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मध्य प्रदेश का सबसे भव्य दुर्गा पंडाल! इसे देखा तो आंखों से बहते हैं झरझर आंसू

विदिशा में महिला सुरक्षा की थीम पर बनाया गया दुर्गा पूजा पंडाल. यहां कलयुग में हो रहे महिला अत्याचार को भी प्रदर्शित किया गया है.

VIDISHA WOMEN SAFETY THEME PANDAL
विदिशा में महिला सुरक्षा का संदेश देता हुआ दुर्गा पूजा पंडाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 5:01 PM IST

Updated : Oct 10, 2024, 5:28 PM IST

विदिशा: देशभर में शारदीय नवरात्र का पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. जगह-जगह पर मां दुर्गा का भव्य पंडाल सजा हुआ है. कई पंडालों की बनावट समाज को एक संदेश देने के उद्देश्य से भी की गई है. कहीं पर्यावरण के बचाव को लेकर तो कई सड़क सुरक्षा के संदेश के साथ पंडाल बनाए गए हैं. ऐसा ही एक पूजा पंडाल विदिशा में बनाया गया है, जो महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने का संदेश दे रहा है. यहां पर त्रेता युग, द्वापर युग में महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचार और उनकी सुरक्षा को लेकर संदेश दे रहा है. इसके अलावा कलयुग में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को को भी दिखाया गया है. पूरे पंडाल में इस दुराचार को रोकने की अपील करते हुए स्लोगन भी लिखा गया है.

त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग की छलक

विदिशा में बने इस दुर्गा पूजा पंडाल में त्रेता युग में सीता हरण और द्वापर युग में द्रौपदी के चीर हरण के दृश्य को प्रदर्शित किया गया है. इसके अलावा कलयुग में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को भी बड़े मार्मिक तरीके से दिखाया गया है. इसमें कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से साथ हुए दुष्कर्म की घटना के जरिये महिला अत्याचार की घटनाओं पर रोक लगाने का संदेश देने की कोशिश की गई है. खास बात ये है की ये सारी कालाकृतियां मुर्तियों के जरिए की गई है और सारी मूर्तियां पंडाल सजाने वाले युवाओं ने खुद तैयार की है.

त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग की छलक (ETV Bharat)

हर साल कोई नई थीम पर सजता है पंडाल

इस भव्य पंडाल को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सोहन सिंह राजपूत ने बताया कि, "मोहन गिरी के इस स्थान पर यह 33वां वर्ष है, जब देवी मां को यहां विराजमान किया गया है. हर साल हम कोई ना कोई नई थीम बनाते हैं. इस बार हम त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग की थीम लेकर आए हैं. झांकी में हमने दर्शाया है कि त्रेता युग में भगवान राम का जन्म हुआ था. जब रावण ने सीता का हरण किया था तो भगवान राम वानरों की सेना के साथ लंका पर चढ़ाई कर दिए थे और वे सीता को सुरक्षित वापस ले आए थे."

Vidisha Unique Durga Puja Pandal
कलयुग को दर्शाते हुए शानदार कलाकृति (ETV Bharat)

ये भी पढ़ें:

स्त्री 3 और जोंबी हाउस भूतों से बच भक्त आए देवी शरण में, देखें रंगीन हॉरर हाउस

दुर्गा पंडाल की झांकी में शख्स के एक हाथ में पैग दूसरे में सिगरेट, क्या है माजरा

अत्याचार के खिलाफ सबको एकजुट होने की जरूरत

सोहन सिंह ने बताया, "इसी प्रकार द्वापर युग में जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था तो भगवान श्री कृष्णा ने द्रौपदी का चीर बड़ा कर उनकी लाज बचाई थी. हमारे धर्म में घटित इन घटनाओं से सीख लेने के लिए कलयुग की भी कलाकृति बनाई गई है. इसमें हम यही मैसेज देना चाहते हैं कि आज के समय में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ सबको एकजुट होने की जरूरत है. इसे रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. अपने बच्चे और बच्चियों को अच्छी शिक्षा देनी होगी. बेटियों को आत्मरक्षा के भी गुर सिखाना होगा." इस पंडाल और झांकी को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.

विदिशा: देशभर में शारदीय नवरात्र का पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. जगह-जगह पर मां दुर्गा का भव्य पंडाल सजा हुआ है. कई पंडालों की बनावट समाज को एक संदेश देने के उद्देश्य से भी की गई है. कहीं पर्यावरण के बचाव को लेकर तो कई सड़क सुरक्षा के संदेश के साथ पंडाल बनाए गए हैं. ऐसा ही एक पूजा पंडाल विदिशा में बनाया गया है, जो महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने का संदेश दे रहा है. यहां पर त्रेता युग, द्वापर युग में महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचार और उनकी सुरक्षा को लेकर संदेश दे रहा है. इसके अलावा कलयुग में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार को को भी दिखाया गया है. पूरे पंडाल में इस दुराचार को रोकने की अपील करते हुए स्लोगन भी लिखा गया है.

त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग की छलक

विदिशा में बने इस दुर्गा पूजा पंडाल में त्रेता युग में सीता हरण और द्वापर युग में द्रौपदी के चीर हरण के दृश्य को प्रदर्शित किया गया है. इसके अलावा कलयुग में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को भी बड़े मार्मिक तरीके से दिखाया गया है. इसमें कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से साथ हुए दुष्कर्म की घटना के जरिये महिला अत्याचार की घटनाओं पर रोक लगाने का संदेश देने की कोशिश की गई है. खास बात ये है की ये सारी कालाकृतियां मुर्तियों के जरिए की गई है और सारी मूर्तियां पंडाल सजाने वाले युवाओं ने खुद तैयार की है.

त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग की छलक (ETV Bharat)

हर साल कोई नई थीम पर सजता है पंडाल

इस भव्य पंडाल को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सोहन सिंह राजपूत ने बताया कि, "मोहन गिरी के इस स्थान पर यह 33वां वर्ष है, जब देवी मां को यहां विराजमान किया गया है. हर साल हम कोई ना कोई नई थीम बनाते हैं. इस बार हम त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग की थीम लेकर आए हैं. झांकी में हमने दर्शाया है कि त्रेता युग में भगवान राम का जन्म हुआ था. जब रावण ने सीता का हरण किया था तो भगवान राम वानरों की सेना के साथ लंका पर चढ़ाई कर दिए थे और वे सीता को सुरक्षित वापस ले आए थे."

Vidisha Unique Durga Puja Pandal
कलयुग को दर्शाते हुए शानदार कलाकृति (ETV Bharat)

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दुर्गा पंडाल की झांकी में शख्स के एक हाथ में पैग दूसरे में सिगरेट, क्या है माजरा

अत्याचार के खिलाफ सबको एकजुट होने की जरूरत

सोहन सिंह ने बताया, "इसी प्रकार द्वापर युग में जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था तो भगवान श्री कृष्णा ने द्रौपदी का चीर बड़ा कर उनकी लाज बचाई थी. हमारे धर्म में घटित इन घटनाओं से सीख लेने के लिए कलयुग की भी कलाकृति बनाई गई है. इसमें हम यही मैसेज देना चाहते हैं कि आज के समय में महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ सबको एकजुट होने की जरूरत है. इसे रोकने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. अपने बच्चे और बच्चियों को अच्छी शिक्षा देनी होगी. बेटियों को आत्मरक्षा के भी गुर सिखाना होगा." इस पंडाल और झांकी को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.

Last Updated : Oct 10, 2024, 5:28 PM IST
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