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8 साल के मासूम की अदुभत दुर्गा पूजा, मूर्ति के लिए नहीं थे पैसे तो किया ये काम

नन्हे भक्त की भक्ति की जमकर हो रही तारीफ, मिट्टी की प्रतिमा बनाकर रखा 9 दिनों का व्रत

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 7 minutes ago

UNIQUE WAY OF DURGA POOJA
8 साल के मासूम की अदुभत दुर्गा पूजा (Etv Bharat)

छिन्दवाड़ा : दिल में अगर भक्ति की चाहत हो तो जरूरी नहीं है कि लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर उसे दिखाया जाए. बिना संसाधन और पैसे के भी माता की मूर्ती बनाकर भक्ति की जा सकती है. ऐसा ही किया है 8 साल के मासूम ने जिसने अपने घर में ही मिट्टी से दुर्गा जी की मूर्ती बनाकर 9 दिनों का व्रत रखा है.

मूर्ति के लिए नहीं थे पैसे तो आया ये आइडिया

चन्दनगांव के 8 साल के सचिन धुर्वे की मंशा थी कि वह अपने घर में दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित करे लेकिन बाजार में मूर्ति इतनी महंगी थी कि खरीदना मुश्किल था. सचिन धुर्वे ने मन में ठानी और अपने घर की मिट्टी से माता की मनमोहक मूर्ति बनाकर स्थापना कर डाली और 9 दिनों का व्रत भी रख लिया.

गुल्लक के पैसों से खरीदा माता का श्रृंगार

तीसरी क्लास में पढ़ने वाले सचिन धुर्वे पिता रघुवीर धुर्वे ने इस नवरात्र एक हफ्ते लगातार मेहनत कर माता रानी की मनमोहक मूर्ति का निर्माण अपने हाथों से किया. बाकायदा छोटा सा मंदिर बनाकर उसे स्थापित भी किया और उन्हीं का पूजन देवी स्वरूप में कर रहे हैं. क्षेत्रवासी नवीन बारस्कर ने बताया, '' इस बच्चे ने माता रानी की प्रतिमा अपने हाथों से बनाकर उसे स्थापित भी किया है और नवरात्र का 9 दिन व्रत भी रखा है. वह दिन-रात माता रानी की सेवा कर रहा है, जिसकी सराहना क्षेत्रवासी कर रहे हैं. सचिन ने एक-एक पैसा जोड़कर माता रानी के श्रृंगार का सामान खरीदा. सचिन धुर्वे के माता-पिता मजदूरी कर कर अपना जीवन यापन करते हैं. माता रानी के प्रति इस बच्चे का स्नेह गेखने लायक है.''

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घर में ही बना सकते हैं देवी प्रतिमा

सचिन का मानना है कि त्योहारों में मूर्ति स्थापित की जाती है आने वाले समय में दिवाली में भी लक्ष्मी जी की मूर्ति की बाजार में बहुत मांग रहती है लेकिन केमिकल वाले कलर और मिट्टी पर्यावरण को भी प्रदूषित करते हैं. ऐसे में घर पर भी बिना लागत के आसानी से सुंदर मूर्ति बनाकर पूजा की जा सकती है. इसके लिए देसी खेतों की मिट्टी लाकर मूर्ति का रूप देखकर प्राकृतिक कलर का उपयोग किया जा सकता है.

छिन्दवाड़ा : दिल में अगर भक्ति की चाहत हो तो जरूरी नहीं है कि लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर उसे दिखाया जाए. बिना संसाधन और पैसे के भी माता की मूर्ती बनाकर भक्ति की जा सकती है. ऐसा ही किया है 8 साल के मासूम ने जिसने अपने घर में ही मिट्टी से दुर्गा जी की मूर्ती बनाकर 9 दिनों का व्रत रखा है.

मूर्ति के लिए नहीं थे पैसे तो आया ये आइडिया

चन्दनगांव के 8 साल के सचिन धुर्वे की मंशा थी कि वह अपने घर में दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित करे लेकिन बाजार में मूर्ति इतनी महंगी थी कि खरीदना मुश्किल था. सचिन धुर्वे ने मन में ठानी और अपने घर की मिट्टी से माता की मनमोहक मूर्ति बनाकर स्थापना कर डाली और 9 दिनों का व्रत भी रख लिया.

गुल्लक के पैसों से खरीदा माता का श्रृंगार

तीसरी क्लास में पढ़ने वाले सचिन धुर्वे पिता रघुवीर धुर्वे ने इस नवरात्र एक हफ्ते लगातार मेहनत कर माता रानी की मनमोहक मूर्ति का निर्माण अपने हाथों से किया. बाकायदा छोटा सा मंदिर बनाकर उसे स्थापित भी किया और उन्हीं का पूजन देवी स्वरूप में कर रहे हैं. क्षेत्रवासी नवीन बारस्कर ने बताया, '' इस बच्चे ने माता रानी की प्रतिमा अपने हाथों से बनाकर उसे स्थापित भी किया है और नवरात्र का 9 दिन व्रत भी रखा है. वह दिन-रात माता रानी की सेवा कर रहा है, जिसकी सराहना क्षेत्रवासी कर रहे हैं. सचिन ने एक-एक पैसा जोड़कर माता रानी के श्रृंगार का सामान खरीदा. सचिन धुर्वे के माता-पिता मजदूरी कर कर अपना जीवन यापन करते हैं. माता रानी के प्रति इस बच्चे का स्नेह गेखने लायक है.''

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सचिन का मानना है कि त्योहारों में मूर्ति स्थापित की जाती है आने वाले समय में दिवाली में भी लक्ष्मी जी की मूर्ति की बाजार में बहुत मांग रहती है लेकिन केमिकल वाले कलर और मिट्टी पर्यावरण को भी प्रदूषित करते हैं. ऐसे में घर पर भी बिना लागत के आसानी से सुंदर मूर्ति बनाकर पूजा की जा सकती है. इसके लिए देसी खेतों की मिट्टी लाकर मूर्ति का रूप देखकर प्राकृतिक कलर का उपयोग किया जा सकता है.

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