कील साबित होगा.

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