कोरबा: गुरुवार को दीपका खदान में हुए हादसे में खदान के भीतर कोयला निकालने गए तीन लोग मलबे में दब गए थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दो लोगों के शव शुक्रवार की सुबह lk बरामद कर लिए गए. हादसे में जिस तीसरे युवक को मृत समझा जा रहा था वो युवक नीचे खाई में गिरा मिला. युवक को रेस्क्यू कर खाई से निकाला गया और उसे इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया.
हादसे में तीन युवकों की गई जान: खदान हादसे में जिस चौथे युवक को मलबे से बाहर निकाल लिया गया था उसकी इलाज के दौरान गुरुवार की रात को ही मौत हो गई. हादसे में अबतक तीन मौतों की पुष्टि हो चुकी है. हादसे के बाद दीपका और हरदीबाजार क्षेत्र में लोगों का गुस्सा भड़क गया. बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और हरदीबाजार चौक को जाम कर दिया. नाराज लोग मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे. मौके पर पहुंचे सुरक्षा कर्मियों ने जब जाम हटाने की कोशिश की तो उनकी झड़प जवानों से हो गई.
कैसे हुआ हादसा?: दीपका थाना क्षेत्र के बम्हनीकोना निवासी प्रदीप पोर्ते , लक्ष्मण ओढ़े, शत्रुघन कश्यप, अमित श्रोते, और लक्ष्मण मरकाम हरदीबाजार गांव के केंवटाडबरी मोहल्ले के पीछे दीपका खदान के बंद फेस से चोरी छुपे खुदाई कर रहे थे. खुदाई के दौरान दोपहर 3 बजे जमीन का बड़ा हिस्सा नीचे धंस गया. अमित दूर खड़ा होने की वजह से बाल बाल बच गया. जबकि प्रदीप, शत्रुघन और लक्ष्मण ओढ़े के दबे होने की सूचना मिली. शुक्रवार की सुबह प्रदीप और शत्रुघन का शव मिला, जबकि लक्ष्मण ओढ़े नीचे खाई में गिरने की वजह से मिट्टी में नहीं दबा था. लक्ष्मण ओढ़े को रेस्क्यू कर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है. चौथा युवक लक्ष्मण मरकाम दबने से बच गया था. जिसे गुरुवार की शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन शुक्रवार की दरमियानी रात को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
ग्रामीणों के साथ सुरक्षा कर्मियों की झड़प: युवकों के मलबे में दबने की सूचना पर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुुंचे. हरदीबाजार चौकी से घटनास्थल नजदीक होने से पुलिस टीम भी तुरंत मौके पर पहुंची. शुक्रवार को मलबे में बड़े युवकों के शव को बाहर निकालने में सफलता मिली. कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक एवं एसईसीएल अधिकारियों की मौजूदगी में देर रात तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. बड़ी तादाद में ग्रामीण भी घटना स्थल पर पहुंच गए थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा कर्मियों से ग्रामीणों की झड़प भी हुई.
25- 25 लाख मुआवजा देने की मांग: घटना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों और सुरक्षा कर्मियों के बीच तनातनी हो गई. आक्रोशित ग्रामीणों ने हरदी पुलिस थाना का घेराव कर दिया. सरई सिंगार में आक्रोशित ग्रामीणों का चक्का जाम भी शुरू हो गया. मृत ग्रामीणों के परिजनों को मुआवजा और घायलों के इलाज की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गया. ग्रामीण मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को रोजगार देने की मांग पर अड़े रहे. ग्रामीणों का कहना था कि खदान में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की जानी चाहिए.