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हजारीबाग के चुरचू में पहुंचा जंगली हाथियों का झुंड, दहशत में ग्रामीण - Wild elephants terror in Hazaribag

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 8, 2024, 12:38 PM IST

Wild elephants terror in Hazaribag. हजारीबाग के चुरचू में जंगली हाथियों का झुंड दिखने के बाद लोगों में डर का माहौल है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है. हाथियों के झुंड से ग्रामीण दहशत में हैं.

Wild elephants terror in Hazaribag
जंगली हाथी (ETV BHARAT)
हजारीबाग में जंगली हाथियों का आतंक (ETV BHARAT)

हजारीबाग: जिले के चुरचू इलाके में जंगली हाथियों का झुंड देखे जाने के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल है. ग्रामीणों के अनुसार झुंड में करीब 15 हाथी हैं. फिलहाल हाथियों ने अभी तक किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाया है. ग्रामीण रात भर जागकर झुंड पर नजर रख रहे हैं. वे डर के साए में रात गुजारने को मजबूर हैं.

ग्रामीण हाथियों के झुंड को गांव से भगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. बताया जाता है कि गोंदवार के जंगल में हाथियों का झुंड देखा गया है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है. वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से जंगल की ओर नहीं जाने की अपील की है.

कई सालों से हाथियों का है आतंक

हजारीबाग जिले के चुरचू प्रखंड क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से हाथियों के आतंक से बचाव का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. हर साल सैकड़ों लोग हाथियों के आतंक से प्रभावित हो रहे हैं. कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. वन विभाग और प्रशासन के अथक प्रयास के बावजूद जान-माल का नुकसान थम नहीं रहा है. हाथियों के हमले से ग्रामीणों को घर, फसल और भंडारित अनाज के रूप में नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पिछले कुछ दिनों से चुरचू प्रखंड क्षेत्र के बालीडीह गोंदवार समेत अन्य गांवों में दर्जनों हाथियों का आतंक जारी है. दिन में हाथी जंगल की ओर चले जाते हैं, लेकिन रात होते ही हाथी गांव की ओर आ जाते हैं. हाथियों ने कई लोगों के कच्चे मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है और कई लोगों की फसलों को रौंद दिया है.

वन विभाग के सारे प्रयास विफल

हाथियों के आतंक से लोगों में दहशत का माहौल है. कई बार ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, लेकिन हाथियों के झुंड को भगाने के सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार पीड़ितों को मुआवजा और अनुग्रह राशि के रूप में मदद करती है, लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी करने में काफी समय लग जाता है. जिसके कारण लोगों को सिर छुपाने के लिए महीनों सोचना पड़ता है.

ग्रामीणों की मानें तो प्रखंड के कुछ इलाकों में हाथियों ने स्थायी ठिकाना बना लिया है. वे भोजन की तलाश में गांवों और बस्तियों की ओर आते हैं. इस क्रम में वे जान-माल का नुकसान करते हैं.

यह भी पढ़ें: जंगली हाथियों के बीच फंसा महावीर, झुंड ने पटक-पटककर ले ली जान - Wild elephants in Lohardaga

यह भी पढ़ें: बोकारो में गजराज का उत्पात! जंगल में महुआ चुनने गए ग्रामीण को हाथियों ने कुचल कर मार डाला, वन विभाग से मुआवजे की मांग - Elephants Mischief In Bokaro

यह भी पढ़ें: बोकारो के गांवों में घुसे 32 से भी ज्यादा जंगली हाथी, फसलों को किया बर्बाद, दहशत में ग्रामीण - Herd of wild elephants in Bokaro

हजारीबाग में जंगली हाथियों का आतंक (ETV BHARAT)

हजारीबाग: जिले के चुरचू इलाके में जंगली हाथियों का झुंड देखे जाने के बाद ग्रामीणों में भय का माहौल है. ग्रामीणों के अनुसार झुंड में करीब 15 हाथी हैं. फिलहाल हाथियों ने अभी तक किसी ग्रामीण को नुकसान नहीं पहुंचाया है. ग्रामीण रात भर जागकर झुंड पर नजर रख रहे हैं. वे डर के साए में रात गुजारने को मजबूर हैं.

ग्रामीण हाथियों के झुंड को गांव से भगाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. बताया जाता है कि गोंदवार के जंगल में हाथियों का झुंड देखा गया है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दे दी है. वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से जंगल की ओर नहीं जाने की अपील की है.

कई सालों से हाथियों का है आतंक

हजारीबाग जिले के चुरचू प्रखंड क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से हाथियों के आतंक से बचाव का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है. हर साल सैकड़ों लोग हाथियों के आतंक से प्रभावित हो रहे हैं. कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं. वन विभाग और प्रशासन के अथक प्रयास के बावजूद जान-माल का नुकसान थम नहीं रहा है. हाथियों के हमले से ग्रामीणों को घर, फसल और भंडारित अनाज के रूप में नुकसान उठाना पड़ रहा है.

पिछले कुछ दिनों से चुरचू प्रखंड क्षेत्र के बालीडीह गोंदवार समेत अन्य गांवों में दर्जनों हाथियों का आतंक जारी है. दिन में हाथी जंगल की ओर चले जाते हैं, लेकिन रात होते ही हाथी गांव की ओर आ जाते हैं. हाथियों ने कई लोगों के कच्चे मकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया है और कई लोगों की फसलों को रौंद दिया है.

वन विभाग के सारे प्रयास विफल

हाथियों के आतंक से लोगों में दहशत का माहौल है. कई बार ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी, लेकिन हाथियों के झुंड को भगाने के सारे प्रयास विफल होते दिख रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार पीड़ितों को मुआवजा और अनुग्रह राशि के रूप में मदद करती है, लेकिन कागजी कार्रवाई पूरी करने में काफी समय लग जाता है. जिसके कारण लोगों को सिर छुपाने के लिए महीनों सोचना पड़ता है.

ग्रामीणों की मानें तो प्रखंड के कुछ इलाकों में हाथियों ने स्थायी ठिकाना बना लिया है. वे भोजन की तलाश में गांवों और बस्तियों की ओर आते हैं. इस क्रम में वे जान-माल का नुकसान करते हैं.

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