जयपुर. राजस्थान में प्रचंड गर्मी के बीच बिजली और पानी का संकट खड़ा हो गया है. गांवों से शहरों तक अघोषित बिजली कटौती की जा रही है और पानी की सप्लाई भी 3-4 दिन के अंतराल से हो रही है. इस बीच अब जिलों के प्रभारी सचिव फील्ड में जाकर हालात का जायजा लेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे. इस रिपोर्ट को 31 मई को होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में रखा जाएगा. दरअसल, बिजली और पानी के संकट को लेकर भजनलाल सरकार ने जिलों के प्रभारी सचिवों को संबंधित जिलों का दौरा करने और दो दिन वहां रुककर हालात का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं.
अधिकारियों की सक्रियता की भी समीक्षा : प्रशासनिक सुधार और समन्वय विभाग के संयुक्त शासन सचिव की ओर से जारी ’आज्ञा’ के मुताबिक प्रभारी सचिव जिले में पेयजल एवं बिजली आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा करेंगे. इसके साथ ही जिला कलेक्टर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर, उपखंड अधिकारी, तहसीलदार और नायाब तहसीलदार सहित फील्ड के अन्य अधिकारियों की सक्रियता का आकलन भी करेंगे.
अस्पताल और गोशालाओं का भी हाल जानेंगे : दो दिन के दौरे के बीच प्रभारी सचिव जिले के अस्पतालों और गोशालाओं का भी हाल जानेंगे. अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करेंगे. इसके साथ ही गोशालाओं में गायों और अन्य पशु-पक्षियों के लिए भी चारे-पानी के पुख्ता इंतजाम करवाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रभारी सचिव सभी विभागों के ई-फाइल डिस्पोजल समय एवं अधिकारियों-कार्मिकों की कार्यक्षमता और समय पालन की समीक्षा करेंगे.
बारिश का पानी सहेजने, पौधरोपण का प्लान बनाएंगे : प्रभारी सचिव अवैध खनन, ड्रग्स एवं महिला अपराध की स्थिति तथा खाद्य पदार्थों में मिलावट एवं अवधि पार उत्पादों की स्थिति की भी समीक्षा करेंगे और उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करेंगे. मानसून से पूर्व जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन संरचनाओं एवं अन्य ठोस उपाय और वृहद स्तर पर पौधरोपण अभियान तैयार कर इसे जन आंदोलन के रूप में क्रियान्विति सुनिश्चित करवाने के भी निर्देश दिए गए हैं.