बालोद : जिले के ग्राम खेरथाडीह के आश्रित ग्राम अमली डीह में जलसंकट से कोहराम मचा हुआ है. ग्रामीण भीषण गर्मी में पानी की एक एख बूंद के लिए जूझ रहे हैं. जल जीवन मिशन के तहत घरों में नल तो लगाया गया है, ल्किन उसमें पानी नहीं आता. गांव में टंकी निर्माण का काम अभी शुरू हुआ है, इस वजह से ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है. गांव में केवल एक जगह पीने का पानी आती है, लोग एकत्र होकर पानी भरने को मजबूर हैं.
पानी के लिए लोग कर रहे संघर्ष : ग्रामीणों ने बताया, "जिस जगह पर नल चल रहा है, वहां पर हम सब लाइन लगाकर पानी भरने को मजबूर है. हमें घरों तक पानी पहुंचाने में काफी समस्या होती है. पूरा परिवार सुबह और शाम पानी भरने में व्यस्त रहता है. नहाने और निस्तारी के लिए हम तालाब और नहर का सहारा लेते हैं. सरपंच और सचिव हम पर ध्यान नहीं दे रहे. पहले से यहां पर प्लास्टिक की टंकियां बनी हुई है, वह भी खाली है." वहीं ग्रामीण सरपंच पर भी लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं
"गांव में प्लास्टिक की टंकियां तो लगी हुई है, परंतु उसने भी पानी सप्लाई का कोई विकल्प नहीं है. इसलिए टंकी सूखे ही पड़े हुए हैं." - स्थानीय ग्रामीण
ग्रामीणों ने किया टंकी का विरोध : सरपंच चित्र रेखा साहू का कहना है कि, "जब टंकी का निर्माण हो रहा था, तो उस जगह को लेकर ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया. जिसके कारण टंकी निर्माण दूसरे जगह कराई जा रही और निर्माण कार्य में देरी हुई है. कुछ दिनों पहले ही वहां पर टंकी निर्माण का कार्य शुरू हुआ है. गांव में टंकी है, परंतु टंकियां तो सुखी है. वहां ना पानी आने का साधन है, ना वहां से पानी निकालने का. शाम होते ही लोग जल स्रोत के सामने बर्तन लेकर मेहनत करते नजर आते हैं. "
वजह चाहे जो भी हो, परंतु भीषण गर्मी में गांव के लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जल जीवन मिशन के तहत घरों में पाइप लाइन पहुंचा है, लेकिन बिना टंकी के उसका कोई मतलब नहीं है. वहीं पानी के एकलौते स्त्रोत से घरों तक पानी पहुंचाने के लिए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.