नई दिल्ली: रेलवे ट्रेड यूनियन चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी मतदान जारी है. उत्तर रेलवे में पांच संस्थाएं चुनाव लड़ रही है. 6 दिसंबर को भी मतदान होंगे, लेकिन रनिंग स्टाफ जो ट्रेन लेकर बाहर जाते हैं वही मतदान कर सकेंगे. आगामी 12 दिसंबर को मतगणना होगी. इसके बाद पता चलेगा कि रेलवे कर्मचारियों व अधिकारियों ने किस यूनियन पर अपना भरोसा जताया है.
रेलवे स्टेशनों के साथ विभिन्न वर्कशाप और कार्यालयों में रेलवे की तरफ से पोलिंग बूथ बनाए गए हैं, जहां रेलवे के कर्मचारी उनकी आवाज उठाने वाली किसी भी यूनियन को मतदान कर सकते हैं. बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी कर्मचारियों ने उत्साह के साथ मतदान किया. इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों को भी मतदान के लिए जागरूक किया गया. देशभर में 12 लाख से अधिक कर्मचारी है. उत्तर रेलवे में करीब 1.25 लाख रेल कर्मचारी हैं.
ओल्ड पेंशन स्कीम ही लागू हो: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मतदान करने पहुंचे रेलवे के डिप्टी सीटीआई देवेंद्र कुमार ने कहा कि हमारी जो दिक्कतें होती हैं हम उन्हें यूनियन को बताते हैं. यूनियन कर्मचारियों की समस्या पर काम करती है और उनका समाधान कराती है. चीफ पार्सल सुपरवाइजर सोनिया शर्मा ने बताया कि इस वक्त रेलवे के कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा पुरानी पेंशन की बहाली है. कर्मचारी पुरानी पेंशन को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जो भी यूनियन आए पेंशन दिलाए, क्योंकि 60 साल में रिटायर होने के बाद परिवार कैसे चलेगा. सरकार द्वारा यूपीएस लाई गई, लेकिन कर्मचारी इसके समर्थन में नहीं है.
रेल कर्मचारियों की कमी सबसे बड़ी परेशानी: चीफ पार्सल सुपरवाइजर अजय पाल सिंह होल्कर ने कहा कि रेलवे ने ट्रेन बढ़ाने का काम तो कर दिया लेकिन कर्मचारियों की संख्या उतनी ही है. ऐसे में कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है. सशक्त यूनियन जीतकर आएगी तो कम से कम रेल कर्मचारियों की समस्याओं को मजबूती से उठाएगी. कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना जरूरी है. ग्रुप-4 के बड़ी संख्या में पद खाली है. रेलवे का निजीकरण भी हो रहा है, जिसके जरिए मानवता का शोषण हो रहा है. ठेकेदार कर्मचारियों को आधा वेतन देते हैं. रेलवे कर्मचारी शालिनी ने कहा कि सबसे बड़ा मुद्दा ओल्ड पेंशन स्कीम की है. एनपीएस व यूपीएस से रेलवे के कर्मचारी बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं.
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