ETV Bharat / state

बारिश ने रेगिस्तान में भगवान गणेश का किया अभिषेक, चूंधी मंदिर में पहुंचा नदी का पानी - rain in Jaisalmer

author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 3, 2024, 12:23 PM IST

राजस्थान में भारी बारिश का सिलसिला अभी चल रहा है. बारिश ने रेगिस्तान में भगवान गणेश का भी अभिषेक किया है.जैसलमेर में चूंधी मंदिर में गर्भगृह तक नदी का पानी पहुंच गया.

rain in Jaisalmer
चूंधी मंदिर में पहुंचा नदी का पानी (Photo ETV Bharat Jaisalmer)
चूंधी मंदिर में पहुंचा नदी का पानी (Video ETV Bharat Jaisalmer)

जैसलमेर: धोरों की धरती जैसलमेर जिला तेज बारिश से पूरी तरह जलमग्न हो गया है. शहर से 15 किमी दूर चूंधी गणेश मंदिर की नदी बह निकली. नदी का पानी मंदिर के गर्भगृह तक आ गया. पानी ने भगवान गणेश का अभिषेक किया. तेज बारिश के चलते बरसाती नदी में पानी का बहाव तेज रहा.

भगवान गणेश के मंदिर में पानी पहुंचने पर आस पास के लोग नदी वाले गणेश जी के दर्शन करने पहुंचे. भगवान गणेश का बरसाती नदी से अभिषेक होता देखा. मंदिर की प्रतिमा पानी में डूब गई. लोगों ने नदी में पानी के तेज बहाव का आनंद उठाया. बरसाती नदी के बीच बना यह मंदिर देश भर के मंदिरों में अपनी विशेष पहचान रखता है.

पढ़ें:स्वर्णनगरी में जमकर बरसे मेघ, सड़कें बनी दरिया, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

भारत में ऐसे कम ही मंदिर है जो कि किसी नदी के बीच बने हुए हैं. चूंधी गणेश मंदिर के बारे में मान्यता यह है कि यहां की प्रतिमा स्वयंभू है. नदी के बीच होने के कारण बरसात के दिनों में कई बार ऐसा होता है कि गणेश जी की प्रतिमा पानी में डूबी होती हैं. बरसाती नदी के बीच बना यह मंदिर देश भर के मंदिरों में अपनी विशेष पहचान रखता है. मंदिर के दोनों तरफ दो कुंए हैं. कहा जाता है कि इन कुओं में गंगा का जल आता है.

अपना घर बनने की प्रार्थना लेकर आते हैं भक्त: मंदिर जैसलमेर शहर से 15 किलोमीटर दूर है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां भक्तों की अपना घर बनाने की इच्छा पूर्ण होती है. दूर दूर से भक्त यहां भगवान के दर्शनों के लिये आते हैं. भगवान के समक्ष अपने आशियाने की मनोकामना प्रकट करते हैं. इस मंदिर का इतिहास जैसलमेर की स्थापना से भी पुराना है. मंदिर करीब 1500 वर्ष से भी अधिक पुराना है. उस काल में चंवद ऋषि ने यहां 500 वर्ष तक तप किया था. इसलिए इस स्थान का नाम चूंधी पड़ा. इतना ही नहीं विभिन्न समय में ऋषि-मुनियों ने तपस्या कर इस स्थान के तप को बढ़ाया.

पिकनिक मनाने निकले लोग : जैसलमेर में शाम के समय आई बारिश के बाद बड़ी संख्या में लोग गड़ीसर सरोवर से लेकर चूंधी गणेश मंदिर तक पहुंचे. चूंधी मंदिर के पास बरसाती काक नदी का पानी बहने के दौरान लोगों ने वहां बड़ी-बड़ी चट्टानों पर बैठ कर बारिश का लुत्फ उठाया. परिवारजनों व मित्रों के साथ घूमने निकले लोगों ने भींगी हुई शाम में पिकनिक का मजा लिया. ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर में पानी की आवक देखने के लिए भी कई शहरवासी उमड़े. मुख्य बाजार में कई दुकानदारों ने अपनी दुकाने समय से पहले बंद कर दिए और बारिश में नहाने व फिर घूमने का लुत्फ लिया. चाय- नमकीन की थडियों व दुकानों पर ग्राहकी एकदम से बढ़ गई.

