लखनऊ: राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद यूपी सरकार से ग्राम पंचायतों के विकास और उन्हें सशक्त बनाने के लिए नीति निर्धारण प्रकोष्ठ बनाने की मांग की है. साथ ही सूबे की 12 हजार छोटी ग्राम पंचायतों के विकास के लिए अलग से धनराशि दिए जाने की मांग भी की है. संगठन के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. अखिलेश सिंह ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि, प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में प्रदेश के सभी ग्राम प्रधान भी पूरी मेहनत से जुटकर काम करेंगे. इसके लिए सरकार से हमें अधिक धनराशि की अवश्यकता पड़ेगी. उन्होंने कहा कि, सीएम योगी से हम लोगों ने मुलाकात करके संगठन की मांगों को लेकर चर्चा की. सीएम ने पंचायतों के विकास के लिए पूरा सहयोग देने की बात कही है.
अखिलेश सिंह ने कहा कि, सीएम से मुलाकात में हम लोगों ने आबादी के अनुपात में अनुदान सहित 10 प्रमुख मांगे उठाई हैं. ग्राम पंचायतों को ग्रोथ इंजन के रूप में विकसित किए जाने की मांग की गई है. इसके अलावा संगठन केंद्र सरकार से भी पंचायतों को धनराशि अलॉट करने की मांग करेगा. उन्होंने कहा कि, सीएम से मिलने के बाद फेस स्कैन आइडेंटीफिकेशन से होने वाली समस्या के बारे में अवगत कराया, जिसे दूर कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि, मनरेगा का जो भुगतान है वह सीधे ग्राम पंचायत को दिया जाएगा. जनपद स्तर पर जिला योजना समिति का गठन किया जाएगा. उस समिति में उसे जिले के दो प्रधानों को शामिल किया जाएगा और जनपद के जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक संयुक्त रूप से हर 3 महीने में प्रधानों के साथ बैठक करेंगे. यह तीन घोषणाएं अभी अधूरी है. जिनका स्मरण मुख्यमंत्री को हम लोगों ने कराया है. कुछ मांगे भी हम लोगों ने रखी है, जिनमें ग्राम पंचायत को जो भी काम दिए जाए उसके लिए उसे काम का अलग से बजट दिया जाए और बजट और काम करने के जो तरीके हैं. वह तय करने के लिए एपीसी के अध्यक्षता में कमेटी बने जिसमें प्रधान शामिल हो संगठन के लोग शामिल हो और जो भी 17 विभागों के विभाग अध्यक्ष उसमें शामिल हो.