कैमूर (भभुआ): बिहार के कैमूर में खेतों में पराली में जलाये जाने की खबर सामने आ रही है. जिला प्रशासन द्वारा लगातर किसानों से अपील की जा रहा है कि खेत में आग ना लगाएं. वहीं ऐसे मामले में दोषी पाए जाने वाले किसानों को चिह्नित कर कृषि विभाग द्वारा कार्यवाही भी की जा रही रहा है. इसके बाद भी किसान खेतों में बचे गेहूं के डंठल में आग लगा दे रहे हैं. जिससे काफी नुकसान हो रहा है.
खेतों में पराली जलाने का लिया जायजाः खेतों में पराली जलाए जाने की सूचना पर जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल ने भभुआ प्रखण्ड के रतवार, महुआत, जागेबराव मिऊ सहित दर्जनों गांवों का जायजा लिया. खेतों में लगी आग को देखकर चिंता जाहिर की. मौके पर विकास सिंह ने कहा कि भभुआ प्रखंड के कई क्षेत्रो में किसानों द्वारा खेतों में लगायी गयी आग से आसपास के गांव वालों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.
पराली से पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहाः विकास सिंह ने बताया कि इससे जीव जंतु और पक्षियों सहित आम आदमियों को भी परेशानी होती है. पर्यावरण भी दूषित हो रहा है. आग से उठने वाली चिंगारी से गांव के कई घरों में आग लग जा रही है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि अपनी खेतों मे लगे डंठल को जलाने के बजाय कोई दूसरा विकल्प ढूंढें. क्योंकि लगातार खेत को जलाने से मिट्टी की क्षमता कम होंगी और पैदवार भी घटेगा.
"इन दिनों जिला में चल रही लगातार पछुआ हवा से आग की लपटें बहुत दूर-दूर तक चली जा रही हैं. इसलिए मैं आम जनता से निवेदन करता हूं कि आग लगाने की घटना से बचें."- विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल, जिप सदस्य, भभुआ
सौ एकड़ में लगी फसल जलकर राख हो गयी थीः बता दें कि अभी कुछ दिन पहले मोहनियां थाना क्षेत्र में डंठल जलाने की वजह से ही सौ एकड़ गेहूं के फसल में आग पकड़ लिया था. जिसमे सौ एकड़ गेहूं की फसल जलकर खाक हो गयी थी. किसानों को आर्थिक क्षति हुई थी. जिप सदस्य ने जिला प्रशासन से अपील की है कि पराली जलाने पर रोक लगायी जाय. ऐसा करने वाले किसानों पर कार्यवाही की जाए.
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