चूंधी मंदिर में पहुंचा नदी का पानी (Video ETV Bharat Jaisalmer)

जैसलमेर: धोरों की धरती जैसलमेर जिला तेज बारिश से पूरी तरह जलमग्न हो गया है. शहर से 15 किमी दूर चूंधी गणेश मंदिर की नदी बह निकली. नदी का पानी मंदिर के गर्भगृह तक आ गया. पानी ने भगवान गणेश का अभिषेक किया. तेज बारिश के चलते बरसाती नदी में पानी का बहाव तेज रहा.

भगवान गणेश के मंदिर में पानी पहुंचने पर आस पास के लोग नदी वाले गणेश जी के दर्शन करने पहुंचे. भगवान गणेश का बरसाती नदी से अभिषेक होता देखा. मंदिर की प्रतिमा पानी में डूब गई. लोगों ने नदी में पानी के तेज बहाव का आनंद उठाया. बरसाती नदी के बीच बना यह मंदिर देश भर के मंदिरों में अपनी विशेष पहचान रखता है.

पढ़ें:स्वर्णनगरी में जमकर बरसे मेघ, सड़कें बनी दरिया, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

भारत में ऐसे कम ही मंदिर है जो कि किसी नदी के बीच बने हुए हैं. चूंधी गणेश मंदिर के बारे में मान्यता यह है कि यहां की प्रतिमा स्वयंभू है. नदी के बीच होने के कारण बरसात के दिनों में कई बार ऐसा होता है कि गणेश जी की प्रतिमा पानी में डूबी होती हैं. बरसाती नदी के बीच बना यह मंदिर देश भर के मंदिरों में अपनी विशेष पहचान रखता है. मंदिर के दोनों तरफ दो कुंए हैं. कहा जाता है कि इन कुओं में गंगा का जल आता है.

अपना घर बनने की प्रार्थना लेकर आते हैं भक्त: मंदिर जैसलमेर शहर से 15 किलोमीटर दूर है. मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां भक्तों की अपना घर बनाने की इच्छा पूर्ण होती है. दूर दूर से भक्त यहां भगवान के दर्शनों के लिये आते हैं. भगवान के समक्ष अपने आशियाने की मनोकामना प्रकट करते हैं. इस मंदिर का इतिहास जैसलमेर की स्थापना से भी पुराना है. मंदिर करीब 1500 वर्ष से भी अधिक पुराना है. उस काल में चंवद ऋषि ने यहां 500 वर्ष तक तप किया था. इसलिए इस स्थान का नाम चूंधी पड़ा. इतना ही नहीं विभिन्न समय में ऋषि-मुनियों ने तपस्या कर इस स्थान के तप को बढ़ाया.

पिकनिक मनाने निकले लोग : जैसलमेर में शाम के समय आई बारिश के बाद बड़ी संख्या में लोग गड़ीसर सरोवर से लेकर चूंधी गणेश मंदिर तक पहुंचे. चूंधी मंदिर के पास बरसाती काक नदी का पानी बहने के दौरान लोगों ने वहां बड़ी-बड़ी चट्टानों पर बैठ कर बारिश का लुत्फ उठाया. परिवारजनों व मित्रों के साथ घूमने निकले लोगों ने भींगी हुई शाम में पिकनिक का मजा लिया. ऐतिहासिक गड़ीसर सरोवर में पानी की आवक देखने के लिए भी कई शहरवासी उमड़े. मुख्य बाजार में कई दुकानदारों ने अपनी दुकाने समय से पहले बंद कर दिए और बारिश में नहाने व फिर घूमने का लुत्फ लिया. चाय- नमकीन की थडियों व दुकानों पर ग्राहकी एकदम से बढ़ गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.