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पितृपक्ष पर तर्पण करने बड़ी संख्या में बेतवा किनार पहुंचे श्रद्धालु, जानें कुशा से क्यों देते हैं जल - Betawa Pitra Paksh Tarpan

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 18, 2024, 12:09 PM IST

विदिशा में पितृपक्ष पर बेतवा नदी के विभिन्न घाटों में बड़ी संख्या में लोग तर्पण करने पहुंचे. बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, जिस वजह से प्रशासन ने सुरक्षा के भी इंतजाम कर रखें है. पितृ पक्ष के पहले ही दिन यहां पर तर्पण के लिए भारी भीड़ उमड़ी, उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों यहां और भीड़ बढ़ेगी.

BETWA RIVER PITRU PAKSHA TARPAN
पितृपक्ष पर तर्पण करने बड़ी संख्या में बेतवा नदी पहुंचे श्रद्धालु (ETV Bharat)

विदिशा : पितृपक्ष पर बड़ी संख्या में लोग बेतवा नदी के विभिन्न घाटों पर तर्पण करने पहुंचे. बता दें कि पितृपक्ष बुधवार 18 सितंबर से शुरू हो गया है, जो अगले 15 दिनों तक चलेगा. पितृपक्ष आगामी मोक्ष अमावस्या पर समाप्त होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उज्जैन, बनारस, इलाहाबाद, हरिद्वार, त्र्यंबकेश्वर, गयाजी, आदि स्थानों पर इस दौरान पिंडदान और कर्मकांड कराए जाने का विधान है.

पितरों के तर्पण करने पहुंचे श्रद्धालु

पितृपक्ष पर श्रद्धालु अपने पितरों को याद करते हुए उन्हें तर्पण श्राद्ध और पिंडदान करेंगे. बुधवार को श्राद्ध पक्ष की शुरुआत के प्रथम दिन ही विदिशा के लोगों ने बेतवा नदी के विभिन्न घाटों पर अपने पितरों को तर्पण कर जल अंजलि दी. बेतवा का जल स्तर बढ़ने चरण तीर्थ घाट, बब्बू भैया घाट, बढ़ वाले घाट, हनुमान घाट, राम घाट, महल घाट आदि पर अधिक पानी है. इन घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से सतर्क रहने की जरूरत है.

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बेतवा को कहते हैं कलयुग की गंगा

पंडित राजेंद्र दुबे ने बताया, " कलयुग की गंगा कही जाने वाली बेतवा में जल तर्पण करने से अक्षय फल प्राप्त होता है. कुशा की जड़ों में भगवान का प्राण है, कुशा से पितृपक्ष में जल दिया जाता है." वहीं, उन्होंने घाट पर गदंगी को लेकर कहा कि गणेश जी के विसर्जन के बाद से घाट पर फिसलन हो गई है. नगर पालिका को सही से सफाई करना चाहिए. उन्होंने महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाए जाने की भी मांग की.

विदिशा : पितृपक्ष पर बड़ी संख्या में लोग बेतवा नदी के विभिन्न घाटों पर तर्पण करने पहुंचे. बता दें कि पितृपक्ष बुधवार 18 सितंबर से शुरू हो गया है, जो अगले 15 दिनों तक चलेगा. पितृपक्ष आगामी मोक्ष अमावस्या पर समाप्त होगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उज्जैन, बनारस, इलाहाबाद, हरिद्वार, त्र्यंबकेश्वर, गयाजी, आदि स्थानों पर इस दौरान पिंडदान और कर्मकांड कराए जाने का विधान है.

पितरों के तर्पण करने पहुंचे श्रद्धालु

पितृपक्ष पर श्रद्धालु अपने पितरों को याद करते हुए उन्हें तर्पण श्राद्ध और पिंडदान करेंगे. बुधवार को श्राद्ध पक्ष की शुरुआत के प्रथम दिन ही विदिशा के लोगों ने बेतवा नदी के विभिन्न घाटों पर अपने पितरों को तर्पण कर जल अंजलि दी. बेतवा का जल स्तर बढ़ने चरण तीर्थ घाट, बब्बू भैया घाट, बढ़ वाले घाट, हनुमान घाट, राम घाट, महल घाट आदि पर अधिक पानी है. इन घाटों पर सुरक्षा की दृष्टि से सतर्क रहने की जरूरत है.

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पंडित राजेंद्र दुबे ने बताया, " कलयुग की गंगा कही जाने वाली बेतवा में जल तर्पण करने से अक्षय फल प्राप्त होता है. कुशा की जड़ों में भगवान का प्राण है, कुशा से पितृपक्ष में जल दिया जाता है." वहीं, उन्होंने घाट पर गदंगी को लेकर कहा कि गणेश जी के विसर्जन के बाद से घाट पर फिसलन हो गई है. नगर पालिका को सही से सफाई करना चाहिए. उन्होंने महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम बनाए जाने की भी मांग की.

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