कुल्लू: सनातन धर्म में देवी देवताओं में सबसे प्रमुख भगवान गणेश को माना गया है. किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा आराधना का विशेष महत्व है. ऐसे में भगवान गणपति को समर्पित विनायक चतुर्थी का त्योहार वीरवार 8 अगस्त को मनाया जाएगा. भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए भक्त व्रत के साथ-साथ विधि पूर्वक पूजा भी करते हैं. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा गया है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति के जीवन में आ रहे विघ्न मिट जाते हैं और उसे सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है.
आचार्य आशीष शर्मा ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 7 अगस्त को रात 10 बजकर 5 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि का इसका समापन 8 अगस्त को देर रात 12 बजकर 36 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार भक्त 8 अगस्त को चतुर्थी व्रत रख सकते हैं और भगवान गणेश का पूजन कर जीवन में पुण्य कमा सकते है. उन्होंने बताया कि विनायक चतुर्थी के दिन पूजा का मुहूर्त प्रातः 11:07 मिनट से लेकर दोपहर 01: 46 मिनट तक रहेगा. ऐसे में सावन माह की विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के लिए 2 घंटे 40 मिनट का शुभ मुहूर्त है.
8 अगस्त विनायक चतुर्थी की रात को चंद्रमा का उदय रात्रि 8 बजकर 59 मिनट पर होगा. वहीं, चंद्रमा का अस्त रात्रि 9 बजकर 21 मिनट पर होगा. ऐसे में सनातन धर्म के शास्त्रों के अनुसार विनायक चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने की मनाही है. क्योंकि इस दिन चंद्रमा देखने से झूठा कलंक भी लगता है. इसलिए इस दिन चंद्रमा को देखना भी वर्जित माना जाता है.
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