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सवालों के घेरे में समाहरणालय के ठीक पीछे बन रही सड़क, कार्य से ग्रामीण नाराज, कार्रवाई की मांग - Pachamba to Maheshlundi road

Quality of Pachamba to Maheshlundi road. गिरिडीह समाहरणालय के ठीक पीछे महेशलुंडी होते हुए पचम्बा जाने वाली सड़क वर्षों से बदहाल रही है. विधायक कल्पना सोरेन के क्षेत्र की इस सड़क की बदहाली दूर करने का प्रयास किया गया. सड़क का निर्माण किया जा रहा है लेकिन कार्य की गुणवत्ता सवालों के घेरे में है.

Quality of Pachamba to Maheshlundi road
महेशलुंडी होते हुए पचम्बा जाने वाली सड़क (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 7, 2024, 10:51 AM IST

गिरिडीह: चिराग तले अंधेरा ही होता है. वर्तमान में यह उक्ति समाहरणालय के ठीक पीछे महेशलुंडी पथ निर्माण के दौरान चरितार्थ हो रही है. इस पंचायत में सड़क बन रही है लेकिन सड़क की गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है. यहां के लोगों ने अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की है.

सवालों के घेरे में समाहरणालय के ठीक पीछे बन रही सड़क (ईटीवी भारत)

पीसीसी की मोटाई से लेकर मटेरियल पर सवाल

यहां के ग्रामीणों ने डीसी को दिए शिकायत में कहा है कि संवेदक जैसे-तैसे काम करने पर तुला हुआ है और काफी काम कर चुका है. संवेदक द्वारा सड़क पर पहले से जमा मिट्टी को हटाए बगैर पीसीसी ढाल दिया गया है. पीसीसी की मोटाई भी कई स्थानों पर कम है. इतना ही नहीं ढलाई के पश्चात पीसीसी पर पानी भी नहीं दिया जा रहा है. जिस सड़क की तीन-चार दिन पहले ढलाई हुई है उसकी कंक्रीट बाहर उभर आया है. कई स्थानों पर किनारा भी टूट गया है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

महेशलुंडी के ग्रामीणों में सड़क की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. यहां के रहनेवाले अधिवक्ता विशाल राय का कहना है कि सड़क निर्माण में सीधी गड़बड़ी तब की जा रही है जब चंद मीटर की दूरी पर विभाग के अधिकारी बैठ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पपरवाटांड से खरियोडीह डैम तक बन रही इस सड़क की गुणवत्ता से जिस तरह समझौता किया गया है, उससे लगता है कि चंद माह में ही सड़क टूट जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे बढ़िया था कि इस सड़क को बनाया ही नहीं जाता. यहां के लखन साव का कहना है कि सड़क की मोटाई कम है, अभी बनते ही सड़क टूटने लगी है. पीसीसी पर पानी नहीं दिया गया है और जब ठेकेदार से सवाल करते हैं तो कहा जाता है कि ऊपर से नीचे तक मैनेज किए हैं सड़क ऐसी ही बनेगी.

क्या अधूरा होगा निर्माण

इन सब के बीच ग्रामीण पपरवाटांड से महेशलुंडी की तरफ गई सड़क निर्माण को लेकर दुविधा में है. ग्रामीणों का कहना है कि इस पथ पर महेशलुंडी की तरफ से पपरवाटांड की ओर जैसे तैसे सड़क ढाल दिया गया. पीसीसी ढालने के बाद उसपर पानी नहीं दिया गया. सड़क किनारे से टूटने लगी. ग्रामीणों कहते हैं कि उनकी जानकारी के अनुसार सड़क पपरवाटांड मोड़ तक बननी है लेकिन निर्माण कार्य आधे रास्ते में ही छोड़ दिया गया.

सड़क का करेंगे निरीक्षण : कार्यपालक अभियंता

ग्रामीणों की शिकायत पर आरईओ के कार्यपालक अभियंता सुबोध कुमार दास ने कहा कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. ग्रामीण यदि कार्य की गुणवत्ता को लेकर शिकायत कर रहे हैं तो इसकी जांच होगी. वे खुद ही सड़क का निरीक्षण करेंगे.

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गिरिडीह के बगोदर में ग्रामीणों ने निजी खर्च से बनाई सड़क, मिटता जा रहा था सर्वे रोड का अस्तित्व - villagers constructed survey road

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सवालों के घेरे में समाहरणालय के ठीक पीछे बन रही सड़क (ईटीवी भारत)

पीसीसी की मोटाई से लेकर मटेरियल पर सवाल

यहां के ग्रामीणों ने डीसी को दिए शिकायत में कहा है कि संवेदक जैसे-तैसे काम करने पर तुला हुआ है और काफी काम कर चुका है. संवेदक द्वारा सड़क पर पहले से जमा मिट्टी को हटाए बगैर पीसीसी ढाल दिया गया है. पीसीसी की मोटाई भी कई स्थानों पर कम है. इतना ही नहीं ढलाई के पश्चात पीसीसी पर पानी भी नहीं दिया जा रहा है. जिस सड़क की तीन-चार दिन पहले ढलाई हुई है उसकी कंक्रीट बाहर उभर आया है. कई स्थानों पर किनारा भी टूट गया है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

महेशलुंडी के ग्रामीणों में सड़क की गुणवत्ता को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. यहां के रहनेवाले अधिवक्ता विशाल राय का कहना है कि सड़क निर्माण में सीधी गड़बड़ी तब की जा रही है जब चंद मीटर की दूरी पर विभाग के अधिकारी बैठ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पपरवाटांड से खरियोडीह डैम तक बन रही इस सड़क की गुणवत्ता से जिस तरह समझौता किया गया है, उससे लगता है कि चंद माह में ही सड़क टूट जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे बढ़िया था कि इस सड़क को बनाया ही नहीं जाता. यहां के लखन साव का कहना है कि सड़क की मोटाई कम है, अभी बनते ही सड़क टूटने लगी है. पीसीसी पर पानी नहीं दिया गया है और जब ठेकेदार से सवाल करते हैं तो कहा जाता है कि ऊपर से नीचे तक मैनेज किए हैं सड़क ऐसी ही बनेगी.

क्या अधूरा होगा निर्माण

इन सब के बीच ग्रामीण पपरवाटांड से महेशलुंडी की तरफ गई सड़क निर्माण को लेकर दुविधा में है. ग्रामीणों का कहना है कि इस पथ पर महेशलुंडी की तरफ से पपरवाटांड की ओर जैसे तैसे सड़क ढाल दिया गया. पीसीसी ढालने के बाद उसपर पानी नहीं दिया गया. सड़क किनारे से टूटने लगी. ग्रामीणों कहते हैं कि उनकी जानकारी के अनुसार सड़क पपरवाटांड मोड़ तक बननी है लेकिन निर्माण कार्य आधे रास्ते में ही छोड़ दिया गया.

सड़क का करेंगे निरीक्षण : कार्यपालक अभियंता

ग्रामीणों की शिकायत पर आरईओ के कार्यपालक अभियंता सुबोध कुमार दास ने कहा कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा. ग्रामीण यदि कार्य की गुणवत्ता को लेकर शिकायत कर रहे हैं तो इसकी जांच होगी. वे खुद ही सड़क का निरीक्षण करेंगे.

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