नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की वेस्टर्न रेंज-II की टीम ने गुरुग्राम के पालम विहार के सनसनीखेज कार-जैकिंग केस में वांटेड चल रहे फरार अपराधी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान विजय गहलोत उर्फ कालू, ककरौला, द्वारका (दिल्ली) के रूप में की गई है. उसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है और द्वारका थाने का हिस्ट्री शीटर है. आरोपी कुख्यात गैंग का शॉर्प शूटर और आर्म्स सप्लायर है जोकि प्रॉपर्टी डीलर्स और बिल्डर्स से एक्सटॉर्शन के लिए सूचना एकत्र करता था.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी सतीश कुमार के मुताबिक आरोपी विजय गहलोत फरार चल रहा था जिसकी तलाश की जा रही थी. एसआई कुलदीप सिंह को एक सीक्रेट सूचना मिली थी कि वह द्वारका मोड, विपिन गार्डन के 55 फुटा रोड पर किसी से मुलाकात करने को आना वाला है. इसके बाद एसीपी/डब्ल्यूआर-II यशपाल सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर अक्षय एवं इंस्पेक्टर पवन के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया.
यह भी पढ़ें- सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर बन गया लुटेरा, एक साल बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे, मीना बाजार लूट में था शामिल
टीम ने आरोपी के खिलाफ मिली सूचना को पुख्ता किया और उसको पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया. खुफिया जानकारी के आधार बिछाये जाल के बाद उसको दबोच लिया गया. उसके कब्जे से .32 बोर कोल्ट इंपोर्टिड रिवॉल्वर को 6 जिंदा कारतूस के साथ बरामद किया है. उसके खिलाफ 18 जून को क्राइम ब्रांच थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी विजय गहलोत ने स्वीकार किया कि वह कुख्यात गिरोह का मैंबर है. वह गिरोह को ऑर्म्स सप्लाई भी करता है. इसके अलावा ऐसे प्रॉपर्टी डीलर्स और बिल्डर्स के बारे में सूचनाओं को एकत्र करता था जिससे कि रंगदारी वसूल की जा सके. इस सूचना को वह अपने दूसरे गैंगस्टर गिरोह को भेजा करता था. उसने यह भी खुलासा कि वह अपने साथियों अमन और पुनीत के साथ कार-जैकिंग की वारदात में भी शामिल था और वेरिफाई करने पर पता चला कि इस संबंध में गुरुग्राम के पालम विहार थाने में आईपीसी की 379 ए/34 के तहत मामला भी दर्ज है.
आरोपी विजय गहलोत उर्फ कालू के प्रोफाइल से पता चला है कि वह 10वीं कक्षा तक पढ़ा है जिसके बाद उसने 2005 में अपने भाई के साथ मिलकर वाटर प्लांट का काम शुरू कर दिय था. 2007 में उसके चचेरे भाई का जितेंद्र उर्फ कल्लू, ककरोला ने मर्डर कर दिया था. इसका बदला लेने के लिए 2007 में ही उसने अपने चचेरे भाई संजीव उर्फ सोनू, राजेश उर्फ राजू और सन्नी के साथ मिलकर जितेंद्र उर्फ कल्लू की हत्या कर दी थी और गैंग ज्वाइन कर ली थी.
यह भी पढ़ें- बैन के बावजूद दिल्ली में धड़ल्ले से बिक रहा मौत का 'चाइनीज मांझा', स्वतंत्रता दिवस से पहले 79 लोग गिरफ्तार