बालोतरा. आगामी 26 अप्रैल को दूसरे चरण में बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट पर मतदान होना है. इस बीच चुनाव प्रचार के लिए दलगत प्रत्याशी गांव-गांव जनसंपर्क कर रहे हैं. साथ ही जिला निर्वाचन आयोग की ओर से इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, बालोतरा के सिवाना विधानसभा क्षेत्र स्थित एक गांव में स्थानीय ग्रामीण पानी की समस्या को लेकर पिछले 10 दिनों से धरने पर बैठे हैं. ग्रामीणों ने 'पानी नहीं तो वोट नहीं' की चेतावनी देते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है.
पानी के लिए धरने पर बैठे ग्रामीण : दरअसल, जिले के समदड़ी क्षेत्र के अर्थंडी गांव में पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते 10 दिनों से ग्रामीण धरने पर हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान किया जाए और अगर ऐसा नहीं होता है तो वो इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे. स्थानीय ग्रामीण शैतान सिंह राजपुरोहित ने बताया कि पानी की समस्या से कई बार प्रशासन को अवगत करवाया गया है. बावजूद इसके किसी ने उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया. आखिरकार मजबूर होकर गांव के लोग धरने प्रदर्शन शुरू किए हैं. इधर, एक अन्य ग्रामीण नरपत सिंह ने बताया कि गांव में बड़ी संख्या में पशु पक्षी हैं. बारिश के समय तालाब में पानी की थी, लेकिन अब वो भी पूरी तरह से सूख चुकी है. ऐसे में बिना पानी के यहां लोगों का रहना दिन-ब-दिन मुश्किल हो रहा है.
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बूंद-बूंद पानी को तरस रहा गांव : स्थानीय अर्जुन सिंह ने बताया कि गांव में पानी बड़ी समस्या है. दो-ढ़ाई हजार देकर पानी के टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं. इंसान भोजन के बिना कुछ समय व्यतीत कर सकता है, लेकिन बिना पानी के रहना मुश्किल है. उन्होंने कहा कि मौजूदा आलम यह है कि गांव के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. यही वजह है कि हम धरने पर बैठे हैं. अगर सरकार की ओर से पानी की व्यवस्था नहीं कराई जाती है तो फिर इस बार हम भी आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे. भीम सिंह ने बताया कि धवा खंडप जल परियोजना में बदलाव कर दिया गया है. यह जोधपुर से सीधी खंडप आनी थी, लेकिन इसे कल्याणपुर समदड़ी आदि गांवों से होते हुए पाइपलाइन लाई गई है. इसलिए मुख्य लाइन से पानी नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से गांव में पानी की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है.
तहसीलदार ने कही ये बात : समदड़ी तहसीलदार हडवन्त सिंह देवड़ा ने बताया कि अर्थंडी गांव में पानी की समस्या को लेकर ग्रामीण धरना दे रहे हैं. दो बार धरनास्थल पर जाकर ग्रामीणों से वार्ता की गई है. ग्रामीणों की मांगों से उच्चाधिकारियों को भी अवगत करवाया गया है. जलदाय विभाग के अधिकारियों के साथ भी वार्ता की जाएगी, ताकि इस समस्या का जल्द से जल्द निराकरण हो सके.
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झुंझुनू में फूटा ग्रामीणों का गुस्सा : इधर, झुंझुनू के सिंघाना स्थित थली ग्राम पंचायत के सिमनी गांव में भी कमोबेश एक सी स्थिति है. यहां भी ग्रामीण पानी की किल्लत से बेहाल हैं. अंतत: इस समस्या के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है. साथ ही स्थानीय ग्रामीणों ने आगामी लोकसभा चुनावों के बहिष्कार का ऐलान किया है. सिमनी ग्राम निवासी महिला राजेश देवी ने बताया कि तीन साल से उनके गांव में पानी की किल्लत बनी हुई है. इसको लेकर कई बार प्रदर्शन भी किए गए और स्थानीय प्रशासन को समस्या से अवगत भी कराया गया. बावजूद इसके किसी ने इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया. यही वजह है कि फिर से रविवार को पानी की किल्लत को लेकर प्रदर्शन किया गया.