भोपाल। लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में मची भगदड़ के बीच बीजेपी के विंध्य क्षेत्र के सीनियर नेता लक्ष्मण सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने लक्ष्मण तिवारी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाते हुए कहा कि 'भय और लालच के चलते नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जा रहे हैं, लेकिन पार्टी छोड़कर जाने वालों इन नेताओं को मेरे पद पर रहते किसी को भी वापसी का मौका नहीं मिलेगा.' उधर कांग्रेस में आए लक्ष्मण तिवारी ने आरोप लगाया कि 'बीजेपी दल नहीं, बल्कि दलदल हो गई है.'
लक्ष्मण तिवारी बोले 76 साल का यंग मैन हूं
उधर कांग्रेस में शामिल होने के बाद लक्ष्मण तिवारी ने कहा कि 'मैंने आर्मी में अपनी सेवाएं दी. गोवा मुक्ति अभियान में शामिल रहा हूं. अब एक और लड़ाई कांग्रेस के बैनर तले लड़ी जाएगी. मैं 76 साल का हूं, लेकिन यंग मैन हूं. मैंने अपने जीवन काल में 48 बार जेल में रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी अब एक दल नहीं, बल्कि दलदल हो गया है. बीजेपी का आतंक पूरे देश में फैल रहा है. ऐसे नेता जिन्होंने गलत तरीके से संपत्ति अर्जित की है, वे उसे बचाने और स्वार्थ के लिए बीजेपी में भाग रहे हैं.'
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री जीतू पटवारी जी के नेतृत्व में विंध्य के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण तिवारी जी कांग्रेस में शामिल हुए।
— MP Congress (@INCMP) April 1, 2024
"जय कांग्रेस, विजय कांग्रेस" pic.twitter.com/qAVZdzdFhU
मेरे पद पर रहते जाने वाले नहीं आ सकेंगे वापस
उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि 'कांग्रेस के जो भी नेता डर और स्वार्थ के चलते बीजेपी में जा रहे हैं. उनकी वापसी मेरे पद पर रहते नहीं हो पाएगी. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज की तारीफ करते हुए कहा कि मैं तारीफ करना चाहूंगा कि शिवराज मध्य प्रदेश को अपराध के मामले में नंबर तीन पर लेकर आए थे, लेकिन जब से मोहन सरकार बनी है. वह प्रदेश को एक नंबर पर लेकर की होड़ में लगे हैं. यही वजह है कि भोपाल में मंत्री का बेटा आतंक मचा रहा है और इंदौर में विधायक का बेटा.'
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कई पार्टियां बदल चुके हैं लक्ष्मण तिवारी
विंध्य क्षेत्र के जाने माने नेता लक्ष्मण तिवारी 2008 में भारतीय जनशक्ति पार्टी से मऊगंज से विधायक रहे हैं. हालांकि उन्होंने अपनी राजनीति की शुरूआत कांग्रेस से की थी. भारतीय जनशक्ति पार्टी के बीजेपी में विलय के बाद बीजेपी ने लक्ष्मण तिवारी को 2013 के विधानसभा चुनाव में मऊगंज से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह कांग्रेस के सुखेन्द्र सिंह से चुनाव हार गए थे. 2018 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया, तो लक्ष्मण तिवारी निर्दलीय मैदान में उतर गए. 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले लक्ष्मण तिवारी समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो गए थे.