जैसलमेर : देश में पहली बार नस्लवार पशुओं की गणना की जाएगी. पशुपालन विभाग की ओर से 21वीं राष्ट्रीय पशु गणना-2024 की तैयारी शुरू कर दी गई है. पशु गणना इसी माह से शुरू होगी, जो फरवरी 2025 तक चलेगी. इसको लेकर जैसलमेर के सुदूर क्षेत्र में कम स्टाफ के साथ पशुपालन विभाग पशु गणना ने तैयारियां पूर्ण कर ली है, जो जैसलमेर की ढाणी-ढाणी जाकर पशुओं की गणना करेंगे. केन्द्र सरकार के पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य विभाग की राष्ट्रीय पशु गणना के लिए जैसलमेर जिले में 100 कार्मिक लगाए गए हैं. इसमें 1 DNO, 9 सुपरवाइजर, 90 गणक शामिल हैं. कार्मिक घर-घर जाकर दस्तक देंगे और पशुओं की गणना करेंगे. इसके अलावा गोशालाओं में मौजूद और निराश्रित पशुओं की भी गणना कर ऑनलाइन इंद्राज करेंगे.
पशुपालन विभाग जैसलमेर के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश वरगंटीवार ने बताया कि गणना के लिए कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. जिले के सभी ब्लॉक में टैगशुदा और बिना टैग वाले पशुओं की जानकारी भी जुटाई जाएगी. गणना के दौरान पशुपालक को उनके पास उपलब्ध भूमि की भी जानकारी विभागीय टीम को उपलब्ध करानी होगी. साथ ही, पशुपालन के लिए ली गई वित्तीय सहायता के बारे में भी बताना होगा. गणनाकर्मी गणना के आंकड़े व पशुपालकों की जानकारी मोबाइल एप पर भरेंगे. पशु गणना से संबंधित सपूर्ण डेटा केन्द्रीय पशुपालन विभाग को भेजा जाएगा. राष्ट्रीय पशुगणना की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. चयनित कार्मिक घर-घर जाकर नस्लवार पशुओं की गणना करेंगे. यह पूरी तरह ऑनलाइन होगी. इसके अलावा पशुपालकों का आर्थिक सर्वेक्षण भी होगा.
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पशुओं की ये 16 प्रजातियां होंगी शामिल : राष्ट्रीय पशुगणना में पशुओं की 16 प्रजातियों को शामिल किया गया है. हर प्रजाति की अलग-अलग गणना होगी. यानी गोवंश, भैंस, भेड़, बकरी, सुअर, घोड़े, मुर्गा-मुर्गी, खच्चर सहित अन्य प्रजातियों की गणना की जाएगी. गणना कार्य के दौरान पशुपालन विभाग की टीम के साथ ग्राम पंचायतों के कार्मिकों की भी ड्यूटी लगेगी, ताकि पशुओं से संबंधित डेटा एकत्र करने में विभागीय टीम को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. इस संबंध में पंचायत कार्मिकों को सहयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं. पशुपालन विभाग की ओर से गणना का कार्य 31 दिसबर तक पूरा करना होगा. इस बार निराश्रित श्वानों की भी गणना की जाएगी. बता दें कि, वर्ष 2019 के बाद अब पशु गणना हो रही है. यह हर पांच साल में होती है. इससे पशुओं की वर्तमान संख्या के बारे में पर्याप्त जानकारी मिल सकेगी. इससे यह पता चलेगा कि पशुपालन के प्रति कितना रुझान बढ़ रहा है. जैसलमेर के कुल 921 गांव, और जैसलमेर शहर के 45 और पोकरण के 20 वार्ड शामिल हैं.