जयपुर. देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद होने के बाद अब तमाम राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अपनी शक्ति झोंक रहे हैं. वहीं, निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने में जुटा हुआ है और उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती महिला वोटर को जागरुक करते हुए मतदान केंद्र तक लाने की है. हालांकि, इस मामले में जयपुर की महिलाएं लगातार आगे आ रही हैं. 2009 से लेकर 2019 तक के सफर को देखें तो यहां महिलाओं का मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ा है. जहां 2009 में महिलाओं का मतदान 44.24 फीसदी था, वो 2019 में 65.87 फीसदी तक जा पहुंचा था. महिलाओं में मतदान के प्रति जागरुकता का दौर यूं ही बरकरार रहा तो इस मामले में जल्द वे पुरुषों को पीछे छोड़ देंगी.
यूं तो जयपुर जिले के मतदाता पांच लोकसभा सीटों पर मतदान करते हैं, लेकिन प्रमुख रूप से जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण में जिले की 15 विधानसभा सीट आती हैं. इसके अलावा अलवर जिले की बानसूर विधानसभा भी जयपुर ग्रामीण में आती है. ऐसे में कुल 16 विधानसभा सीटों पर मतदान का आंकड़ा खंगालें तो 2009 से लेकर 2019 यानी बीते तीन लोकसभा चुनाव में जयपुर में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 21 फीसदी तक बढ़ा है.
महिलाओं की बढ़ी भागीदारी : जयपुर शहर लोकसभा सीट पर 2009 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 44.24 फीसदी था, जो 2014 में 63.55 फीसदी और 2019 में 65.87 फीसदी पहुंच गया. ये पुरुषों की तुलना में महज 4.24 फ़ीसदी ही कम है. इसी तरह जयपुर ग्रामीण की बात करें तो वहां भी 2009 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 44.15 फीसदी था, जो 2014 में बढ़कर 57.12 फीसदी हुआ और 2019 लोकसभा चुनाव में बढ़कर 63.11 फीसदी रहा. यहां पुरुष मतदाताओं की तुलना में महज तीन प्रतिशत ही कम है.
महिला निभाएंगी अहम भूमिका : महिलाओं को मतदान के लिए प्रेरित करते हुए जयपुर की प्रथम नागरिक ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ सौम्या गुर्जर ने कहा कि 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते, रमन्ते तत्र देवता'. महिलाओं के मतदान में जिस तरह 2019 में भी देश को एक सशक्त नेतृत्व प्रदान किया था, उसी तरह 2024 के लोकसभा चुनाव में भी महिलाएं अहम भूमिका निभाएंगी. उन्होंने अपील की कि महिलाएं एक बार फिर लोकतंत्र के महापर्व में अपने महत्वपूर्ण मत का इस्तेमाल करें. महिलाओं का ये मत देश को विकसित राष्ट्र बनाने, महिलाओं को सशक्त करने, किसानों के सम्मान, युवाओं के गौरव और स्वाभिमान के लिए होगा, इसलिए मतदान का प्रयोग जरूर करें. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में नारी शक्ति वंदन अधिनियम आया है, उससे महिलाओं की राजनीति में सक्रियता दिखाई दे रही है.
इस बार भी मिलेगा आशीर्वाद : हवा महल विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से महिलाओं के उत्थान, सम्मान और सुरक्षा के लिए काम किए हैं, उसे देखते हुए मातृशक्ति 100% मतदान के लिए आगे आएंगी. वहीं, राजनीति में 33% महिलाओं की भागीदारी पर फैसला भी ऐतिहासिक है. इससे महिलाओं ने बीजेपी के पक्ष में वोट करने का मन बना लिया है. उन्होंने कहा कि मातृशक्ति का सम्मान और उनकी सुरक्षा हमारा ध्येय है. राजस्थान में 2023 तक जो लूट की सरकार थी, तब महिला उत्पीड़न के हर दिन औसतन 23 मामले दर्ज होते थे, लेकिन अब महिला सुरक्षा प्राथमिकता पर है. इसलिए महिलाओं का पूरा आशीर्वाद है, जो 2024 के मतदान में भी देखने को मिलेगा.