रांची: वायरस के संक्रमण की तत्काल पहचान हो, इसलिए कोरोना काल में राज्य की सरकार ने 07 जिलों में वायरोलॉजी सेंटर बनाने की घोषणा की गई थी. लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी कोई भी सेंटर शुरू नहीं हो सका. अब जब देश-दुनिया में HMPV वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ा है तो विभाग फिर से इन वायरोलॉजी सेंटर को शुरू करने की कवायद तेज हो गई है.
इन 07 जिलों में बनने थे वायरोलॉजी सेंटर
वर्ष 2021-22 में तत्कालीन सरकार ने राज्य के सात जिलों रांची, पूर्वी सिंहभूम(जमशेदपुर), पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा, बोकारो, गुमला, गोड्डा और देवघर जिले में वायरस संक्रमण की जांच के लिए वायरोलॉजी सेंटर खोलने का निर्णय लिया था, लेकिन अभी तक एक भी वायरोलॉजी सेंटर नहीं खुल सका.
चार जिलों में जल्द शुरू हो जाएगा वायरोलॉजी सेंटर-डॉ प्रदीप कर्ण
इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ प्रवीण कर्ण ने बताया कि चार जिलों रांची, जमशेदपुर ,बोकारो और चाईबासा में वायरोलॉजी सेंटर बनकर तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे संबंधित जिलों के सिविल सर्जन को हैंड ओवर कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि वायरोलॉजी सेंटर खुल जाने से स्थानीय स्तर और एक ही छत के नीचे कई तरह के संक्रमण की जल्द पहचान संभव हो पाएगी. डॉ प्रवीण कर्ण ने बताया कि ऑपरेशनल समस्याओं की वजह से वायरोलॉजी सेंटर के शुरू होने में देर हुआ है.
रांची के सदर अस्पताल में बना वायरोलॉजी सेंटर
राज्य के जिन 07 जिलों में वायरस संक्रमण की जांच के लिए वायरोलॉजी सेंटर बनाने का फैसला लिया गया था, उसमें से रांची में यह सदर अस्पताल में बन रहा है. सदर अस्पताल भवन के पहले तल्ले पर लगभग ढाई करोड़ की लागत से यह सेंटर बनकर तैयार है. लेकिन महीनों से इसमें ताला लटका है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ विमलेश सिंह कहते हैं कि वायरस की जांच के लिए जो मशीन लगाई गई है, उसका हैंडओवर नहीं हुआ है. ऐसे में उनकी कोशिश है कि एक सप्ताह के अंदर सभी वैधानिक प्रावधानों को पूरा कर वायरोलॉजी सेंटर शुरू कर दिया जाएगा.
प्रेझा को मिली थी वायरोलॉजी सेंटर बनाने की जिम्मेदारी
मिली जानकारी के अनुसार अभी तक सात में से सिर्फ सात जिलों में वायरोलॉजी सेंटर बनकर तैयार हुआ है. जबकि बाकी के तीन जिले गोड्डा, गढ़वा और देवघर में जगह का ही अभी तक चयन नहीं हुआ है. ऐसे में विभाग अभी जगह की ही तलाश कर रहा है.
अभी भी वायरस की जांच रिम्स के भरोसे
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग पर निर्भरता कम करने और संदिग्ध संक्रमित लोगों की रिपोर्ट जल्द आ जाये इसलिए अलग-अलग जिलों में वायरोलॉजी सेंटर खोलने की प्लानिंग थी. लेकिन घोषणा के तीन साल बाद भी राज्य के इन सात जिलों में से किसी एक में भी वायरोलॉजी सेंटर नहीं खुल पाया.
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