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विदिशा में इस आदिवासी गांव की महिलाएं व बच्चे 3 किमी दूर जाकर हैंडपंप से लाते हैं पानी - vidisha villages water crisis

विदिशा जिले की ग्यारसपुर तहसील के ग्राम मुरझिरी भीषण पेयजल संकट है. यहां अधिकांश आदिवासी परिवार रहते हैं. यहां पेयजल संकट कई सालों से है. यहां के लोग बच्चों समेत तीन किमी दूर स्थित एक हैंडपंप से पानी लाते हैं.

VIDISHA VILLAGES WATER CRISIS
विदिशा के आदिवासी गांवों में पानी का संकट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 7:15 PM IST

विदिशा के आदिवासी गांवों में पानी की समस्या (ETV BHARAT)

विदिशा। जिले की ग्यारसपुर तहसील के ग्राम मुरझिरी के आदिवासी परिवारों ने सरकार से गुहार लगाई है कि पानी की व्यवस्था करवा दें. कई वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे लगभग 60 आदिवासी परिवारों के लिए नदी के पास लगा हैंडपंप ही एकमात्र पेयजल का सहारा. छोटे बच्चों से लेकर परिवार के सभी स्त्री व पुरुष पानी भरने दूरदराज जाते हैं. पेयजल पूर्ति के लिए उनके अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. इन ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस बारे मं शिकायत की थी. हालांकि अभी तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है.

VIDISHA VILLAGES WATER CRISIS
आदिवासी गांवों में पानी का संकट (ETV BHARAT)

पूरा परिवार पानी की जुगाड़ में लगा रहता है

परिवार के सभी सदस्य एक साथ पानी भरने के लिए जाते हैं. मजदूरी पर जाने वाले लोग भी परेशान हैं. उन्हें पानी के लिए अपनी मजदूरी छोड़नी पड़ती है. छोटे बच्चों से लेकर घर के बड़े भी पानी भरने में लगे हुए हैं. इस समस्या को लेकर जिला मुख्यालय में भी पहले शिकायत की गई है लेकिन समस्या का हल नहीं निकला. लोगों ने बताया "पानी के लिए सभी लोग यहां आते हैं और अपने बर्तनों को भरकर फिर गांव लेकर जाते हैं. स्थानीय स्तर पर पेयजल के लिए कई व्यवस्था की गई लेकिन वह सफल नहीं हो सकी." वहीं, इस मामले में कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का कहना है "समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाएगा."

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बिलोरी गांव में पेयजल संकट बरकरार

वहीं, बिलोरी गांव के रहने वाले अभिषेक शर्मा ने बताया "पेयजल समस्या से हमारा गांव भी जूझ रहा है. यहां जहां कहीं भी ट्यूबवेल लगे हैं, वे लोग 400 रुपए लेकर पानी दे रहे हैं. सरकार द्वारा यहां पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है. मजबूरी में पैसा देकर पानी खरीदना पड़ रहा है. इस गांव पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है." मोनिका ने बताया "गांव से पानी भरने के लिए लगभग 3 किलोमीटर दूर से हैंडपंप से पानी लाते हैं. यहां पानी की समस्या तो मेरे जन्म से ही बनी हुई है."

विदिशा के आदिवासी गांवों में पानी की समस्या (ETV BHARAT)

विदिशा। जिले की ग्यारसपुर तहसील के ग्राम मुरझिरी के आदिवासी परिवारों ने सरकार से गुहार लगाई है कि पानी की व्यवस्था करवा दें. कई वर्षों से इस समस्या से जूझ रहे लगभग 60 आदिवासी परिवारों के लिए नदी के पास लगा हैंडपंप ही एकमात्र पेयजल का सहारा. छोटे बच्चों से लेकर परिवार के सभी स्त्री व पुरुष पानी भरने दूरदराज जाते हैं. पेयजल पूर्ति के लिए उनके अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं. इन ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस बारे मं शिकायत की थी. हालांकि अभी तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है.

VIDISHA VILLAGES WATER CRISIS
आदिवासी गांवों में पानी का संकट (ETV BHARAT)

पूरा परिवार पानी की जुगाड़ में लगा रहता है

परिवार के सभी सदस्य एक साथ पानी भरने के लिए जाते हैं. मजदूरी पर जाने वाले लोग भी परेशान हैं. उन्हें पानी के लिए अपनी मजदूरी छोड़नी पड़ती है. छोटे बच्चों से लेकर घर के बड़े भी पानी भरने में लगे हुए हैं. इस समस्या को लेकर जिला मुख्यालय में भी पहले शिकायत की गई है लेकिन समस्या का हल नहीं निकला. लोगों ने बताया "पानी के लिए सभी लोग यहां आते हैं और अपने बर्तनों को भरकर फिर गांव लेकर जाते हैं. स्थानीय स्तर पर पेयजल के लिए कई व्यवस्था की गई लेकिन वह सफल नहीं हो सकी." वहीं, इस मामले में कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य का कहना है "समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाएगा."

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बिलोरी गांव में पेयजल संकट बरकरार

वहीं, बिलोरी गांव के रहने वाले अभिषेक शर्मा ने बताया "पेयजल समस्या से हमारा गांव भी जूझ रहा है. यहां जहां कहीं भी ट्यूबवेल लगे हैं, वे लोग 400 रुपए लेकर पानी दे रहे हैं. सरकार द्वारा यहां पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है. मजबूरी में पैसा देकर पानी खरीदना पड़ रहा है. इस गांव पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है." मोनिका ने बताया "गांव से पानी भरने के लिए लगभग 3 किलोमीटर दूर से हैंडपंप से पानी लाते हैं. यहां पानी की समस्या तो मेरे जन्म से ही बनी हुई है."

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