सिरोही : जिले के आबूरोड स्थित महीखेड़ा में उच्च माध्यमिक विद्यालय में 450 से ज्यादा विद्यार्थियों पर सिर्फ 5 शिक्षक होने से बच्चों को पढ़ाई में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर अभिभावकों और ग्रामीणों ने पिछले तीन सालों में कई बार लिखित और मौखिक रूप से जिला शिक्षा अधिकारी के साथ प्रशासनिक स्तर पर गुहार की, लेकिन आरोप है कि उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ. आक्रोशित ग्रामीणों ने सोमवार को अभिभावकों के साथ शिक्षकों की मांग को लेकर स्कूल के मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ दिया. ताला जड़ने के बाद शिक्षा विभाग ने तुरंत प्रभाव से तीन रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की. इसके बाद ग्रामाणों ने स्कूल का ताला खोला.
तुरंत प्रभाव से रिक्त पदों पर तीन शिक्षकों को लगाया : स्कूल के प्राचार्य ललित कुमार ने बताया कि विद्यालय की ओर से बोर्ड को कई बार अवगत करवाया गया है. सोमवार को प्रदर्शन की सूचना मिलते ही ब्लॉक शिक्षा कार्यालय से सतीश पुरोहित मौके पर पहुंचे और अभिभावकों और ग्रामीणों से बात की. उन्होंने उच्च अधिकारियों को पूरी स्थिति से अवगत करवाया, जिसके बाद जिला शिक्षा विभाग ने तुरंत प्रभाव से रिक्त पदों पर तीन शिक्षकों को लगाया है. अन्य रिक्त पदों पर भी जल्द नियुक्ति का भरोसा दिलाया गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने स्कूल का मुख्य दरवाजा खोला.
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10वीं, 11वीं और 12वीं के लिए शिक्षक ही नहीं : ग्रामीणों का आरोप है कि सोमवार को ताला जड़ने को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी और स्थानीय शिक्षा अधिकारी को अवगत करवा दिया था, लेकिन उन्होंने हमारी बात को नहीं सुना. इसके बाद स्कूल पर ताला जड़ा गया है. स्कूल में शिक्षकों की कमी पूरी नहीं होगी, तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा. अभिभावकों ने बताया कि क्षेत्र की महिखेड़ा में एक मात्र सीनियर सेकेंडरी स्कूल है, जिसमें पास के सभी गांवों के बच्चे पढ़ते हैं. उनका आरोप है कि पिछले तीन साल से मात्र 4 शिक्षक हैं. 10वीं, 11वीं और 12वीं के लिए शिक्षक ही नहीं हैं.
राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल महीखेड़ा को राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2021-22 में माध्यमिक से उच्च मध्यमिक में क्रमोन्नत किया गया था. 450 से ज्यादा विद्यार्थियों के नामांकन होने के बाद भी प्रधानाचार्य के साथ एक पीटीआई और तीन अन्य शिक्षक ही स्कूल में हैं. शिक्षकों पर बीएलओ का कार्यभार होने से भी आए दिन उन्हें बाहर रहना पड़ता है. इसके कारण बच्चों की पढ़ाई बिगड़ रही है. इसी परेशानी को लेकर सोमवार को स्कूल खुलते ही सभी अभिभावक अपने बच्चों के साथ स्कूल पहुंचे और उनका आक्रोश फूट पड़ा.