विदिशा. गंजबासोदा के नवीन कृषि उपज मंडी प्रांगण में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना (mukhyamantri kanyadan yojna) के तहत 79 जोड़ों ने सात फेरे लिए तो वहीं 18 जोड़ों ने निकाह कबूल किया. इस बड़े आयोजन में वीआईपी भोजन (VIP Food) चर्चा का विषय बना रहा. वर-वधु पक्ष के कुछ लोगों ने आपत्ति जताई कि वर-वधू और एक विशेष वर्ग के लोगों को सादा भोजन के पैकेट वितरित किए गए. तो वहीं कर्मचारियों ने वीआईपी शाही भोजन का लुत्फ उठाया. कुछ परिजनों ने कहा कि कम से कम दूल्हा-दुल्हन को वही भोजन दिया जाना था, जिसे वीआईपी बताया जा रहा था.
कार्यक्रम में दो तरह का भोजन क्यों?
दरअसल, परिजनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि शादी में आए लोगों से भोजन में भेदभाव किया गया. यहां दो प्रकार का भोजन था जो सही नहीं है. वर पक्ष और वधू पक्ष का आरोप है कि उन्हें दिए गए सादा भोजन के पैकेटों में पूड़ी आलू की सूखी सब्जी, नमकीन और अचार आदि था. वहीं वीआईपी शाही भोजन में मटर पनीर जैसी चीजें थीं. वहीं इतने बड़े आयोजन में कुर्सी की कमी भी देखी गई. यहां बाराती बनकर आए वर पक्ष के लोगों को जमीन पर बैठकर शादी संपन्न करानी पड़ी.
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आयोजन में किसी तरह का भेदभाव नहीं : सीओ
चर्चा ये भी रही कि एक ओर प्रदेश सरकार भेदभाव खत्म करने और सभी के विकास को लेकर कई योजनाएं ला रही है, तो वहीं सरकार के ही इतने बड़े आयोजन में भोजन के लेकर भेदभाव हुआ. हालांकि, इस मामले में सीओ जनपद पंचायत बासौदा, भगवान सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत विवाह कार्यक्रम में हर तरह की सुविधाएं देने का प्रयास किया गया है. कुछ अतिथियों के लिए अलग से थाली बनी होंगी पर ऐसा किसी भी प्रकार का भेदभाव इस आयोजन में नहीं हुआ.