सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में कोसी नदी में बाढ़ आने से नवहट्टा प्रखंड के दर्जनों गांव में पानी घुस गया है. सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है, जिस कारण नोला, रसलपुर, गढ़िया, बेला बथान, लालपुर, रामनगर, बिरजेन, डेहरार, बकुनिया, परताहा सहित दर्जनों गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. कई जगह संपर्क पथ पर बाढ़ कहर बरपा रही है, जिसको लेकर ग्रामीण छोटे से चचरी पुल का सहरा लेकर आवागमन कर रहे हैं.
सहरसा में बाढ़, मुख्यालय से गांव का संपर्क टूटा : वहीं ग्रामीण मंजय पासवान की माने तो बाढ़ के पानी की वजह से सड़क टूट गई है और गड्ढा हो गया है. जिस वजह से आवागमन करने में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं सभी ने इस गड्ढे में छोटा सा चचरी पुल बना दिया है, जिससे ग्रामीणों को जाने-आने में दिक्कत न हो. उन्होंने ये भी कहा की कोई जिला प्रशासन के लोग देखने नहीं आए हैं और न ही कोई नेता अभी तक देखने आया है.
घर में पानी, सड़क पर पानी.. पानी पानी : ग्रामीण शेखर कुमार की मानें तो बाढ़ का पानी बढ़ गया है. ये बाढ़ हर साल अती है और सड़कों को तोड़ देती है. लगभग इस सड़क से एक लाख आबादी का आना-जाना होता है. सड़क टूटने के कारण जिला प्रशासन के लोग भी अभी तक मदद करने नहीं आए हैं. जिस वजह से गांव से लोगों को जाने-आने में काफी परेशानी हो रही है. चारों ओर पानी ही पानी है.
"बाढ़ का पानी बढ़ गया है और ये बाढ़ हर साल आती है, जिसमें सड़क टूट जाती है. लगभग एक लाख आबादी इस रोड से आना जाना करती है और ये सड़क हमेशा टूटती है. हम लोगों को देखने वाला कोई नहीं है." - शेखर कुमार, ग्रामीण
फिर कोसी नदी उफनाई, दिखा खौफनाक रूप : बता दें कि बिहार में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिलों में बाढ़ की डरावनी तस्वीरें रोज सामने आ रही है. दरअसल, नेपाल में तराई वाले इलाकों में लगातार बारिश के कारण लगातार कोसी बराज से पानी छोड़ा जा रहा है. पिछले दिनों जब नेपाल में भारी बारिश हुई तो कोसी नदी के सभी 56 गेट खोल दिए गए थे, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ गया, कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. खेत-खलिहान और स्कूल सब डूब गए हैं. लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के लिए मजबूर हैं.
कोसी नदी को क्यों कहा जाता है बिहार का शोक? : अब आइये जानते हैं कि कोसी को बिहार का शोक क्यों कहा जाता है. दरअसल, हर साल कोसी नदी की वजह से बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ आ जाता हैं, हजारों घर डूब जाते हैं. कोसी नदी नेपाल में स्थित हिमालय की पहाड़ियों (तराई वाले इलाके) से बहती हुई बिहार में आती है और तबाही मचाती है. कोसी तटबंध के आसपास करीब 300 गांव बसे हैं. ऐसे में अगर नदी में पानी बढ़ा तो बाढ़ और पानी घटा तो कटाव होता है, ऐसे में गांव के गांव कोसी अपनी साथ ले जाती है.
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